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गुजरात(Gujarat) के जामनगर(Jamnagar) में जगुआर लड़ाकू विमान दुर्घटना, वरिष्ठ वायुसेना अधिकारी की मौत | New PaperDoll

गुजरात(Gujarat) के जामनगर(Jamnagar) में जगुआर लड़ाकू विमान दुर्घटना, वरिष्ठ वायुसेना अधिकारी की मौत | New PaperDoll

जामनगर, गुजरात: आज सुबह एक दुखद हादसे में भारतीय वायुसेना का जगुआर लड़ाकू विमान जामनगर वायुसेना अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद गुजरात के कच्छ जिले में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में विमान उड़ा रहे वरिष्ठ अधिकारी, एयर कमोडोर संजय चौहान की मौत हो गई। यह विमान नियमित प्रशिक्षण मिशन पर था, जब सुबह करीब 10:30 बजे यह बरेजा गांव के पास एक खेत में क्रैश हो गया।

अनुभवी पायलट थे संजय चौहान

एयर कमोडोर संजय चौहान भारतीय वायुसेना के एक सम्मानित और अनुभवी लड़ाकू पायलट थे। 1989 में वायुसेना में शामिल हुए चौहान के पास 3,800 घंटे से ज्यादा उड़ान का अनुभव था। वह एक योग्य उड़ान प्रशिक्षक (QFI) और टेस्ट पायलट थे। उन्हें 2010 में वायु सेना पदक से भी सम्मानित किया गया था। चौहान ने अपने करियर में जगुआर, मिग-21, हंटर, किरण, और बोइंग 737 जैसे 17 अलग-अलग विमानों को उड़ाया था। इसके अलावा, उन्हें राफेल, ग्रिपेन और यूरो फाइटर जैसे आधुनिक लड़ाकू विमानों को परखने का भी अनुभव था।

रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष ओझा ने बताया, “जामनगर से उड़ान भरने के बाद यह जगुआर विमान प्रशिक्षण के दौरान बरेजा गांव के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में एयर कमोडोर संजय चौहान को गंभीर चोटें आईं, जिसके चलते उनकी मौत हो गई।”

हादसे की जांच शुरू

वायुसेना ने इस दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया है। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, विमान में तकनीकी खराबी की वजह से यह हादसा हुआ हो सकता है। मौके पर पहुंची सुरक्षा एजेंसियों ने इलाके को सील कर दिया और जांच शुरू कर दी है।

स्थानीय लोगों ने देखा मंजर

हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने बताया कि विमान का मलबा खेतों में दूर-दूर तक बिखर गया था। कुछ गायें, जो खेतों में चर रही थीं, मलबे की चपेट में आकर मर गईं। गांव वालों ने बताया कि हादसे के बाद धुआं और आग की लपटें दूर से दिखाई दे रही थीं। सुरक्षा बलों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला।

वायुसेना के लिए बड़ा नुकसान

एयर कमोडोर संजय चौहान की मौत को भारतीय वायुसेना के लिए एक बड़ी क्षति माना जा रहा है। उनके पास न सिर्फ उड़ान का लंबा अनुभव था, बल्कि उन्होंने कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां भी निभाई थीं। वह जामनगर वायुसेना स्टेशन के एयर ऑफिसर कमांडिंग भी थे।

यह हादसा वायुसेना के लिए एक चेतावनी भी है कि पुराने विमानों की तकनीकी स्थिति पर ध्यान देने की जरूरत है। इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर भी लोग अपनी संवेदनाएं व्यक्त कर रहे हैं और जांच की मांग कर रहे हैं।


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