विवरण
27 मार्च 2025 को, हरियाणा के गुरुग्राम में नाथुपुर गांव में एक केंद्र पर छापा मारा गया, जहां फर्जी आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र बनाए जा रहे थे। मुख्य मंत्री की फ्लाइंग स्क्वाड और अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर के कार्यालय के अधिकारियों ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। केंद्र का ऑपरेटर, काशी राम, को गिरफ्तार किया गया,
जो बिहार के मधुबनी जिले का निवासी है। पुलिस ने कई फर्जी दस्तावेज़, जैसे वोटर कार्ड, पैन कार्ड, बैंक पासबुक, और उपकरण जैसे लैपटॉप, प्रिंटर, और 12,000 रुपये नकद जब्त किए। यह केंद्र प्रभास साइबर कैफे के माध्यम से अवैध रूप से संचालित हो रहा था।
अनपेक्षित रूप से, इस केंद्र ने आधार कार्ड, वोटर कार्ड, और पैन कार्ड जैसे अन्य दस्तावेज़ भी बनाए, जो इस मामले की गंभीरता को और बढ़ाता है। जांच अभी भी जारी है कि कितने फर्जी दस्तावेज़ बनाए गए और इनका उपयोग किस लिए किया गया।
विस्तृत सर्वेक्षण नोट
इस रिपोर्ट में गुरुग्राम में फर्जी आधार और जन्म प्रमाण पत्र बनाने वाले गिरोह के पकड़े जाने की घटना का विस्तृत विश्लेषण किया गया है, जो हाल ही में 27 मार्च 2025 को हुई। यह नोट विभिन्न समाचार स्रोतों और सोशल मीडिया अपडेट्स से जानकारी एकत्र करता है, जो इस घटना के पहलुओं को समझने में मदद करता है।
पृष्ठभूमि और घटना का विवरण
27 मार्च 2025 को, हरियाणा के गुरुग्राम में नाथुपुर गांव, डीएलएफ फेज 3 पुलिस स्टेशन की सीमा के अंतर्गत, एक अवैध केंद्र पर छापा मारा गया। यह केंद्र फर्जी आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए जाना जाता था। छापे की कार्रवाई मुख्य मंत्री की फ्लाइंग स्क्वाड और अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर के कार्यालय के अधिकारियों द्वारा की गई।
केंद्र का ऑपरेटर, काशी राम, बिहार के मधुबनी जिले का निवासी, गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने छापे के दौरान कई फर्जी दस्तावेज़, जैसे वोटर कार्ड, पैन कार्ड, बैंक पासबुक, और फर्जी आधार कार्ड, साथ ही तकनीकी उपकरण जैसे लैपटॉप, प्रिंटर, और 12,000 रुपये नकद जब्त किए। यह केंद्र प्रभास साइबर कैफे के माध्यम से संचालित हो रहा था, जो इस अवैध गतिविधि के लिए एक आधार प्रदान करता था।
गिरोह की गतिविधियाँ और शुल्क
रिपोर्ट्स के अनुसार, काशी राम आधार कार्ड, वोटर कार्ड, और पैन कार्ड जैसे दस्तावेज़ बनाने के लिए 400 से 500 रुपये तक चार्ज करता था, बिना किसी उचित दस्तावेज़ के। यह संकेत देता है कि यह एक व्यवस्थित ऑपरेशन था, जो संभवतः कई ग्राहकों को सेवा प्रदान कर रहा था, विशेष रूप से उन लोगों को जो वैध दस्तावेज़ प्राप्त करने में असमर्थ थे।
कानूनी कार्रवाई और जांच
इस मामले में डीएलएफ फेज 3 पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज की गई है। काशी राम की गिरफ्तारी के बाद, पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि कितने फर्जी दस्तावेज़ बनाए गए और इनका उपयोग किस लिए किया गया, जैसे कि पहचान छुपाने, वित्तीय धोखाधड़ी, या अन्य अवैध गतिविधियों में। यह जांच इस बात को समझने में महत्वपूर्ण होगी कि इस तरह के रैकेट कितने बड़े पैमाने पर संचालित हो रहे हैं और इनका प्रभाव क्या है।
तुलनात्मक विश्लेषण और ऐतिहासिक संदर्भ
यह घटना गुरुग्राम में फर्जी पहचान दस्तावेज़ बनाने के पिछले मामलों के साथ तुलना की जा सकती है। उदाहरण के लिए, 2023 में, नोएडा में एक गिरोह को फर्जी आधार कार्ड बनाने के लिए पकड़ा गया था, जहां पैर की उंगलियों के निशान का उपयोग बायोमेट्रिक डेटा के लिए किया गया था। हालांकि, गुरुग्राम का यह मामला जन्म प्रमाण पत्र को शामिल करता है, जो इसे और अधिक गंभीर बनाता है, क्योंकि जन्म प्रमाण पत्र कई कानूनी और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में उपयोग किए जाते हैं।
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