सोना हमेशा से भारतीयों के लिए निवेश और आभूषण का पसंदीदा विकल्प रहा है। लेकिन 2025 के पहले 94 दिनों में सोने की कीमतों ने कई नए रिकॉर्ड बनाए। कभी आसमान छूती कीमतें, तो कभी अचानक गिरावट। ऐसे में सवाल उठता है कि सोना खरीदें या इंतजार करें? आइए, इस लेख में हम सोने की कीमतों के उतार-चढ़ाव, इसके पीछे के कारण और विशेषज्ञों की सलाह को आसान भाषा में समझते हैं।
2025 में सोने की कीमतों का रुझान
इस साल की शुरुआत में, 1 जनवरी 2025 को 24 कैरेट सोने की कीमत 76,162 रुपये प्रति 10 ग्राम थी। अगले 94 दिनों में यह कीमत 14,852 रुपये बढ़कर 91,014 रुपये तक पहुंच गई। लेकिन 7 और 8 अप्रैल को अचानक कीमतें 2,464 रुपये गिरकर 88,550 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गईं। फिर 9 अप्रैल से कीमतों ने दोबारा रफ्तार पकड़ी और 11 अप्रैल को सोना 93,353 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गया।
सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव के कारण
सोने की कीमतों में इस उथल-पुथल के पीछे कई वैश्विक और स्थानीय कारण हैं:
- ट्रेड वॉर और टैरिफ: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और चीन के बीच टैरिफ विवाद ने बाजारों में अनिश्चितता बढ़ाई। इससे निवेशक शेयर बाजार छोड़कर सोने में निवेश करने लगे। विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रेड वॉर के डर से सोना एक सुरक्षित निवेश बन गया है।
- रुपये की कमजोरी: 2025 में भारतीय रुपये में 4% की गिरावट आई। रुपये के कमजोर होने से सोने का आयात महंगा हो गया, जिससे कीमतें बढ़ीं।
- वैश्विक मंदी का डर: वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका ने सोने की मांग बढ़ा दी। मंदी के समय लोग सोने को सबसे सुरक्षित निवेश मानते हैं।
- डॉलर की मजबूती: अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर के उतार-चढ़ाव ने भी सोने की कीमतों को प्रभावित किया। जब डॉलर कमजोर होता है, तो सोने की कीमतें बढ़ती हैं।
क्या अभी सोना खरीदना सही है?
सोने की कीमतों में तेजी को देखकर कई लोग सोच रहे हैं कि सोना खरीदें या इंतजार करें। विशेषज्ञों की राय इस प्रकार है:
- अजय केडिया (केडिया एडवाइजरी): उनका कहना है कि सोना लंबे समय के लिए एक सुरक्षित निवेश है। लेकिन मौजूदा अस्थिरता में सोच-समझकर निवेश करें। बड़े निवेशकों के फैसले सोने की कीमतों को प्रभावित करते हैं, इसलिए सावधानी बरतें।
- डॉ. फिलिप फ्लायर्स (बेलफास्ट यूनिवर्सिटी): वे सलाह देते हैं कि अगर आप सोने में निवेश करना चाहते हैं, तो लंबी अवधि के लिए करें। बाजार स्थिर होने पर कीमतें कम हो सकती हैं, लेकिन सोना हमेशा रिटर्न देता है।
2025 में सोने की कीमतों का अनुमान
विशेषज्ञों का मानना है कि 2025 में सोने की कीमतें और बढ़ेंगी। अजय केडिया के अनुसार, सोना इस साल 99,000 रुपये प्रति 10 ग्राम को पार कर सकता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 3,000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती है। इसके पीछे कुछ कारण हैं:
- केंद्रीय बैंकों की खरीदारी: दुनिया भर के केंद्रीय बैंक सोने का भंडार बढ़ा रहे हैं। इससे मांग बढ़ रही है।
- अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियां: अगर ब्याज दरों में कटौती होती है, तो सोने की कीमतें और बढ़ेंगी।
- ट्रेड वॉर की आशंका: अगर टैरिफ विवाद बढ़ता है, तो सोने की मांग और तेज होगी।
चांदी की कीमतों का हाल
सोने के साथ-साथ चांदी की कीमतों में भी उछाल आया है। 2025 की शुरुआत में चांदी 86,017 रुपये प्रति किलो थी, जो 12 अप्रैल तक 92,929 रुपये पहुंच गई। 28 मार्च को चांदी ने 1,00,934 रुपये का रिकॉर्ड बनाया। विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2025 के अंत तक चांदी 1,30,000 रुपये प्रति किलो तक जा सकती है।
भारत में सोने की मांग
भारत में सोने की खपत 2024 में 850 मीट्रिक टन थी। शादियों, त्योहारों और निवेश के लिए सोने की मांग हमेशा बनी रहती है। इस साल भी यह मांग बढ़ने की उम्मीद है, जिससे कीमतों में और उछाल आ सकता है।
तो क्या करें: खरीदें या इंतजार?
सोना खरीदें या इंतजार करें, यह फैसला आपकी वित्तीय स्थिति और निवेश के लक्ष्य पर निर्भर करता है। अगर आप शादी या त्योहार के लिए सोना खरीदना चाहते हैं, तो मौजूदा कीमतों पर खरीदारी कर सकते हैं। लेकिन अगर आप निवेश के लिए सोना खरीद रहे हैं, तो विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि थोड़ा इंतजार करें। बाजार में स्थिरता आने पर कीमतें कम हो सकती हैं।
निष्कर्ष
सोने की कीमतों में 2025 में तेजी बनी रहेगी, लेकिन उतार-चढ़ाव भी जारी रह सकता है। सोना खरीदें या इंतजार करें, यह फैसला लेने से पहले बाजार के रुझान, अपनी जरूरतें और विशेषज्ञों की सलाह को ध्यान में रखें। सोना एक सुरक्षित निवेश है, लेकिन सही समय पर किया गया निवेश आपको बेहतर रिटर्न दे सकता है।
नोट: यह लेख केवल जानकारी के लिए है। निवेश से पहले विशेषज्ञ से सलाह लें और बाजार के जोखिमों को समझें।
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