Advertisement

LIC: 31 मार्च तक स्टैंडअलोन हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी में हिस्सेदारी खरीद की घोषणा संभव

LIC

मुंबई: सरकारी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कॉर Hपोरेशन ऑफ इंडिया (LIC) जल्द ही हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में कदम रखने की तैयारी में है। मंगलवार को LIC के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) सिद्धार्थ मोहंती ने घोषणा की कि कंपनी चालू वित्त वर्ष 2024-25 की समाप्ति, यानी 31 मार्च 2025 से पहले, एक स्टैंडअलोन हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने का ऐलान कर सकती है।

हालांकि, सिद्धार्थ मोहंती ने उस कंपनी का नाम उजागर नहीं किया, जिसमें LIC हिस्सेदारी लेने की योजना बना रही है। मुंबई में आयोजित ग्लोबल कॉन्फ्रेंस ऑफ एक्चुअरीज के दौरान उन्होंने कहा, “हमारी योजनाएं तैयार हैं और संभावित कंपनी के साथ बातचीत अंतिम चरण में है। हेल्थ इंश्योरेंस में प्रवेश LIC के लिए एक स्वाभाविक कदम है। नियामक मंजूरी में समय लगता है, लेकिन मुझे उम्मीद है कि इस वित्तीय वर्ष के अंत तक यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।”

LIC नहीं लेगी बहुमत हिस्सेदारी

मोहंती ने यह भी साफ किया कि LIC इस हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी में बहुमत हिस्सेदारी हासिल करने की योजना नहीं बना रही है। इससे पहले वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में LIC ने घोषणा की थी कि वह हेल्थ इंश्योरेंस क्षेत्र में उतरने के लिए एक स्टैंडअलोन हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने पर विचार कर रही है।

वर्तमान में भारतीय बाजार में सात स्टैंडअलोन हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां सक्रिय हैं, जिनमें स्टार हेल्थ एंड एलाइड इंश्योरेंस, निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस, केयर हेल्थ इंश्योरेंस, आदित्य बिड़ला हेल्थ इंश्योरेंस, मणिपाल सिग्ना हेल्थ इंश्योरेंस, नारायण हेल्थ इंश्योरेंस और गैलेक्सी हेल्थ इंश्योरेंस शामिल हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि LIC इनमें से किस कंपनी में निवेश करती है।

RBI से लंबी अवधि के बॉन्ड्स की मांग

इसके साथ ही, मोहंती ने बताया कि LIC ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से लंबी अवधि के बॉन्ड्स जारी करने का अनुरोध किया है। LIC ने पहले 40 साल की अवधि वाले बॉन्ड्स की मांग की थी, जिसे RBI ने स्वीकार कर लिया था। अब कंपनी 50 साल और 100 साल की अवधि वाले बॉन्ड्स के लिए RBI के साथ चर्चा कर रही है।

उन्होंने कहा, “हम लंबी अवधि के निवेशक हैं। हमारे अनुबंधों के तहत भुगतान के लिए दायित्व हैं, इसलिए हमें निवेश और देनदारी प्रबंधन को संतुलित करना जरूरी है। पश्चिमी देशों में लंबी अवधि के बॉन्ड्स आम हैं।” गौरतलब है कि RBI ने हाल ही में इंश्योरेंस और पेंशन फंड्स की बढ़ती मांग को देखते हुए 50 साल के बॉन्ड्स पेश किए थे।

तीसरी तिमाही में LIC का मुनाफा 16% बढ़ा

देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC ने वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में शानदार प्रदर्शन किया। इस दौरान कंपनी का समेकित शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 16% बढ़कर 11,009 करोड़ रुपये हो गया। पिछले साल की समान तिमाही में यह आंकड़ा 9,469 करोड़ रुपये था। LIC ने 7 फरवरी 2025 को अपने तीसरी तिमाही के नतीजे घोषित किए थे।

हालांकि, कंपनी की नेट प्रीमियम आय में 9% की गिरावट दर्ज की गई। FY25 की तीसरी तिमाही में नेट प्रीमियम आय 1.07 लाख करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की समान अवधि में 1.17 लाख करोड़ रुपये थी। वर्तमान में LIC का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) 5.16 लाख करोड़ रुपये है।

LIC का गौरवशाली इतिहास

LIC की स्थापना 1 सितंबर 1956 को हुई थी, जब भारत सरकार ने 154 भारतीय बीमा कंपनियों, 16 विदेशी कंपनियों और 75 प्रोविडेंट सोसाइटीज का राष्ट्रीयकरण कर उन्हें एकीकृत किया था। शुरुआत में LIC के पास 5 जोनल ऑफिस, 33 डिविजनल ऑफिस, 212 शाखाएं और एक कॉर्पोरेट ऑफिस था। पहले साल में ही कंपनी ने 200 करोड़ रुपये का कारोबार किया, जो उस समय सरकार के समर्थन और भरोसे का प्रतीक था।

आगे की राह

हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में LIC का प्रवेश न केवल इसके कारोबार को विविधता देगा, बल्कि ग्राहकों को भी ज्यादा विकल्प प्रदान करेगा। 31 मार्च 2025 तक हिस्सेदारी खरीद की घोषणा और RBI से लंबी अवधि के बॉन्ड्स की मंजूरी जैसे कदम LIC को और मजबूत स्थिति में ला सकते हैं। सभी की नजरें अब इस बात पर टिकी हैं कि LIC किस हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी में निवेश करेगी और यह कदम बीमा क्षेत्र में क्या बदलाव लाएगा।

More News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *