Advertisement

पायलट ने शिंदे का प्लेन उड़ाने से मना किया: किडनी पेशेंट को दी लिफ्ट | New PaperDoll

पायलट ने शिंदे का प्लेन उड़ाने से मना किया: किडनी पेशेंट को दी लिफ्ट

जलगांव में हुआ अनोखा वाकया

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हाल ही में जलगांव के मुक्ताईनगर में संत मुक्ताई की पालकी यात्रा में शामिल हुए। लेकिन इस यात्रा के बाद एक अनोखा वाकया सामने आया। जलगांव एयरपोर्ट पर उनके चार्टर्ड प्लेन के पायलट ने उड़ान भरने से इनकार कर दिया। पायलट ने बताया कि उसका ड्यूटी टाइम खत्म हो चुका है, जिसके कारण वह नियमों के अनुसार उड़ान नहीं भर सकता। यह सुनकर वहां मौजूद प्रशासनिक अधिकारी हैरान रह गए।

पायलट को मनाने में लगी एक घंटे की मेहनत

पायलट की बात सुनकर शिंदे के साथ मौजूद मंत्री गिरीश महाजन और गुलाबराव पाटिल ने एयरलाइन कंपनी से संपर्क किया। करीब एक घंटे की बातचीत और समझाने के बाद पायलट आखिरकार उड़ान भरने के लिए तैयार हुआ। इस दौरान एकनाथ शिंदे ने धैर्य बनाए रखा और स्थिति को संभाला।

पायलट ने क्यों किया उड़ान से इनकार?

पायलट ने शिंदे का प्लेन उड़ाने से मना किया क्योंकि विमानन नियमों के अनुसार एक पायलट एक दिन में 8-9 घंटे से ज्यादा उड़ान नहीं भर सकता। ड्यूटी टाइम की गणना एयरपोर्ट पर रिपोर्ट करने से शुरू होती है और रेस्ट टाइम शुरू होने तक रहती है। जलगांव में पायलट का ड्यूटी टाइम खत्म हो चुका था। नियमों के अनुसार, पायलट को उड़ान के बाद 12-14 घंटे का रेस्ट मिलना जरूरी होता है। यह रेस्ट टाइम उड़ान की अवधि, दिन/रात के समय और क्रू मेंबर्स की संख्या पर निर्भर करता है।

शिंदे ने दिखाई मानवीयता, किडनी पेशेंट को दी लिफ्ट

जब पायलट ने शिंदे का प्लेन उड़ाने से मना किया, उसी दौरान एयरपोर्ट पर एक किडनी पेशेंट शीतल बोर्डे अपने पति के साथ परेशान हालत में दिखीं। उन्होंने शिंदे के कार्यकर्ताओं को बताया कि उनकी फ्लाइट छूट गई है और उन्हें सर्जरी के लिए मुंबई जाना जरूरी है। यह बात जब शिंदे तक पहुंची, तो उन्होंने तुरंत फैसला लिया।

शिंदे ने शीतल और उनके पति को अपने चार्टर्ड प्लेन में जगह दी। यात्रा के दौरान उन्होंने महिला से बातचीत की और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। मुंबई पहुंचने के बाद शिंदे ने तुरंत एम्बुलेंस और सर्जरी की व्यवस्था कराई, जिससे शीतल का इलाज समय पर शुरू हो सका।

शिंदे की दरियादिली ने जीता दिल

पायलट ने शिंदे का प्लेन उड़ाने से मना किया, लेकिन शिंदे ने इस स्थिति को न सिर्फ संभाला, बल्कि एक जरूरतमंद महिला की मदद कर अपनी मानवीयता का परिचय दिया। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि शिंदे न केवल एक नेता हैं, बल्कि एक संवेदनशील इंसान भी हैं।

शिंदे और फडणवीस के बीच कोई मतभेद नहीं

हाल ही में एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ किसी भी तरह के मतभेद की खबरों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि महायुति गठबंधन (BJP-NCP-शिवसेना) में सब कुछ सामान्य है और सभी मिलकर काम कर रहे हैं। शिंदे ने कहा, “हमारे बीच कोई कोल्ड वॉर नहीं है।”

राजस्थान धूलभरी हवा: जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर में पारा 3 डिग्री गिरा, 14 शहरों में राहत
वैभव सूर्यवंशी IPL डेब्यू: 14 साल की उम्र में पहली गेंद पर सिक्स, जयपुर में सीट विवाद
राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे गठबंधन: 19 साल बाद महाराष्ट्र के लिए एकजुट होने का संकेत 
लखनऊ सुपरजायंट्स vs राजस्थान रॉयल्स: IPL 2025 में 2 रन से लखनऊ की रोमांचक जीत 
काठमांडू में सेक्स वर्क में तेजी: 5 साल में दोगुनी हुई सेक्स वर्कर्स की संख्या
शुभांशु शुक्ला: पहले भारतीय के रूप में मई 2025 में ISS पर, एक्सिओम 4 मिशन की पूरी जानकारी
कोल्हापुर मर्डर केस 2017: मां की हत्या और बेटे की दरिंदगी की कहानी
कोल्हापुर मर्डर केस: बेटे ने मां का कलेजा निकालकर खाया, बिना गवाह सुलझी गुत्थी
राजस्थान चपरासी भर्ती 2025: 18.50 लाख से अधिक आवेदन, सितंबर में होगी परीक्षा
राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती 2025: 9617 पदों का नोटिफिकेशन, 28 अप्रैल से आवेदन शुरू

Latest Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *