वक्फ संपत्ति पर राज्यपाल का बड़ा बयान
बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने वक्फ संपत्ति को लेकर बड़ी बात कही। उन्होंने पटना में कहा कि वक्फ संपत्ति अल्लाह की होती है। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं कि सिर्फ मुस्लिम इसका हकदार हैं। गैर-मुस्लिमों का भी इस पर बराबर का अधिकार है। साथ ही, इसका इस्तेमाल गरीबों और जरूरतमंदों के लिए होना चाहिए।
गरीबों के लिए हो काम
राज्यपाल ने कुरान का हवाला दिया। उन्होंने बताया कि इसमें फकीर और मिस्कीन का जिक्र है। फकीर यानी मुस्लिम और मिस्कीन यानी गैर-मुस्लिम। फिर, इसका मतलब साफ है कि वक्फ संपत्ति हर जरूरतमंद के लिए है। उन्होंने सवाल उठाया कि पटना में वक्फ की इतनी संपत्ति है। लेकिन, क्या एक भी अस्पताल या अनाथालय इसके जरिए बना? नहीं, सिर्फ मुकदमेबाजी चल रही है।
वक्फ में सुधार जरूरी
आरिफ मोहम्मद खान ने वक्फ संशोधन बिल का समर्थन किया। उनका कहना था कि इसमें बहुत सुधार की जरूरत थी। यह बिल सही दिशा में कदम है। उन्होंने अपने पुराने अनुभव साझा किए। जब वे यूपी में वक्फ मंत्रालय में थे, तब उन्हें सिर्फ संपत्ति के झगड़े दिखे। कोई जनहित का काम नहीं हो रहा था।
पहले भी उठाए सवाल
इससे पहले, 3 अप्रैल को भी राज्यपाल ने वक्फ संपत्ति पर बात की थी। उन्होंने कहा था कि 1980 में मुस्लिम महिला सुरक्षा कानून बना। इसमें तलाकशुदा महिलाओं को वक्फ से भत्ता देने की बात थी। लेकिन, जब संसद में सवाल पूछा गया, तो जवाब आया कि एक भी वक्फ बोर्ड ने ऐसा कोई प्रावधान नहीं किया।
वैधता पर भी चर्चा
उन्होंने वक्फ की वैधता पर सवाल उठाया। उनका कहना था कि मुस्लिम देशों में इसे गैर-इस्लामी माना गया था। लेकिन, 1913 में मोहम्मद अली जिन्ना ने एक्ट पास कर इसे मान्यता दी। फिर भी, इसका मकसद गरीबों की मदद होना चाहिए। राज्यपाल पटना में जगजीवन राम की जयंती समारोह में बोल रहे थे।
लोगों को है प्रोटेस्ट का हक
उन्होंने यह भी कहा कि भारत लोकतांत्रिक देश है। यहाँ हर किसी को अपनी बात कहने का हक है। लेकिन, वक्फ संपत्ति का सही इस्तेमाल जरूरी है। अगर यह सिर्फ मुकदमों में फंसी रहेगी, तो इसका फायदा किसे होगा?
आगे क्या होगा?
वक्फ संशोधन बिल पास हो चुका है। लेकिन, विपक्ष इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रहा है। राज्यपाल का यह बयान बहस को और गर्म कर सकता है। फिर भी, उनका जोर इस बात पर है कि वक्फ संपत्ति का उपयोग समाज के हित में हो।
Leave a Reply