अनाया बांगर का खुलासा: जेंडर चेंज के बाद क्रिकेटर्स ने दी गालियां, पिता ने कहा- क्रिकेट छोड़ दो
पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कोच संजय बांगर की बेटी अनाया बांगर ने हाल ही में अपने जेंडर चेंज के सफर और क्रिकेट जगत में मिले उत्पीड़न की दिल दहला देने वाली कहानी साझा की। पहले आर्यन बांगर के नाम से जानी जाने वाली अनाया ने 2023 में हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) शुरू की और अब वे एक ट्रांसवूमन के रूप में अपनी पहचान बना चुकी हैं। अनाया बांगर का खुलासा उनके संघर्ष, क्रिकेटरों के दुर्व्यवहार और पिता की सलाह को लेकर चर्चा में है। आइए, इस कहानी को सरल और स्थानीय हिंदी भाषा में समझते हैं।
जेंडर चेंज का सफर: बचपन से थी अलग पहचान
अनाया ने बताया कि 8-9 साल की उम्र में उन्हें एहसास होने लगा कि उनका जेंडर उनके शरीर से मेल नहीं खाता। “मैं अपनी मां की अलमारी से कपड़े निकालकर पहनती थी और शीशे में देखकर कहती थी कि मैं एक लड़की हूं। मुझे यही बनना है,” अनाया ने एक इंटरव्यू में कहा। यह उनकी जेंडर डिस्फोरिया की शुरुआत थी, जिसके बाद उन्होंने 2023 में हार्मोन थेरेपी शुरू की। इस थेरेपी ने उनके शरीर में कई बदलाव लाए, लेकिन उनके क्रिकेट करियर को भी प्रभावित किया।
क्रिकेटर्स का उत्पीड़न: गालियां और अश्लील व्यवहार
अनाया बांगर का खुलासा क्रिकेट जगत में उनके साथ हुए दुर्व्यवहार को लेकर चौंकाने वाला है। अनाया ने बताया कि जब उन्होंने अपनी जेंडर ट्रांजिशन की बात कुछ क्रिकेटरों के साथ साझा की, तो उन्हें गंदी-गंदी गालियां और अपमानजनक व्यवहार का सामना करना पड़ा।
- अश्लील तस्वीरें: अनाया ने कहा, “कुछ क्रिकेटरों ने मुझे बिना मांगे अपनी नग्न तस्वीरें भेजीं। एक व्यक्ति सबके सामने मुझे गालियां देता था, लेकिन बाद में मेरे पास आकर मेरी तस्वीरें मांगता था।”
- अनुचित प्रस्ताव: एक पुराने क्रिकेटर ने तो हद ही पार कर दी। अनाया ने बताया, “जब मैंने अपनी स्थिति के बारे में बताया, तो उसने कहा, ‘चलो कार में चलते हैं, मैं तुम्हारे साथ सोना चाहता हूं।’ यह सुनकर मैं डर गई और हक्का-बक्का रह गई।” अनाया ने उस क्रिकेटर का नाम उजागर नहीं किया।
इन घटनाओं ने अनाया को मानसिक और भावनात्मक रूप से आहत किया। उन्होंने कहा कि कुछ क्रिकेटरों ने उनका समर्थन किया, लेकिन ज्यादातर ने उनकी पहचान का मजाक उड़ाया।
पिता संजय बांगर की सलाह: “क्रिकेट में जगह नहीं”
अनाया के पिता संजय बांगर, जो भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज और कोच रह चुके हैं, ने उन्हें क्रिकेट छोड़ने की सलाह दी। अनाया ने बताया, “पिताजी ने मुझे हकीकत से रूबरू कराते हुए कहा कि क्रिकेट में मेरे जैसे लोगों के लिए जगह नहीं है।” संजय ने यह बात उनके करियर और समाज की मानसिकता को ध्यान में रखकर कही थी। हालांकि, अनाया ने इस सलाह पर ज्यादा बात करने से इनकार किया और कहा कि वे अपने पिता के बारे में इस इंटरव्यू में चर्चा नहीं करना चाहतीं।
संजय बांगर ने भारत के लिए 12 टेस्ट और 15 वनडे खेले हैं और IPL में पंजाब किंग्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के कोच रह चुके हैं। वे वर्तमान में IPL 2025 में कमेंट्री कर रहे हैं।
अनाया का क्रिकेट करियर: छोटा लेकिन शानदार
अनाया ने अपने पिता की तरह क्रिकेट में करियर बनाने का सपना देखा था। उन्होंने मुंबई के इस्लाम जिमखाना क्लब और इंग्लैंड के मैनचेस्टर में काउंटी क्लब के लिए क्रिकेट खेला। एक मैच में उन्होंने 145 रनों की शानदार पारी भी खेली। अनाया ने यशस्वी जायसवाल, सरफराज खान और मुशीर खान जैसे क्रिकेटरों के साथ भी खेला, लेकिन अपनी जेंडर पहचान को छुपाकर रखा ताकि पिता की प्रतिष्ठा पर असर न पड़े।
हालांकि, 2023 में हार्मोन थेरेपी शुरू करने के बाद उनकी शारीरिक ताकत और मांसपेशियों में कमी आई, जिससे उनका क्रिकेट करियर प्रभावित हुआ। नवंबर 2023 में ICC ने ट्रांसजेंडर महिलाओं को अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट में खेलने से रोकने का फैसला किया, जिसने अनाया के सपनों को और चोट पहुंचाई।
समाज और क्रिकेट में ट्रांसजेंडर की चुनौतियां
अनाया बांगर का खुलासा न केवल उनके निजी संघर्ष को दर्शाता है, बल्कि क्रिकेट और समाज में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के सामने आने वाली चुनौतियों को भी उजागर करता है। अनाया ने कहा कि हार्मोन थेरेपी के बाद उनका टेस्टोस्टेरोन लेवल सामान्य महिलाओं के बराबर है, फिर भी उन्हें महिला क्रिकेट में खेलने की अनुमति नहीं है। वे चाहती हैं कि ट्रांसजेंडर एथलीट्स को समान अवसर मिले।
अनाया ने सोशल मीडिया पर अपनी यात्रा को खुलकर साझा किया है। उन्होंने एक पोस्ट में लिखा, “ट्रांस एथलीट्स विशेष व्यवहार नहीं चाहते, हम बस बाकियों की तरह प्रतिस्पर्धा करने का मौका चाहते हैं।”
निष्कर्ष
अनाया बांगर का खुलासा क्रिकेट जगत में ट्रांसफोबिया और टॉक्सिक मर्दानगी की सच्चाई को सामने लाता है। जेंडर चेंज के बाद अनाया ने न केवल सामाजिक पूर्वाग्रहों का सामना किया, बल्कि क्रिकेटरों के अनुचित व्यवहार और अपमान को भी सहा। अपने पिता की सलाह और ICC के नियमों के कारण उन्हें क्रिकेट से दूरी बनानी पड़ी, लेकिन अनाया ने हार नहीं मानी। वे अपनी पहचान को गर्व के साथ जी रही हैं और ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए आवाज उठा रही हैं। उनकी कहानी समाज को यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम वाकई में सभी को समान अवसर और सम्मान दे रहे हैं?

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