भारतीय मौसम विभाग का ताजा अनुमान
भारतीय मौसम विभाग ने मानसून पूर्वानुमान 2024 को लेकर अपडेट जारी किया है। इस साल जून से सितंबर तक के मानसून सीजन में देश भर में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार इस बार बारिश 106 प्रतिशत तक हो सकती है, जो पिछले महीने के 105 प्रतिशत के अनुमान से अधिक है।
जून महीने में भी अधिक बारिश की उम्मीद
मौसम विभाग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक जून महीने में भी सामान्य से 108 प्रतिशत अधिक बारिश हो सकती है। इसका मतलब है कि इस दौरान 87 सेंटीमीटर से अधिक बारिश का अनुमान है। यह लॉन्ग पीरियड एवरेज (LPA) के आधार पर तय किया गया है।
कौन से राज्यों में होगी अधिक बारिश
मौसम विभाग के महानिदेशक के अनुसार मानसून पूर्वानुमान 2024 में निम्नलिखित राज्यों में सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान है:
अधिक बारिश वाले क्षेत्र:
- मध्य प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- महाराष्ट्र
- ओडिशा
- आसपास के क्षेत्र
कम बारिश वाले क्षेत्र:
- पंजाब के कुछ हिस्से
- हरियाणा के कुछ इलाके
- केरल के कुछ भाग
- तमिलनाडु के कुछ क्षेत्र
क्षेत्रवार मानसून का पूर्वानुमान
मध्य और दक्षिण भारत: सामान्य से अधिक बारिश की प्रबल संभावना है। यह क्षेत्र कृषि के लिए मानसूनी बारिश पर बहुत अधिक निर्भर करता है।
उत्तर-पश्चिम भारत: इस क्षेत्र में सामान्य बारिश होने का अनुमान है।
पूर्वोत्तर भारत: यहां सामान्य से कम बारिश हो सकती है।
लॉन्ग पीरियड एवरेज क्या होता है
मौसम विभाग ने 1971-2020 की अवधि के आधार पर दक्षिण-पश्चिम मानसून के लिए लॉन्ग पीरियड एवरेज 87 सेंटीमीटर (870 मिलीमीटर) निर्धारित किया है। यदि किसी वर्ष की बारिश 87 सेंटीमीटर से अधिक होती है, तो उसे सामान्य से अधिक माना जाता है। इससे कम होने पर कमजोर मानसून कहा जाता है।
नया भारत फोरकास्ट सिस्टम
केंद्र सरकार ने एडवांस भारत फोरकास्ट सिस्टम (BFS) लॉन्च किया है। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री ने इस सिस्टम को राष्ट्र को समर्पित किया है। यह सिस्टम निम्नलिखित क्षेत्रों में पंचायत स्तर तक सहायता प्रदान करेगा:
- आपदा प्रबंधन
- कृषि योजना
- जल प्रबंधन
- सार्वजनिक सुरक्षा
BFS सिस्टम की विशेषताएं
पुणे के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी (IITM) द्वारा तैयार किया गया यह सिस्टम 6 किलोमीटर के रेजोल्यूशन पर मौसम का अनुमान लगाता है, जो विश्व में सबसे उन्नत है। इससे छोटी से छोटी मौसमी घटनाओं जैसे बारिश और तूफान का सटीक पूर्वानुमान संभव होगा।
सुपरकम्प्यूटर अर्का की भूमिका
पहले सुपरकम्प्यूटर प्रत्यूष का उपयोग किया जाता था, लेकिन अब नए सुपरकम्प्यूटर अर्का का उपयोग हो रहा है। प्रत्यूष को मौसम मॉडल चलाने में 10 घंटे लगते थे, जबकि अर्का केवल 4 घंटे में काम पूरा करता है।
मानसून की जल्दी आमद
इस वर्ष दक्षिण-पश्चिम मानसून निर्धारित समय से 8 दिन पहले 24 मई को केरल पहुंच गया। यह 16 साल बाद इतनी जल्दी आया है। 2009 में 23 मई को केरल पहुंचा था। मुंबई में बारिश लाने वाला सिस्टम 16 दिन पहले ही सक्रिय हो गया, जो 1950 के बाद सबसे जल्दी है।
मानसून के जल्दी आने के कारण
मानसून पूर्वानुमान 2024 के अनुसार मानसून की जल्दी आमद के मुख्य कारण हैं:
- अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बढ़ी हुई नमी
- सामान्य से अधिक समुद्री तापमान
- पश्चिमी हवाओं और चक्रवातों की गतिविधि
- जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
कृषि पर प्रभाव
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और ओडिशा मानसून के कोर जोन में आते हैं। इन क्षेत्रों की कृषि मानसूनी बारिश पर अत्यधिक निर्भर है। मानसून पूर्वानुमान 2024 के अनुसार इन राज्यों में अच्छी बारिश से कृषि उत्पादन में वृद्धि की उम्मीद है।
सामान्य मानसून कैलेंडर
सामान्यतः दक्षिण-पश्चिम मानसून का कैलेंडर इस प्रकार है:
- 1 जून: केरल पहुंच
- 11 जून तक: मुंबई पहुंच
- 8 जुलाई तक: पूरे देश में विस्तार
- 17 सितंबर: उत्तर-पश्चिम से वापसी शुरू
- 15 अक्टूबर तक: पूर्ण वापसी
निष्कर्ष
मानसून पूर्वानुमान 2024 के अनुसार इस वर्ष देश में सामान्य से अधिक बारिश होने की प्रबल संभावना है। यह कृषि, जल संसाधन और समग्र अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत है। नए फोरकास्ट सिस्टम से मौसम की भविष्यवाणी अधिक सटीक होगी, जो आपदा प्रबंधन में सहायक होगा।

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