नई दिल्ली: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि चीन ने भारत की 4 हजार वर्ग किमी जमीन पर कब्जा कर लिया है, लेकिन सरकार चुप है। राहुल ने शून्यकाल के दौरान भारत-चीन के 75 साल के राजनयिक रिश्तों के जश्न पर सवाल उठाए। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “चीन हमारी जमीन पर बैठा है, और हमारे विदेश सचिव विक्रम मिस्री चीनी राजदूत के साथ केक काट रहे हैं। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति चिट्ठियां लिख रहे हैं, जो हमें दूसरों से पता चल रहा है।”
जमीन वापस लेने की मांग
राहुल गांधी ने कहा, “हम सामान्य रिश्तों के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन पहले चीन ने भारत की 4 हजार वर्ग किमी जमीन पर कब्जा किया, उसे वापस लेना चाहिए।” उन्होंने सरकार से पूछा कि आखिर हमारी जमीन कब लौटेगी। राहुल ने यह भी कहा कि चीनी राजदूत खुद सोशल मीडिया पर बता रहे हैं कि उन्हें भारत के बड़े नेताओं से चिट्ठियां मिली हैं।
अमेरिकी टैरिफ पर भी सवाल
राहुल ने सरकार की विदेश नीति पर तंज कसा। उन्होंने कहा, “एक तरफ चीन ने हमारी जमीन छीनी, दूसरी तरफ अमेरिका ने भारत पर 26% टैरिफ लगा दिया। इससे ऑटो, दवा और खेती का कारोबार बर्बाद हो जाएगा।” राहुल ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा, “इनकी नीति हर विदेशी के सामने सिर झुकाने की है। इंदिरा गांधी कहती थीं कि मैं सीधी खड़ी हूं, लेकिन भाजपा हर विदेशी ताकत के आगे झुकती है।”
1 अप्रैल को हुआ था जश्न
बीते 1 अप्रैल को भारत-चीन के रिश्तों के 75 साल पूरे होने पर एक कार्यक्रम हुआ था। इसमें विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने चीनी राजदूत शू फेइहोंग के साथ केक काटा था। इसकी तस्वीरें चीनी राजदूत ने X पर शेयर की थीं। राहुल ने इसी को लेकर सरकार को घेरा।
लद्दाख के LG ने खारिज किया था दावा
राहुल गांधी ने 2022 में लद्दाख दौरे पर कहा था कि चीन ने भारत की 4 हजार वर्ग किमी जमीन पर कब्जा कर लिया है। लेकिन लद्दाख के उपराज्यपाल बीडी मिश्रा ने इसे गलत बताया था। उन्होंने कहा, “चीन के पास हमारी एक इंच जमीन भी नहीं है। सेना हर हालात से निपटने को तैयार है।”
गलवान झड़प का जिक्र
2020 में गलवान घाटी में भारत-चीन सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। इसमें 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे। भारत ने भी जवाबी कार्रवाई में 40 चीनी सैनिकों को मार गिराया था। राहुल ने इस घटना का हवाला देते हुए सरकार की नीति पर सवाल उठाए।
हाल में सुधरे रिश्ते
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मार्च 2025 में कहा था कि अक्टूबर 2024 से भारत-चीन रिश्तों में सुधार हुआ है। अक्टूबर में दोनों देशों के बीच समझौता हुआ, जिसके बाद लद्दाख के देपसांग और डेमचोक से सेनाएं हटीं।
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