Advertisement

Disha Salian: दिशा सालियान की मौत में क्यों आया आदित्य ठाकरे का नाम | New PaperDoll

Disha Salian

मुंबई: बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व मैनेजर दिशा सालियान की मौत का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। यह मामला, जो जून 2020 में सामने आया था, अब पांच साल बाद नए मोड़ के साथ बॉम्बे हाईकोर्ट में पहुंच गया है। दिशा के पिता सतीश सालियान ने हाल ही में कोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे के खिलाफ FIR दर्ज करने और मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपने की मांग की गई है। इस याचिका ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हलचल मचा दी है। लेकिन सवाल यह है कि दिशा सालियान की मौत में आदित्य ठाकरे का नाम क्यों उछला और यह मामला इतने सालों बाद फिर से कोर्ट क्यों पहुंचा?

क्या है दिशा सालियान मामला?

दिशा सालियान, जो 28 साल की उम्र में एक सेलिब्रिटी मैनेजर थीं, 8 जून 2020 को मुंबई के मलाड इलाके में एक हाई-राइज बिल्डिंग से गिरकर मृत पाई गई थीं। मुंबई पुलिस ने इसे आत्महत्या करार देते हुए एक आकस्मिक मृत्यु रिपोर्ट (ADR) दर्ज की थी। घटना के छह दिन बाद, 14 जून 2020 को सुशांत सिंह राजपूत की भी उनके बांद्रा स्थित फ्लैट में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई। इन दोनों घटनाओं ने सोशल मीडिया और जनता के बीच कई साजिश के सिद्धांतों को जन्म दिया। कुछ लोगों ने दावा किया कि दिशा और सुशांत की मौत आपस में जुड़ी हुई हैं, और इसमें बड़े नामों का हाथ हो सकता है।

शुरुआत में दिशा के माता-पिता ने पुलिस जांच से संतुष्टि जताई थी और किसी भी तरह के षड्यंत्र से इनकार किया था। हालांकि, समय के साथ इस मामले में कई सवाल उठे, खासकर जब बीजेपी नेताओं और कुछ अन्य लोगों ने इसमें आदित्य ठाकरे का नाम जोड़ा।

आदित्य ठाकरे का नाम कैसे आया?

आदित्य ठाकरे, जो उस समय महाराष्ट्र के पर्यावरण मंत्री थे और शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के प्रमुख नेता हैं, का नाम सबसे पहले बीजेपी नेता नारायण राणे और उनके बेटे नितेश राणे ने सार्वजनिक रूप से उठाया। नितेश राणे ने दावा किया कि दिशा की मृत्यु आत्महत्या या हादसा नहीं, बल्कि हत्या थी और इसमें आदित्य ठाकरे की संलिप्तता थी। उनका आरोप था कि दिशा की मौत को दबाने के लिए उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी (MVA) सरकार ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की।

इन आरोपों को और हवा तब मिली जब 2022 में महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी और एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों ने इस मामले की दोबारा जांच की मांग की। इसके बाद दिसंबर 2022 में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दिशा सालियान की मौत की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम (SIT) गठित करने की घोषणा की। हालांकि, SIT की जांच का कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया।

पांच साल बाद कोर्ट में नया मोड़

20 मार्च 2025 तक की तारीख के साथ, दिशा सालियान के पिता सतीश सालियान ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की, जिसमें कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। याचिका में दावा किया गया है कि दिशा की हत्या की गई थी और इसमें आदित्य ठाकरे के साथ-साथ अभिनेता सूरज पंचोली और डिनो मोरिया जैसे नाम भी शामिल हैं। सतीश सालियान ने आरोप लगाया कि 8 जून 2020 को दिशा ने अपने घर पर एक पार्टी आयोजित की थी, जिसमें आदित्य ठाकरे अपने अंगरक्षकों के साथ मौजूद थे। याचिका में यह भी कहा गया है कि दिशा के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई।

सतीश सालियान ने दावा किया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में छेड़छाड़ की गई और सबूतों को नष्ट करने के लिए दिशा का शव घटनास्थल पर बाद में लाया गया। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि अगर दिशा 14वीं मंजिल से गिरी थीं, तो उनके शरीर पर एक भी हड्डी क्यों नहीं टूटी और घटनास्थल पर खून क्यों नहीं मिला।

आदित्य ठाकरे का जवाब

इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा, “पिछले पांच सालों से मेरी छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है। अगर यह मामला कोर्ट में है, तो मैं कोर्ट में ही जवाब दूंगा। मेरा संघर्ष देश की भलाई के लिए जारी रहेगा।” उन्होंने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए बीजेपी पर निशाना साधा और कहा कि यह उनकी छवि को धूमिल करने की साजिश है।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने इस याचिका के पीछे राजनीतिक साजिश का संकेत दिया। उन्होंने कहा, “पांच साल बाद यह मामला क्यों उठाया जा रहा है? इसके पीछे कोई ताकत काम कर रही है। यह औरंगजेब और नागपुर हिंसा जैसे मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश है।” वहीं, बीजेपी नेता नितेश राणे ने कहा, “दिशा के पिता ने सच को सामने लाने की हिम्मत दिखाई है। कोर्ट में सच बाहर आएगा और दोषियों को सजा मिलेगी।”

आगे क्या?

महाराष्ट्र सरकार ने 2023 में दिशा मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया था, लेकिन उसकी रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं हुई है। अब सतीश सालियान की याचिका के बाद यह मामला फिर से गरमा गया है। कोर्ट इस याचिका पर सुनवाई करेगा और यह तय करेगा कि क्या इस मामले में FIR दर्ज की जाएगी और क्या CBI जांच होगी।

यह मामला न केवल दिशा सालियान और सुशांत सिंह राजपूत की मौत के रहस्य को सुलझाने की दिशा में एक कदम हो सकता है, बल्कि महाराष्ट्र की सियासत में भी बड़ा उलटफेर ला सकता है। फिलहाल, सभी की निगाहें बॉम्बे हाईकोर्ट के अगले कदम पर टिकी हैं।

More News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *