जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों को एक बड़ी सफलता मिली जब मोस्ट वांटेड आतंकी अबू कताल को मार गिराया गया। लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े इस खूंखार आतंकी का नाम कई आतंकी घटनाओं में सामने आया था, जिसमें हाल ही में हुआ रियासी बस हमला भी शामिल है।

कौन था अबू कताल?
अबू कताल लश्कर-ए-तैयबा का एक कुख्यात आतंकी था, जो लंबे समय से जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था। खुफिया एजेंसियों के अनुसार, वह पाकिस्तान से संचालित आतंकवादी समूहों के लिए ग्राउंड ऑपरेटर के रूप में काम कर रहा था और घाटी में कई हमलों की साजिश रचने में शामिल था।
रियासी बस हमले में बड़ी भूमिका
रियासी जिले में हाल ही में हुए बस हमले में अबू कताल की भूमिका सामने आई थी। इस हमले में निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया गया था, जिससे पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई थी। जांच में पता चला कि हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों की साजिश थी, जिसमें अबू कताल मुख्य योजनाकारों में से एक था।
सुरक्षा बलों ने कैसे मार गिराया अबू कताल?
खुफिया इनपुट के आधार पर सुरक्षाबलों ने एक विशेष ऑपरेशन शुरू किया। अभियान के दौरान सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें अबू कताल को मार गिराया गया। इस ऑपरेशन में सेना, पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने हिस्सा लिया।
लश्कर-ए-तैयबा को बड़ा झटका
अबू कताल के मारे जाने को सुरक्षा एजेंसियों ने लश्कर-ए-तैयबा के लिए बड़ा झटका बताया है। इससे संगठन की आतंकी गतिविधियों को करारा नुकसान पहुंचा है, और इससे जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित करने की कोशिशों को मजबूती मिलेगी।
भारत की आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई
भारत लगातार आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए है और सुरक्षा बल हर आतंकी गतिविधि का मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं। अबू कताल जैसे खतरनाक आतंकियों का खात्मा सुरक्षा एजेंसियों की मुस्तैदी और रणनीतिक सफलता को दर्शाता है।
अबू कताल की मौत से लश्कर-ए-तैयबा की कमर जरूर टूटी है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां अभी भी सतर्क हैं और घाटी में किसी भी आतंकी गतिविधि को रोकने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
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