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भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था: जापान को पीछे छोड़ा | New PaperDoll

भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था: जापान को पीछे छोड़ा

भारतीय अर्थव्यवस्था ने एक नया मुकाम हासिल किया है। देश ने आधिकारिक रूप से जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का दर्जा प्राप्त कर लिया है। यह खुशखबरी नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा साझा की गई।

भारत की आर्थिक सफलता के मुख्य कारण

भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की यह उपलब्धि कई महत्वपूर्ण कारकों का परिणाम है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, भारत की कुल जीडीपी 4.18 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गई है। देश की मजबूत घरेलू मांग, युवा जनसंख्या की बढ़ती शक्ति और सरकारी नीतिगत सुधारों ने इस सफलता में अहम भूमिका निभाई है। भारत लगातार 6 से 7 प्रतिशत की वार्षिक विकास दर बनाए हुए है।

वैश्विक स्तर पर भारत की नई स्थिति

भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के बाद अब केवल तीन देश ही भारत से आगे हैं – अमेरिका, चीन और जर्मनी। यह उपलब्धि भारत की बढ़ती वैश्विक पहुंच को दर्शाती है। अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रभाव अब और भी मजबूत होगा। जी-20 जैसे महत्वपूर्ण समूहों में भारत की आवाज का अधिक वजन होगा। विदेशी निवेशकों के लिए भारत एक और भी आकर्षक गंतव्य बन गया है।

जापान की अर्थव्यवस्था में आने वाली चुनौतियां

अर्थव्यवस्था वर्तमान में कई कठिनाइयों का सामना कर रही है। देश की विकास दर केवल 0.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में सहायक बना। जापान की बुजुर्ग आबादी और कम जन्म दर ने श्रम शक्ति को सीमित कर दिया है। वैश्विक व्यापारिक तनाव और नीतिगत बदलावों का भी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

भविष्य में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावना

विशेषज्ञों के अनुसार, भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से आगे बढ़कर 2028 तक तीसरे स्थान पर पहुंच सकता है। इसके लिए जर्मनी को पीछे छोड़ना होगा, जिसकी जीडीपी वर्तमान में 4.9 ट्रिलियन डॉलर है। भारत की जीडीपी 2027 तक 5 ट्रिलियन डॉलर और 2028 तक 5.58 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। यदि यह लक्ष्य हासिल हो जाता है, तो केवल अमेरिका और चीन ही भारत से आगे रहेंगे।

आम लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव

भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का फायदा आम जनता को भी मिलेगा। नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे, विशेष रूप से तकनीकी क्षेत्र, विनिर्माण और सेवा उद्योग में। बेहतर अवसंरचना, स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा व्यवस्था का विकास होगा। मध्यम वर्गीय परिवारों की आय में वृद्धि से उपभोक्ता वस्तुओं की मांग भी बढ़ेगी।

आर्थिक विकास के मुख्य चालक

भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में चार मुख्य कारक शामिल हैं। पहला है व्यक्तिगत उपभोग, जिसमें लोगों का दैनिक खर्च शामिल है। दूसरा है निजी क्षेत्र की व्यावसायिक वृद्धि, जो जीडीपी में 32 प्रतिशत योगदान देती है। तीसरा कारक है सरकारी व्यय, जो वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन में 11 प्रतिशत योगदान देता है। चौथा है शुद्ध निर्यात, जिसकी गणना कुल निर्यात से कुल आयात घटाकर की जाती है।

आने वाली चुनौतियों का समाधान

भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के बावजूद कुछ चुनौतियां बनी हुई हैं। आय के असमान वितरण और महंगाई दर को नियंत्रित करना आवश्यक है। सरकार को रोजगार सृजन, कौशल विकास और उद्यमिता को बढ़ावा देने पर ध्यान देना होगा। तभी इस आर्थिक सफलता का व्यापक लाभ सभी वर्गों तक पहुंच सकेगा।

निष्कर्ष

भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना एक गर्व की बात है। यह उपलब्धि देश की कड़ी मेहनत, सही नीतियों और युवा शक्ति का परिणाम है। आने वाले वर्षों में भारत की आर्थिक स्थिति और भी मजबूत होने की उम्मीद है।

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