13 मई 2008 को जयपुर में हुए सीरियल बम ब्लास्ट के दौरान चांदपोल स्थित रामचंद्र मंदिर के पास एक जिंदा बम बरामद हुआ था। इस मामले में विशेष अदालत ने सुनवाई पूरी कर ली है और अब 4 अप्रैल 2025 को फैसला सुनाएगी।
मामले का संक्षिप्त विवरण:
- घटना: 13 मई 2008 को जयपुर में 8 सीरियल बम धमाके हुए, जिनमें 71 लोगों की मृत्यु हुई और 185 से अधिक घायल हुए। इन धमाकों के बाद चांदपोल हनुमान मंदिर के पास एक जिंदा बम मिला, जिसे निष्क्रिय किया गया।
- आरोपी: इस मामले में सैफुर्रहमान, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सरवर आजमी और शाहबाज अहमद को आरोपी बनाया गया। इनमें से सैफुर्रहमान और मोहम्मद सैफ जयपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं, जबकि मोहम्मद सरवर आजमी और शाहबाज अहमद जमानत पर हैं।
- पिछली सुनवाई: विशेष अदालत ने दिसंबर 2019 में चार आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी, लेकिन मार्च 2023 में राजस्थान हाईकोर्ट ने सजा को रद्द कर सभी आरोपियों को बरी कर दिया। राज्य सरकार ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है।
वर्तमान स्थिति:
विशेष अदालत ने जिंदा बम मामले में दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद 4 अप्रैल 2025 को फैसला सुनाने की तिथि निर्धारित की है। इस निर्णय पर सभी की निगाहें टिकी हैं, क्योंकि यह 17 साल पुराने इस मामले में न्याय की दिशा तय करेगा।
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