DGCA का बड़ा फैसला: Boeing 787 विमानों की सख्त निगरानी शुरू
भारतीय विमानन नियंत्रक DGCA ने एयर इंडिया के Boeing 787 ड्रीमलाइनर विमानों के लिए कड़े सुरक्षा नियम लागू करने का आदेश दिया है। यह निर्णय गुजरात में हुए विमान हादसे के तुरंत बाद लिया गया है।
नए सुरक्षा आदेश की मुख्य बातें
विमानन सुरक्षा अधिकारियों ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। इसके अनुसार सभी Boeing 787-8 और 787-9 विमानों की प्रत्येक उड़ान से पहले विस्तृत जांच करना अनिवार्य हो गया है। यह नियम 15 जून से प्रभावी हो चुका है।
एयर इंडिया के बेड़े में कुल 33 ड्रीमलाइनर विमान हैं – 26 Boeing 787-8 और 7 Boeing 787-9 मॉडल। इन सभी विमानों को अब अतिरिक्त सुरक्षा जांच से गुजरना होगा।
उड़ान से पहले होने वाली 9 आवश्यक जांच
विमानन अधिकारियों ने निम्नलिखित सुरक्षा जांच को अनिवार्य बनाया है:
तकनीकी सिस्टम की जांच:
- ईंधन प्रणाली की संपूर्ण समीक्षा
- केबिन वायु संचार व्यवस्था का परीक्षण
- इंजन नियंत्रण तंत्र की जांच
- हाइड्रोलिक सिस्टम का निरीक्षण
उड़ान तैयारी की समीक्षा:
- टेक-ऑफ डेटा का पुनः सत्यापन
- फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम की नई जांच
- इंजन पावर टेस्ट (हर दो सप्ताह में)
- पिछली तकनीकी समस्याओं की पूर्ण समीक्षा
Boeing 787 ड्रीमलाइनर की विशेषताएं
ड्रीमलाइनर एक आधुनिक, लंबी दूरी का यात्री विमान है। इसकी मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
डिज़ाइन और संरचना: यह विमान कार्बन फाइबर कंपोज़िट सामग्री से बना है, जो इसे हल्का और मजबूत बनाता है। इसकी 50% संरचना इसी उन्नत सामग्री से निर्मित है।
यात्री सुविधाएं: विमान में बड़ी खिड़कियां, एलईडी लाइटिंग सिस्टम, और बेहतर केबिन प्रेशर व्यवस्था है। यात्रियों को कम थकान और अधिक आराम का अनुभव होता है।
पिछले तकनीकी विवादों का इतिहास
Boeing 787 विमानों में पहले भी कई तकनीकी समस्याएं सामने आई हैं:
बैटरी समस्या (2013): लिथियम आयन बैटरी में आग लगने की घटनाओं के कारण तीन महीने तक विश्वभर में सभी ड्रीमलाइनर विमानों की उड़ानें रोकी गई थीं।
निर्माण दोष (2020-2022): विमान के विभिन्न भागों को जोड़ने में तकनीकी खामियां पाई गईं। इसके कारण कई विमानों की डिलीवरी रोकनी पड़ी।
इंजन संबंधी समस्याएं: जनरल इलेक्ट्रिक और रोल्स-रॉयस इंजनों में तेल रिसाव और अन्य तकनीकी खराबियां देखी गई हैं।
सुरक्षा उपायों का प्रभाव
नए सुरक्षा आदेशों का मुख्य उद्देश्य यात्री सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देना है। विमानन विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारतीय आकाश में उड़ान भरने वाले सभी विमानों की सुरक्षा को मजबूत बनाएगा।
एयरलाइन उद्योग पर प्रभाव
इन नए नियमों से एयर इंडिया को अपने परिचालन में बदलाव करना होगा। प्रत्येक उड़ान से पहले अतिरिक्त जांच का मतलब है अधिक समय और संसाधन की आवश्यकता।
हालांकि, यात्री सुरक्षा के लिए यह एक आवश्यक कदम माना जा रहा है। विमानन उद्योग में सुरक्षा हमेशा सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकता होती है।
निष्कर्ष
DGCA के नए सुरक्षा आदेश Boeing 787 विमानों की सुरक्षा को लेकर गंभीरता दर्शाते हैं। यह कदम न केवल तकनीकी समस्याओं का समाधान प्रदान करता है, बल्कि भविष्य में होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम में भी सहायक होगा।

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