थाईलैंड में PM मोदी: रामायण देखी, दुनिया की सबसे युवा PM से मुलाकात, संबंधों को दी नई ताकत
नई दिल्ली/बैंकॉक: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को दो दिन के थाईलैंड दौरे पर पहुँचे। वहाँ उन्होंने थाईलैंड की PM पाइतोंग्तार्न शिनवात्रा के साथ मुलाकात की और भारत-थाईलैंड संबंधों में नई मजबूती लाने की दिशा में कदम उठाए। पाइतोंग्तार्न, जो 38 साल की हैं, दुनिया की सबसे कम उम्र की प्रधानमंत्री हैं। दोनों नेताओं ने जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने देशों के रिश्तों को और गहरा करने की बात कही।
भूकंप पीड़ितों को श्रद्धांजलि, रामायण का मंचन
सबसे पहले PM मोदी ने 28 मार्च को आए भूकंप में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उन्होंने बैंकॉक में थाई रामायण का मंचन देखा, जिसे वहाँ ‘रामाकेन’ कहते हैं। मोदी ने कहा, “रामायण की कहानियाँ थाई लोगों के जीवन का हिस्सा हैं। बौद्ध धर्म और सांस्कृतिक कड़ियों ने हमें सदियों से जोड़ा है।” यह दौरा भारत-थाईलैंड संबंधों में नई मजबूती का प्रतीक बन गया।
थाईलैंड पहुँचते ही गर्मजोशी से स्वागत
बैंकॉक पहुँचने पर भारतीय समुदाय ने PM का जोरदार स्वागत किया। गार्ड ऑफ ऑनर के साथ उनकी अगवानी हुई। इसके बाद उन्होंने थाई PM से द्विपक्षीय मुलाकात की। दोनों देशों के अधिकारियों ने व्यापार, संस्कृति और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर बात की। थाईलैंड ने इस मौके पर 18वीं सदी के रामायण भित्ति चित्रों पर आधारित एक खास डाक टिकट भी जारी किया।
मोदी के संबोधन की 3 बड़ी बातें
- बुद्ध के अवशेष थाईलैंड को सौंपे जाएँगे: मोदी ने बताया कि गुजरात के अरावली में 1960 में मिले भगवान बुद्ध के अवशेष थाईलैंड को दिए जाएँगे। थाई PM ने उन्हें पाली भाषा में लिखी ‘त्रिपिटक’ भेंट की, जिसमें बुद्ध की शिक्षाएँ हैं।
- स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप: दोनों देशों ने अपने रिश्तों को स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप का दर्जा देने का फैसला किया। साइबर क्राइम और ह्यूमन ट्रैफिकिंग के खिलाफ मिलकर काम करने पर सहमति बनी।
- व्यापार और टूरिज्म को बढ़ावा: MSME, रिन्युएबल एनर्जी, डिजिटल टेक्नोलॉजी और स्टार्टअप में सहयोग बढ़ेगा। भारत ने थाई पर्यटकों के लिए ई-वीजा शुरू किया है।
शुक्रवार का प्लान: राजा से मुलाकात और BIMSTEC समिट
अगले दिन यानी शुक्रवार को PM मोदी थाईलैंड के राजा महा वजीरालोंगकोर्न और रानी सुथिदा से मिलेंगे। इसके बाद वे BIMSTEC समिट में हिस्सा लेंगे। इस दौरान बांग्लादेश के अंतरिम PM मोहम्मद यूनुस से भी उनकी मुलाकात हो सकती है। साथ ही, वे बैंकॉक के मशहूर वात फो मंदिर जा सकते हैं, जहाँ विशाल रिक्लाइनिंग बुद्ध की प्रतिमा है।
भारत-थाईलैंड का पुराना नाता
भारत-थाईलैंड संबंधों में नई मजबूती की नींव सदियों पुराने रिश्तों पर टिकी है। बौद्ध धर्म और रामायण ने दोनों देशों को जोड़ा। थाईलैंड को प्राचीन भारतीय ग्रंथों में ‘स्वर्णभूमि’ कहा गया। 1947 में भारत की आजादी के बाद औपचारिक रिश्ते शुरू हुए और 2022 में दोनों ने 75 साल पूरे होने का जश्न मनाया।
व्यापार में भी बढ़त
थाईलैंड आसियान देशों में भारत का चौथा बड़ा ट्रेड पार्टनर है। 2021 में थाई कंपनी ने भारत में 3880 करोड़ रुपये का निवेश किया। दोनों देशों ने 2004 में अर्ली हार्वेस्ट स्कीम के तहत 83 प्रोडक्ट्स पर व्यापार बढ़ाया। भारत-थाईलैंड संबंधों में नई मजबूती अब टूरिज्म और टेक्नोलॉजी में भी दिखेगी।
आगे क्या?
यह दौरा न सिर्फ सांस्कृतिक बल्कि रणनीतिक और आर्थिक रिश्तों को नई ऊँचाई देगा। मोदी की एक्ट ईस्ट पॉलिसी में थाईलैंड की अहम भूमिका है। फैंस को उम्मीद है कि यह यात्रा दोनों देशों के बीच सहयोग को और मजबूत करेगी।
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