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सिंधु जल समझौता स्थगित: भारत का सख्त फैसला, पाकिस्तान को पानी नहीं | New PaperDoll

सिंधु जल समझौता स्थगित: भारत का सख्त फैसला, पाकिस्तान को पानी नहीं

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ 1960 में हुए सिंधु जल समझौते को स्थगित करने का ऐतिहासिक फैसला लिया। सिंधु जल समझौता स्थगित करने का यह कदम तीन चरणों में लागू होगा, और भारत ने साफ कर दिया है कि पाकिस्तान को अब एक बूंद पानी नहीं मिलेगा। आइए, इस फैसले और इसके प्रभावों को विस्तार से समझें।

1. तीन चरणों में लागू होगा फैसला

जल शक्ति मंत्रालय की एक उच्चस्तरीय बैठक में सिंधु जल समझौता स्थगित करने की रणनीति को अंतिम रूप दिया गया। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कहा: “हम तीन तरह की रणनीतियों पर काम कर रहे हैं। पाकिस्तान को एक बूंद पानी नहीं मिलेगा।” यह बैठक गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर हुई, जिसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर भी शामिल थे। हालांकि, तीन चरणों और रणनीतियों का ब्योरा सार्वजनिक नहीं किया गया है।

2. पहलगाम हमले ने बदला समीकरण

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटक मारे गए, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था। इस हमले के तार पाकिस्तान से जुड़े होने के बाद भारत ने सख्त रुख अपनाया। 23 अप्रैल को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में सिंधु जल समझौता स्थगित करने सहित पांच बड़े फैसले लिए गए।

3. भारत का नोटिस और पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

भारत की जलशक्ति सचिव देवश्री मुखर्जी ने पाकिस्तानी जल संसाधन मंत्रालय के सचिव मुर्तजा को पत्र लिखकर समझौते को स्थगित करने का औपचारिक नोटिस भेजा। पत्र में कहा गया यह संधि अच्छे रिश्तों के आधार पर की गई थी, लेकिन पाकिस्तान की ओर से सीमा पार आतंकवाद ने इसे बनाए रखना असंभव कर दिया। पाकिस्तान ने इस फैसले को “युद्ध की कार्रवाई” (Act of War) करार दिया। पाकिस्तानी सरकार ने कहा कि यदि भारत पानी रोकता है, तो इसे युद्ध माना जाएगा। इस्लामाबाद में 24 अप्रैल को हुई नेशनल सिक्योरिटी कमेटी (NCS) की बैठक में शिमला समझौता सहित सभी द्विपक्षीय समझौते स्थगित करने का फैसला लिया गया।

4. उमर अब्दुल्ला का बयान

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सिंधु जल समझौता स्थगित करने के फैसले का समर्थन किया। उन्होंने कहा: “हम कभी भी इस समझौते के पक्ष में नहीं थे। यह जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए सबसे गलत दस्तावेज है, जिससे कश्मीर को नुकसान हुआ।” उनका यह बयान दर्शाता है कि स्थानीय नेतृत्व भी इस समझौते को क्षेत्र के लिए नुकसानदायक मानता है।[]

5. सिंधु जल समझौता: एक नजर

1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए इस समझौते में सिंधु बेसिन की छह नदियों को दो हिस्सों में बांटा गया:

  • पूर्वी नदियां: रावी, ब्यास, और सतलुज, जिन पर भारत का पूरा अधिकार है।
  • पश्चिमी नदियां: सिंधु, चिनाब, और झेलम, जिनका 20% पानी भारत उपयोग कर सकता है।

विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुआ यह समझौता दक्षिण एशिया का सबसे सफल जल समझौता माना जाता था, लेकिन पाकिस्तान द्वारा समर्थित आतंकवाद ने इसे खतरे में डाल दिया।[]

6. भारत के पांच बड़े फैसले

पहलगाम हमले के बाद भारत ने निम्नलिखित कदम उठाए:

  1. सिंधु जल समझौता स्थगित करना।
  2. अटारी बॉर्डर चेक पोस्ट बंद करना।
  3. पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश।
  4. SAARC वीजा रद्द करना।
  5. पाकिस्तानी उच्चायोग से कर्मियों को हटाने का फैसला।

ये कदम भारत के सख्त रुख को दर्शाते हैं।

7. पाकिस्तान में आतंकी नेताओं की घबराहट

पहलगाम हमले के बाद लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद और जैश-ए-मोहम्मद के मसूद अजहर की गतिविधियों पर नजर है। सूत्रों के मुताबिक, हाफिज सईद एबटाबाद में ISI के सेफ हाउस में छिपा है, जबकि मसूद अजहर बहावलपुर में है। लश्कर के कई मदरसों में कार्यक्रम रद्द किए गए हैं, जो आतंकी संगठनों में डर का संकेत है।[]

8. पाकिस्तान की धमकी और भारत का जवाब

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत के फैसलों को “युद्ध भड़काने वाला” बताया। इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन भी हुए। हालांकि, भारत ने साफ कर दिया है कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद बंद नहीं करता, समझौता बहाल नहीं होगा।

निष्कर्ष

सिंधु जल समझौता स्थगित करने का भारत का फैसला न केवल कूटनीतिक बल्कि रणनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। यह कदम पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने के लिए मजबूर कर सकता है। साथ ही, भारत ने अपनी संप्रभुता और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए वैश्विक मंच पर मजबूत संदेश दिया है।

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