खूबसूरती क्या है? क्या यह सिर्फ गोरा रंग, पतली कमर और परफेक्ट फिगर तक सीमित है, या फिर इसका दायरा इससे कहीं बड़ा है? केरल की मुख्य सचिव डॉ. वीणा एन माधवन की एक सोशल मीडिया पोस्ट ने इस पर एक नई बहस छेड़ दी है।
क्या है मामला?
केरल की मुख्य सचिव ने हाल ही में एक पोस्ट लिखी, जिसमें उन्होंने खूबसूरती के पारंपरिक मानकों पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि समाज में सुंदरता को लेकर बहुत संकीर्ण सोच है। अक्सर गोरी त्वचा, पतली कमर और सुडौल शरीर को ही खूबसूरती का पैमाना माना जाता है, जबकि असली सुंदरता व्यक्ति की सोच, आत्मविश्वास और व्यक्तित्व में होती है।
सोशल मीडिया पर बहस क्यों छिड़ी?
उनकी इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर लोग दो भागों में बंट गए। कुछ लोगों ने उनकी बात का समर्थन किया और कहा कि सुंदरता को केवल बाहरी लुक से नहीं मापा जा सकता, बल्कि यह इंसान के विचारों और व्यवहार से झलकती है। वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि शारीरिक आकर्षण भी खूबसूरती का एक अहम हिस्सा है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
खूबसूरती का असली मापदंड क्या होना चाहिए?
- आत्मविश्वास: जब कोई व्यक्ति खुद को लेकर सहज होता है, तो उसकी खूबसूरती खुद-ब-खुद निखरती है।
- व्यक्तित्व: सिर्फ लुक्स नहीं, बल्कि आपका व्यवहार और बातचीत करने का तरीका भी आपको खूबसूरत बनाता है।
- स्वस्थ शरीर: फिट और हेल्दी रहना बाहरी सुंदरता से ज्यादा जरूरी है।
- सोच और नजरिया: एक सकारात्मक सोच और खुले विचारों वाला इंसान हमेशा दूसरों को आकर्षित करता है।
क्या बदलना चाहिए?
समाज को सुंदरता के पुराने पैमानों से आगे बढ़ना होगा। गोरी त्वचा, पतली कमर या सुडौल शरीर ही खूबसूरती नहीं है। हर इंसान अपनी खासियत के साथ सुंदर होता है। जरूरी यह है कि हम खुद को स्वीकार करें और आत्मविश्वास से भरपूर रहें।
निष्कर्ष
खूबसूरती सिर्फ बाहरी लुक तक सीमित नहीं हो सकती। यह व्यक्ति की सोच, आत्मविश्वास और व्यक्तित्व से जुड़ी होती है। केरल की मुख्य सचिव की यह पोस्ट हमें इस बात पर सोचने के लिए मजबूर कर देती है कि हमें सुंदरता को किस नजरिए से देखना चाहिए। अब वक्त आ गया है कि हम खूबसूरती की परिभाषा को एक नए नजरिए से समझें।
Leave a Reply