इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का 18वां सीजन 22 मार्च 2025 से शुरू होने जा रहा है। इस बार का ओपनिंग मैच कोलकाता के ईडन गार्डन्स में कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के बीच खेला जाएगा। ये दोनों टीमें 2008 में शुरू हुए आईपीएल के पहले सीजन से ही इस टूर्नामेंट का हिस्सा रही हैं। इस बार लीग में 10 टीमें हिस्सा लेंगी, लेकिन 18 साल के आईपीएल इतिहास में कई टीमें ऐसी भी रही हैं जो अब इस टूर्नामेंट से बाहर हो चुकी हैं। इनमें से पांच उल्लेखनीय टीमों की बात करें तो एक के खिलाफ सचिन तेंदुलकर ने अपनी इकलौती टी-20 सेंचुरी बनाई थी, जबकि एक टीम चैंपियन बनने के बाद भी गायब हो गई। आइए इनके बारे में जानते हैं।

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) ने अपने शुरुआती दिनों से लेकर अब तक कई टीमों को आते-जाते देखा है। कुछ टीमें जो कभी लीग का हिस्सा थीं, अब गायब हो चुकी हैं। यहाँ हम उन पाँच टीमों की बात करेंगे जो 2008 से 2013 के बीच आईपीएल का हिस्सा थीं, लेकिन बाद में विभिन्न कारणों से बाहर हो गईं। इसमें 2009 की चैंपियन टीम डेक्कन चार्जर्स भी शामिल है, जिसने खिताब जीतने के बावजूद लीग में अपनी जगह नहीं बना पाई। साथ ही, एक ऐसी टीम का भी जिक्र होगा जिसके खिलाफ सचिन तेंदुलकर ने टी-20 सेंचुरी बनाई थी, और दूसरी जो रनर-अप बनकर भी बाहर हो गई। आइए, इनके पीछे की कहानी जानते हैं।
गुजरात लायंस की तरह राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स को भी 2 ही सीजन के लिए IPL का हिस्सा बनाया गया था। टीम ने CSK और RR में से एक फ्रेंचाइजी को रिप्लेस किया। इसलिए 2018 में दोनों के लौटते ही RPSG का सफर थम गया। हालांकि, फ्रेंचाइजी मालिक संजीव गोयनका ने 2022 में लखनऊ बेस्ड IPL टीम को खरीद लिया। उन्होंने टीम का नाम लखनऊ सुपरजायंट्स ही रखा। यह टीम भी टाइटल नहीं जीत सकी है।
डेक्कन चार्जर्स (2009 की चैंपियन)
डेक्कन चार्जर्स ने 2009 में आईपीएल का खिताब जीता था। हैदराबाद की इस टीम ने एडम गिलक्रिस्ट की कप्तानी में शानदार प्रदर्शन किया और फाइनल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को हराया। हालांकि, टीम मालिकाना हक और वित्तीय समस्याओं से जूझती रही। 2012 में, इसके मालिक डेक्कन क्रॉनिकल होल्डिंग्स ने भारी कर्ज के चलते टीम को बेच दिया। सनराइजर्स हैदराबाद ने इसे खरीद लिया, और इस तरह डेक्कन चार्जर्स का नाम आईपीएल से हट गया।

यह टीम 2011 में आईपीएल में शामिल हुई थी, और उसी साल सचिन तेंदुलकर ने इसके खिलाफ मुंबई इंडियंस के लिए अपनी एकमात्र टी-20 सेंचुरी (100 नाबाद) बनाई थी। लेकिन यह टीम सिर्फ एक सीजन ही खेल पाई। इसके मालिकों के बीच आंतरिक विवाद और बीसीसीआई को भुगतान में चूक के कारण इसकी फ्रेंचाइजी रद्द कर दी गई। कोच्चि टस्कर्स का सफर छोटा लेकिन यादगार रहा।
पुणे वॉरियर्स इंडिया
पुणे वॉरियर्स 2011 से 2013 तक आईपीएल का हिस्सा रही। यह टीम 2010 में सहारा ग्रुप द्वारा खरीदी गई थी, लेकिन वित्तीय अनियमितताओं और बीसीसीआई के साथ मतभेद के कारण 2013 के बाद इसे हटा दिया गया। टीम ने कभी कोई खिताब नहीं जीता, लेकिन सौरव गांगुली और युवराज सिंह जैसे बड़े नाम इसके साथ जुड़े थे।
राजस्थान रॉयल्स (2008 की चैंपियन, अस्थायी रूप से बाहर)
राजस्थान रॉयल्स ने शेन वॉर्न की कप्तानी में 2008 में पहला आईपीएल खिताब जीता था। हालांकि, 2015 में सट्टेबाजी और मैच फिक्सिंग के आरोपों के चलते इसे दो साल के लिए निलंबित कर दिया गया। 2018 में यह वापस आई, लेकिन बीच के समय में यह लीग से गायब रही। यह उन टीमों में से एक है जो बाद में लौटी।

यह टीम 2016 और 2017 में आईपीएल में खेली, जब राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपर किंग्स निलंबित थे। 2016 में यह फाइनल में पहुँची, लेकिन एमएस धोनी की कप्तानी में भी खिताब नहीं जीत पाई और रनर-अप रही। यह अस्थायी टीम थी, और 2017 के बाद इसे हटा दिया गया, क्योंकि मूल टीमों की वापसी हो गई।
निष्कर्ष
इन टीमों के बाहर होने के पीछे मुख्य कारण वित्तीय परेशानियाँ, मालिकाना हक के विवाद, और बीसीसीआई के नियमों का उल्लंघन रहे। डेक्कन चार्जर्स और कोच्चि टस्कर्स जैसी टीमें स्थायी रूप से गायब हो गईं, जबकि कुछ अस्थायी टीमों ने अपनी भूमिका पूरी की। आईपीएल का यह उतार-चढ़ाव लीग की प्रतिस्पर्धा और रोमांच को दर्शाता है।
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