आगरा में दुकानें गिरीं: 2 की मौत, 10 को मलबे से निकाला गया
आगरा: शनिवार को आगरा में एक बड़ा हादसा हो गया। यहां चार पुरानी और जर्जर दुकानें अचानक भरभराकर ढह गईं। इस हादसे में 10 लोग मलबे में दब गए, जिनमें से 2 की इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस, दमकल विभाग और SDRF की टीमों ने करीब 5 घंटे तक बचाव कार्य चलाया। मलबे को हटाने के लिए जेसीबी मशीनों का भी इस्तेमाल किया गया। यह हादसा जगदीशपुरा के आवास विकास कॉलोनी, सेक्टर-4 में शाम को हुआ।
मलबे में दबा युवक चिल्लाता रहा
हादसे में मलबे में दबे अजय चाहर के जीजा अवध किशोर ने बताया कि अजय कमर तक मलबे में फंस गया था। वह जोर-जोर से चीख रहा था और मदद मांग रहा था। उसने अपनी बहन को फोन किया और कहा, “मैं दुकान के मलबे में दब गया हूं, मुझे बचा लो।” यह सुनकर उसकी बहन रोते हुए दुकान की ओर भागी। वहां पहुंचने पर अजय मलबे में फंसा दिखा। करीब आधे घंटे की मेहनत के बाद उसे बाहर निकाला गया। इस दौरान परिजनों की चीख-पुकार से माहौल गमगीन हो गया।
कैसे हुआ हादसा?
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, यह एक मंजिल की व्यावसायिक इमारत थी, जिसमें चार दुकानें थीं। इनमें से एक देसी शराब का ठेका भी था। शनिवार को बिल्डिंग के मालिक इन दुकानों की मरम्मत करवा रहे थे। दोपहर करीब 3:30 बजे अचानक चारों दुकानें ढह गईं। तेज आवाज और धूल का गुबार फैलने से आसपास के लोग डर गए। देखते ही देखते घटनास्थल पर भीड़ जमा हो गई।
बचाव कार्य में तेजी
हादसे की सूचना मिलते ही कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची। स्थानीय लोगों को हटाकर बचाव कार्य शुरू किया गया। जेसीबी की मदद से मलबा हटाया गया। CFO डीके सिंह ने बताया कि मलबे से निकाले गए सभी लोगों को अस्पताल भेजा गया, लेकिन 2 की जान नहीं बच सकी। बाकी घायलों का इलाज चल रहा है। हादसे में दो सगे भाई, किशन उपाध्याय और विष्णु उपाध्याय, की मौत हो गई। वहीं, अर्जुन, सोनू, दीपक, ब्रजेश, अजय चाहर, पुष्कर उपाध्याय और 2 अन्य घायलों की हालत स्थिर बताई जा रही है।
क्या कहते हैं लोग?
स्थानीय लोगों का कहना है कि दुकानें काफी पुरानी थीं। मरम्मत के दौरान सही सावधानी नहीं बरती गई, जिससे यह हादसा हुआ। पुलिस और प्रशासन अब इसकी जांच कर रहे हैं कि हादसे की असल वजह क्या थी।
एक दर्दनाक घटना
आगरा में दुकानें गिरीं और इस हादसे ने पूरे इलाके को झकझोर दिया। दो भाइयों की मौत से उनके परिवार में मातम छा गया। मलबे में दबे अजय की चीखें और बहन का रोना इस हादसे की भयावहता को बयां करता है। प्रशासन ने घायलों की मदद के लिए हर संभव कदम उठाने का भरोसा दिया है।
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