राहुल गांधी का बड़ा बयान
कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि उन्हें सदन में बोलने का मौका नहीं दिया जाता। राहुल का कहना है कि जब भी वे कोई सवाल उठाना चाहते हैं या अपनी बात रखना चाहते हैं, तो उनकी आवाज दबा दी जाती है। उनके मुताबिक, यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है, क्योंकि विपक्ष को भी अपनी बात कहने का हक होना चाहिए।
क्या है पूरा मामला?
हाल ही में लोकसभा की कार्यवाही के दौरान राहुल गांधी ने यह शिकायत की। उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला उन्हें बोलने से रोकते हैं। राहुल के अनुसार, जब वे खड़े होकर कुछ कहना चाहते हैं, तो या तो उनकी बात सुनी नहीं जाती या फिर सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी जाती है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विपक्ष के सवालों का जवाब देने की बजाय सरकार चुप्पी साध लेती है।
‘सदन अलोकतांत्रिक तरीके से चल रहा’
राहुल गांधी ने साफ शब्दों में कहा कि लोकसभा को अलोकतांत्रिक तरीके से चलाया जा रहा है। उनका मानना है कि लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष दोनों की जगह होती है, लेकिन यहाँ विपक्ष को दबाया जा रहा है। उन्होंने कहा, “मैं शांति से बैठा था, कुछ गलत नहीं किया, फिर भी मुझे बोलने नहीं दिया जाता। यह ठीक नहीं है।”
कांग्रेस का समर्थन
कांग्रेस के दूसरे नेताओं ने भी राहुल की बात का समर्थन किया। पार्टी के उपनेता गौरव गोगोई ने कहा कि पहले जब सुषमा स्वराज विपक्ष की नेता थीं, तो उन्हें पूरा सम्मान और बोलने का मौका मिलता था। लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा। कांग्रेस सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष से मिलकर इसकी शिकायत भी की, लेकिन उन्हें कोई साफ जवाब नहीं मिला।
लोगों में चर्चा
राहुल गांधी का यह बयान सोशल मीडिया और खबरों में छाया हुआ है। कुछ लोग इसे विपक्ष की आवाज दबाने का सबूत मान रहे हैं, तो कुछ इसे राजनीतिक ड्रामा बता रहे हैं। लेकिन यह सवाल सबके मन में है कि क्या सच में लोकसभा में विपक्ष को बोलने की आजादी नहीं मिल रही?
आगे क्या होगा?
राहुल गांधी ने यह साफ कर दिया है कि वे अपनी बात रखने की कोशिश जारी रखेंगे। यह मुद्दा आने वाले दिनों में और बड़ा हो सकता है। अगर विपक्ष को लगातार बोलने से रोका गया, तो संसद में हंगामा बढ़ सकता है। अब सबकी नजर इस बात पर है कि लोकसभा अध्यक्ष और सरकार इस पर क्या जवाब देते हैं।
निष्कर्ष
राहुल गांधी का कहना है कि लोकतंत्र तभी मजबूत होगा, जब विपक्ष को भी सुना जाएगा। उनके इस बयान ने एक बार फिर संसद की कार्यवाही पर सवाल उठाए हैं। क्या यह सिर्फ एक आरोप है या सच में सदन में कुछ गलत हो रहा है? यह आने वाला वक्त ही बताएगा।
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