Advertisement

भारत पाकिस्तान सीजफायर: 6 महत्वपूर्ण कारण जिन्होंने युद्ध को रोका | New PapewrDoll

भारत पाकिस्तान सीजफायर: 6 महत्वपूर्ण कारण जिन्होंने युद्ध को रोका

भारत-पाकिस्तान सीजफायर की घोषणा

10 मई की शाम को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की कि उनकी मध्यस्थता में भारत और पाकिस्तान तत्काल रूप से सीजफायर के लिए सहमत हो गए हैं। इसके बाद भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने भी अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर इसकी पुष्टि की।

भारत ने 7 मई को पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमले किए थे, और चौथे दिन दोनों देश सीजफायर पर सहमत हो गए। आइए जानते हैं इसके पीछे छिपे 6 महत्वपूर्ण कारण।

1. भारत का उद्देश्य पूरा: आतंकवाद की कीमत बढ़ाई

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत का इरादा आतंकी हमले का कड़ा जवाब देना था, न कि युद्ध छेड़ना। भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और PoK के 9 आतंकी ठिकानों पर हमले किए, जिसमें कई बड़े आतंकी कमांडर सहित लगभग 100 आतंकियों की मृत्यु हुई।

भारत की कार्रवाई संघर्ष को बढ़ावा न देने वाली थी और पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बनाया गया था। पुलवामा और उरी के आतंकी हमलों के बाद भी भारत ने करारा जवाब दिया था। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि आगे अगर पाकिस्तान से कोई आतंकी हमला होता है तो भारत उसे युद्ध की कार्रवाई के रूप में लेगा।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सीजफायर की घोषणा करते हुए यह भी कहा कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ हमेशा बिना किसी समझौते के अपना रुख कठोर रखा है, और आगे भी ऐसा ही रहेगा।

2. तनाव सीढ़ी में अगला चरण था पूर्ण युद्ध

देशों के बीच संघर्ष की शुरुआत किसी घटना या बयानबाजी से होती है, फिर हल्के सैन्य कदम और बढ़ते-बढ़ते यह विनाशकारी स्थिति तक पहुंच जाता है। रक्षा और अंतरराष्ट्रीय संबंधों की भाषा में इसके लिए ‘एस्केलेशन लैडर’ (तनाव की सीढ़ी) शब्द का उपयोग किया जाता है।

भारत और पाकिस्तान इस समय तनाव सीढ़ी के चौथे पायदान पर थे। इसके बाद या तो संघर्ष कम होता या पूर्ण युद्ध छिड़ता। दोनों देशों ने संघर्ष को रोकने का विकल्प चुना।

3. ट्रंप भारत को युद्ध में नहीं उलझाना चाहते थे

ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया पर कहा, “अमेरिका की मध्यस्थता में एक लंबी रात की बातचीत के बाद, मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और पाकिस्तान पूरी तरह और तत्काल सीजफायर पर राजी हो गए हैं। दोनों देशों को बुद्धिमानी का इस्तेमाल करने के लिए बधाई।”

पहलगाम हमले के बाद जब भारत और पाकिस्तान में तनाव बढ़ा तो ट्रंप ने इस पर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया था। हालांकि अमेरिकी उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो लगातार स्थितियों पर नज़र बनाए हुए थे।

विशेषज्ञों के अनुसार, ट्रंप के लिए व्यक्तित्व पहले और नीति बाद में आती है। चाहे इजराइल का हमास से युद्ध हो या ईरान से तनाव, वह स्वयं को युद्ध में मध्यस्थता करने की स्थिति में रखते हैं।

4. दुनिया तीन युद्ध एक साथ नहीं झेल सकती

अमेरिकी थिंकटैंक काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस के ग्लोबल कॉन्फ्लिक्ट ट्रैकर के अनुसार, ‘वर्तमान समय में दुनियाभर में 32 छोटे-बड़े सैन्य टकराव चल रहे हैं, जिनमें 2 बड़े युद्ध शामिल हैं – इजराइल-गाजा और रूस-यूक्रेन।’

इनकी वजह से दुनियाभर की आपूर्ति श्रृंखला और व्यापार पर प्रभाव पड़ा है। ऐसे में अगर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध शुरू होता तो इसका विश्वभर में प्रभाव होता।

