2007 की हार के बाद वर्ल्ड कप जीतना मेरा ख़्वाब बन गया. मैंने उसे चुनौती की तरह लिया. मैंने खुद से कहा कि मैं ट्रॉफी जीतना चाहता हूँ. यह एक चुनौती थी और मैंने इसके लिए काम किया.

2011 में टीम इंडिया ने जब 28 साल बाद वर्ल्ड कप जीता तो सचिन तेंदुलकर ने मिड डे को दिए इंटरव्यू में ये बात कही.
वो सचिन तेंदुलकर का आखिरी वर्ल्ड कप था. विराट कोहली उस वक्त टीम इंडिया के उभरते हुए सितारे थे. रोहित शर्मा उस वर्ल्ड कप का हिस्सा तो नहीं थे, लेकिन उनमें भी टीम इंडिया का फ्यूचर देखा जा रहा था.
12 साल बाद टीम इंडिया बेहद करीब आकर वर्ल्ड कप का खिताब जीतने से चूक गई. लेकिन सचिन की तरह रोहित शर्मा की टीम ने भी खिताब जीतने को एक चुनौती की तरह ही लिया.

टीम इंडिया ने 2023 वनडे वर्ल्ड कप की हार के बाद जबरदस्त वापसी करते हुए सिर्फ 15 महीनों में दो बड़े खिताब अपने नाम किए—2024 अंडर-19 वर्ल्ड कप और 2024 टेस्ट सीरीज़ (बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी)। यह सफलता कई अहम कारणों का नतीजा है:
1. मेंटल स्ट्रेंथ और लीडरशिप
- रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़ की जोड़ी ने हार से सीखते हुए टीम का आत्मविश्वास बनाए रखा।
- कोचिंग स्टाफ और सपोर्ट सिस्टम ने खिलाड़ियों को मानसिक रूप से मजबूत किया।
2. युवा और अनुभवी खिलाड़ियों का तालमेल
- शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल जैसे युवा खिलाड़ी बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं।
- विराट कोहली, रोहित शर्मा और जसप्रीत बुमराह जैसे अनुभवी खिलाड़ियों ने स्थिरता दी।
3. बेंच स्ट्रेंथ और डोमेस्टिक क्रिकेट का फायदा
- घरेलू क्रिकेट से तैयार होकर कई नए खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।
- सरफराज खान, रजत पाटीदार जैसे नए सितारों को मौके मिल रहे हैं।
4. गेंदबाज़ी का दमदार प्रदर्शन
- मोहम्मद सिराज, बुमराह, और कुलदीप यादव जैसे गेंदबाज़ों ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया।
- वर्ल्ड कप की हार के बाद टीम ने बॉलिंग में और सुधार किया।
5. रणनीति में बदलाव और बेहतर टीम संयोजन
- टीम ने हालात के मुताबिक रणनीति बनाई और सही खिलाड़ियों का चयन किया।
- विदेशी धरती पर भी दमदार प्रदर्शन किया।
निष्कर्ष
टीम इंडिया ने हार को भुलाकर लगातार मेहनत और सही रणनीति से वापसी की। आने वाले टूर्नामेंट्स (T20 वर्ल्ड कप 2024) में भी यही आत्मविश्वास भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है। 🚀🏆
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