राजस्थान में प्रॉपर्टी रजिस्ट्री से बंपर कमाई: 5 साल में रेवेन्यू हुआ दोगुना
जयपुर: कोविड के बाद से राजस्थान में लोग फिर से प्रॉपर्टी रजिस्ट्री की ओर बढ़े हैं। नतीजा यह हुआ कि पिछले 5 साल में स्टाम्प ड्यूटी और पंजीयन शुल्क से राज्य सरकार की आय में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है। खास बात यह है कि साल 2024-25 में सरकार को प्रॉपर्टी रजिस्ट्री से 10,532.75 करोड़ रुपए का रेवेन्यू मिला, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। हालाँकि, यह निर्धारित लक्ष्य 11,900 करोड़ का 88.51% ही है, फिर भी पिछले सालों की तुलना में यह बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
पांच साल का रेवेन्यू ग्राफ: एक नजर में बढ़ोतरी
पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2020-21 में कोविड के दौरान प्रॉपर्टी रजिस्ट्री से सरकार को 5,297.27 करोड़ रुपए मिले थे। लेकिन अब यह आंकड़ा बढ़कर 10,532.75 करोड़ तक पहुँच गया है। यानी 5 साल में रेवेन्यू लगभग दोगुना हो गया। इसके पीछे बड़ी वजह प्रॉपर्टी में लोगों का बढ़ता रुझान और डीएलसी दरों में हुई बढ़ोतरी को माना जा रहा है।

डीएलसी दरों का असर: जयपुर रहा अव्वल
भजनलाल सरकार ने सत्ता में आने के बाद पिछले वित्तवर्ष में डीएलसी दरों को दो बार बढ़ाया। विशेषज्ञों का कहना है कि जयपुर में सबसे ज्यादा असर देखने को मिला। यहाँ अप्रैल 2024 से दिसंबर 2024 तक डीएलसी दरों में 25% तक की बढ़ोतरी हुई। पहले अप्रैल में 10% और फिर दिसंबर में 5 से 15% तक का इजाफा किया गया। नतीजतन, जयपुर से ही राज्य की कुल स्टाम्प ड्यूटी आय का 35-40% हिस्सा आता है। इस बढ़ोतरी ने प्रॉपर्टी रजिस्ट्री से होने वाले रेवेन्यू को नई ऊँचाई दी।
पिछले 5 साल का डेटा: लक्ष्य और कमाई का लेखा-जोखा
आइए, पिछले 5 साल में प्रॉपर्टी रजिस्ट्री से मिले रेवेन्यू पर नजर डालें:
- 2020-21: लक्ष्य 5,550 करोड़, कमाई 5,297.27 करोड़ (95.45%)
- 2021-22: लक्ष्य 6,800 करोड़, कमाई 6,491.90 करोड़ (95.47%)
- 2022-23: लक्ष्य 8,300 करोड़, कमाई 8,189.23 करोड़ (98.67%)
- 2023-24: लक्ष्य 10,000 करोड़, कमाई 9,181.49 करोड़ (91.81%)
- 2024-25: लक्ष्य 11,900 करोड़, कमाई 10,532.75 करोड़ (88.51%)
हालाँकि, इस साल लक्ष्य पूरा नहीं हो सका, लेकिन रेवेन्यू का ग्राफ लगातार ऊपर चढ़ता दिख रहा है। खासकर 2022-23 में 98.67% लक्ष्य हासिल करना सरकार के लिए बड़ी सफलता थी।
आगे क्या?
प्रॉपर्टी में बढ़ते रुझान और डीएलसी दरों के असर से आने वाले सालों में भी प्रॉपर्टी रजिस्ट्री से रेवेन्यू बढ़ने की उम्मीद है। सूत्रों का कहना है कि सरकार अब इस सेक्टर को और मजबूत करने की योजना बना रही है। जयपुर जैसे बड़े शहरों के साथ-साथ छोटे जिलों में भी प्रॉपर्टी खरीदारी को बढ़ावा देने की कोशिश होगी।
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