भारत दुनियाभर में स्टील, फार्मास्युटिकल्स, अनाज, कच्चे माल, धातुओं आदि का निर्यात करता है। ब्रिटेन, अमेरिका जैसे देशों के फार्मा और स्वास्थ्य क्षेत्र को इससे नुकसान होता।

विशेषज्ञों का कहना है कि यूरोपीय देशों समेत पूरी दुनिया यह नहीं चाहती है कि भारत किसी युद्ध में उलझे, क्योंकि भारत का कई देशों के साथ व्यापार और समझौते हैं।

इसके अलावा भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध होता तो यह वर्तमान समय का पहला ऐसा युद्ध होता, जिसमें दो परमाणु शक्तियां आमने-सामने होतीं।

5. पाकिस्तान के हालात बेहद खराब, सैन्य शक्ति में भी पीछे

पाकिस्तान बहुत खराब हालत के कारण सीजफायर पर सहमत हुआ। इसके 3 बड़े कारण हैं:

  1. पाकिस्तान पर 21.6 लाख करोड़ रुपए का सार्वजनिक कर्ज: पाकिस्तान सरकार की जून 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, इस समय देश पर कुल 256 बिलियन डॉलर यानी लगभग 21.6 लाख करोड़ रुपए का सार्वजनिक कर्ज है। यह पाकिस्तान की कुल जीडीपी का 67% है। हाल ही में पाकिस्तान ने IMF से 20 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया है।
  2. भारत की सेना पाकिस्तान के मुकाबले अधिक शक्तिशाली: ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स की रिपोर्ट के अनुसार 145 देशों की सूची में अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चौथे स्थान पर है, जबकि पाकिस्तान 12वें स्थान पर है। यानी भारत के पास दुनिया की चौथी सबसे शक्तिशाली सेना है, जबकि पाकिस्तान 8 स्थान पीछे है।
  3. पाकिस्तान पर अन्य देशों का कूटनीतिक दबाव: पाकिस्तान पर अमेरिका, सऊदी अरब और यूके समेत कई देशों का दबाव था कि वह तनाव कम करे। इसके अलावा पाकिस्तान के सबसे बड़े समर्थक देश चीन और रूस ने भी भारत के पक्ष में बात की और पाकिस्तान से युद्ध न करने की अपील की।

6. भारत-पाक टकराव का इतिहास, मध्यस्थता से सुलझा मामला

भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध और टकराव अक्सर विदेशी मध्यस्थता से ही रुके हैं।

वरिष्ठ पत्रकार शेखर गुप्ता के अनुसार, “भारत और पाकिस्तान के मामले में तनाव कम करने की कार्रवाई आमतौर पर या तो विदेशी मध्यस्थता के कारण होती है। जैसे कारगिल में महीनों की लड़ाई के बाद या ऑपरेशन पराक्रम के दौरान दोनों सेनाओं की आमने-सामने की लंबी तैनाती के बाद हुआ था। या फिर तब होती है, जब ऐसी स्थिति बन जाए कि दोनों पक्ष अपनी-अपनी जीत का दावा कर सकें।”

राजस्थान धूलभरी हवा: जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर में पारा 3 डिग्री गिरा, 14 शहरों में राहत
वैभव सूर्यवंशी IPL डेब्यू: 14 साल की उम्र में पहली गेंद पर सिक्स, जयपुर में सीट विवाद
राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे गठबंधन: 19 साल बाद महाराष्ट्र के लिए एकजुट होने का संकेत 
लखनऊ सुपरजायंट्स vs राजस्थान रॉयल्स: IPL 2025 में 2 रन से लखनऊ की रोमांचक जीत 
काठमांडू में सेक्स वर्क में तेजी: 5 साल में दोगुनी हुई सेक्स वर्कर्स की संख्या
शुभांशु शुक्ला: पहले भारतीय के रूप में मई 2025 में ISS पर, एक्सिओम 4 मिशन की पूरी जानकारी

कोल्हापुर मर्डर केस 2017: मां की हत्या और बेटे की दरिंदगी की कहानी

कोल्हापुर मर्डर केस: बेटे ने मां का कलेजा निकालकर खाया, बिना गवाह सुलझी गुत्थी
राजस्थान चपरासी भर्ती 2025: 18.50 लाख से अधिक आवेदन, सितंबर में होगी परीक्षा
राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती 2025: 9617 पदों का नोटिफिकेशन, 28 अप्रैल से आवेदन शुरू

Latest Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *