जयपुर में अनुराग कश्यप पर FIR: सोशल मीडिया पर जाति को लेकर आपत्तिजनक पोस्ट ने मचाया बवाल
जयपुर के बजाज नगर थाने में मशहूर फिल्म डायरेक्टर अनुराग कश्यप के खिलाफ अनुराग कश्यप पर FIR दर्ज की गई है। यह मामला सोशल मीडिया पर एक जाति-विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी से जुड़ा है। कश्यप की आगामी फिल्म ‘फुले’ को लेकर पहले से चल रहे विवाद ने इस मामले को और हवा दी है। आइए, इस पूरे मामले को सरल और स्थानीय हिंदी भाषा में समझते हैं।
अनुराग कश्यप पर FIR: क्या है पूरा मामला?
20 अप्रैल 2025 को जयपुर के बजाज नगर थाने में अनुराग कश्यप पर FIR दर्ज हुई। बरकत नगर निवासी अनिल चतुर्वेदी ने शनिवार रात पुलिस में शिकायत दर्ज की। शिकायत के अनुसार, अनुराग कश्यप ने सोशल मीडिया पर एक जाति-विशेष (ब्राह्मण समुदाय) के खिलाफ अपमानजनक और आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। यह पोस्ट उनकी फिल्म ‘फुले’ से जुड़े विवाद के जवाब में थी, जिसके बाद देशभर में हंगामा मच गया।
एएसआई इंद्राज ने बताया कि शिकायत में कश्यप पर सामाजिक विद्वेष फैलाने और जाति-विशेष को अपमानित करने का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
‘फुले’ फिल्म से शुरू हुआ विवाद
फिल्म ‘फुले’ समाज सुधारक ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले के जीवन पर आधारित है। यह फिल्म 25 अप्रैल 2025 को रिलीज होने वाली है, लेकिन रिलीज से पहले ही यह विवादों में घिर गई। कुछ लोगों का आरोप है कि फिल्म जातिवाद को बढ़ावा देती है।
- सेंसर बोर्ड की आपत्ति: सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) ने फिल्म में कई बदलाव करने को कहा। ‘मांग’, ‘महर’, ‘पेशवाई’ जैसे शब्द हटाए गए। साथ ही, एक डायलॉग में ‘3000 साल पुरानी गुलामी’ को ‘कई साल पुरानी गुलामी’ में बदला गया।
- रिलीज में देरी: फिल्म पहले 11 अप्रैल को रिलीज होने वाली थी, लेकिन विवाद और सेंसर बोर्ड की शर्तों के कारण इसे 25 अप्रैल तक टाल दिया गया।
सेंसर बोर्ड और ब्राह्मण समुदाय के विरोध पर नाराजगी जताते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली, जिसमें उन्होंने तीखे सवाल उठाए। इसी दौरान एक यूजर ने उन पर निशाना साधते हुए लिखा, “ब्राह्मण तुम्हारे बाप हैं, जितना तुम्हारी उनसे सुलगती, उतना तुम्हारी सुलगाएंगे।” इसके जवाब में कश्यप ने आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया, जिसने विवाद को और भड़का दिया।
अनुराग कश्यप ने मांगी माफी
अनुराग कश्यप पर FIR से पहले, उनके परिवार और दोस्तों को सोशल मीडिया पर रेप और जान से मारने की धमकियां मिलने लगीं। इस बवाल के बाद 18 अप्रैल की देर रात अनुराग ने इंस्टाग्राम पर माफी मांगी।
उनका बयान कुछ इस तरह था
- “मैं माफी मांगता हूं, लेकिन यह मेरी पूरी पोस्ट के लिए नहीं, बल्कि उस एक लाइन के लिए है, जिसे गलत समझकर नफरत फैलाई गई।”
- “कोई भी बयान या एक्शन आपकी बेटी, परिवार और दोस्तों से ज्यादा कीमती नहीं। मेरी बेटी और करीबियों को रेप और जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं।”
- “खुद को संस्कारी कहने वाले लोग यह सब कर रहे हैं। अगर गाली देनी है, तो मुझे दो। मेरे परिवार ने कुछ नहीं कहा।”
- “ब्राह्मण लोग औरतों को बख्श दो। इतना संस्कार तो आपके शास्त्रों में भी है।”
सोशल मीडिया पर बवाल और कानूनी कार्रवाई
अनुराग कश्यप की पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं आईं। कुछ लोगों ने उनके बयान को जातिवादी और अपमानजनक बताया, जबकि कुछ ने उनका समर्थन करते हुए कहा कि यह जवाब एक यूजर के अपमानजनक कमेंट के जवाब में था।
- जयपुर में FIR: अनिल चतुर्वेदी की शिकायत पर बजाज नगर थाने में अनुराग कश्यप पर FIR दर्ज हुई। यह केस सामाजिक विद्वेष फैलाने और जाति-विशेष के अपमान से जुड़ा है।
- अन्य शिकायतें: मुंबई और इंदौर में भी कश्यप के खिलाफ शिकायतें दर्ज की गईं। मुंबई में बीजेपी नेता अशुतोष जे. दुबे ने FIR की मांग की, जबकि इंदौर में सामाजिक कार्यकर्ता नीरज याज्ञनिक ने धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया।
‘फुले’ फिल्म का विवाद: क्यों है इतना हंगामा?
‘फुले’ फिल्म में प्रतीक गांधी और पत्रलेखा मुख्य भूमिकाओं में हैं। यह फिल्म 19वीं सदी के समाज सुधारकों ज्योतिबा और सावित्रीबाई फुले की कहानी बयान करती है, जिन्होंने जाति भेदभाव और महिलाओं की शिक्षा के लिए लड़ाई लड़ी। लेकिन फिल्म के ट्रेलर के बाद कुछ ब्राह्मण संगठनों ने इसे समुदाय के खिलाफ बताते हुए विरोध शुरू कर दिया।
अनुराग कश्यप ने इस विरोध पर सवाल उठाए और कहा, “अगर देश में जातिवाद नहीं था, तो फुले दंपती को इसके खिलाफ लड़ने की जरूरत क्यों पड़ी?” उन्होंने सेंसर बोर्ड पर भी फिल्म को सेंसर करने और रिलीज में देरी का आरोप लगाया।
क्या कहते हैं लोग?
इस मामले पर सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में अलग-अलग राय हैं:
- विरोध: शिव सेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि ब्राह्मण समुदाय के खिलाफ अपशब्द गलत हैं, हालांकि उन्होंने सामाजिक न्याय का समर्थन किया। केंद्रीय मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने कश्यप को “घटिया” कहा।
- समर्थन: कुछ यूजर्स का कहना है कि कश्यप का बयान एक अपमानजनक कमेंट के जवाब में था और इसे गलत संदर्भ में लिया गया।
निष्कर्ष
अनुराग कश्यप पर FIR जयपुर में दर्ज होना एक गंभीर मामला है, जो सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और जातिगत संवेदनशीलता के बीच तनाव को दर्शाता है। उनकी फिल्म ‘फुले’ पहले ही विवादों में थी, और अब यह सोशल मीडिया पोस्ट ने मामले को और जटिल कर दिया है। कश्यप ने माफी मांग ली है, लेकिन उनके परिवार को मिल रही धमकियां और कानूनी कार्रवाइयां इस विवाद को और बढ़ा रही हैं। यह मामला समाज में जाति, सिनेमा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर गहरी बहस को जन्म दे रहा है।

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