भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बैरी विलमोर की पृथ्वी पर वापसी का इंतजार अब खत्म होने वाला है। दोनों अंतरिक्ष यात्री लगभग नौ महीने तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में रहने के बाद जल्द ही धरती पर लौटेंगे। हालांकि, अंतरिक्ष में लंबा समय बिताने के बाद पृथ्वी पर लौटना आसान नहीं होता। इससे पहले भी कई अंतरिक्ष यात्रियों को गुरुत्वाकर्षण के बदलाव के कारण शारीरिक दिक्कतों का सामना करना पड़ा है।
लेकिन इस मिशन में देरी क्यों हुई? और अब सुनीता विलियम्स कब तक लौट सकती हैं? इसके अलावा, उन्हें पृथ्वी पर लौटने के बाद किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ेगा? आइए जानते हैं विस्तार से।
सुनीता विलियम्स किस मिशन पर गई थीं?
5 जून 2024 को NASA ने बोइंग क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन लॉन्च किया था, जिसके तहत सुनीता विलियम्स और बैरी विलमोर को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) भेजा गया। यह नासा के व्यावसायिक क्रू कार्यक्रम का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य अमेरिका से अंतरिक्ष में सुरक्षित और कम लागत वाले मानव मिशन भेजना था।
इस मिशन में बोइंग स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान का उपयोग किया गया, जिसकी यह पहली क्रू उड़ान थी। मिशन का मुख्य लक्ष्य यह परीक्षण करना था कि क्या स्टारलाइनर दीर्घकालिक अंतरिक्ष अभियानों के लिए उपयुक्त है।
मिशन में देरी क्यों हुई?
हालांकि, अंतरिक्ष यात्रा के दौरान कुछ तकनीकी समस्याएं सामने आईं, जिनमें शामिल हैं:
- थ्रस्टर्स में खराबी: स्टारलाइनर के कुछ थ्रस्टर्स (रॉकेट मोटर) ठीक से काम नहीं कर रहे थे।
- हीलियम लीक: अंतरिक्ष यान के हीलियम सिस्टम में कई लीकेज पाए गए।
- सुरक्षा जांच: NASA और बोइंग ने सुरक्षा कारणों से व्यापक डेटा विश्लेषण किया, जिससे मिशन में देरी हुई।
सितंबर 2024 में NASA ने फैसला किया कि स्टारलाइनर को बिना क्रू के वापस लाया जाएगा। इसके बाद, स्पेसएक्स के क्रू-9 और क्रू-10 मिशन के माध्यम से सुनीता और बैरी की वापसी की योजना बनाई गई।
अंततः, 18 मार्च 2025 को सुनीता और उनके साथी अंतरिक्ष स्टेशन से प्रस्थान कर चुके हैं और जल्द ही पृथ्वी पर उतरेंगे।
पृथ्वी पर लौटने के बाद सुनीता विलियम्स को क्या समस्याएं होंगी?
1. शारीरिक कमजोरी और चलने में दिक्कत
अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण (Gravity) न होने के कारण शरीर के मांसपेशियों और हड्डियों पर बहुत असर पड़ता है। अंतरिक्ष यात्री महीनों तक बिना अपने पैरों का पूरा भार उठाए रहते हैं, जिससे उनकी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।
जब वे पृथ्वी पर लौटते हैं, तो उन्हें हल्का महसूस होने वाला शरीर अचानक भारी लगने लगता है। कई अंतरिक्ष यात्रियों ने बताया है कि वापसी के बाद ऐसा महसूस होता है जैसे शरीर में बहुत ज्यादा वजन बढ़ गया हो।

2. संतुलन और चक्कर आने की समस्या
शून्य गुरुत्वाकर्षण के माहौल में शरीर का संतुलन बनाए रखने के लिए ज्यादा प्रयास नहीं करना पड़ता। लेकिन पृथ्वी पर लौटने के बाद दिमाग और आंतरिक कान (Inner Ear) के बैलेंस सेंसर को दोबारा गुरुत्वाकर्षण के अनुसार ढलना पड़ता है। इस वजह से कई अंतरिक्ष यात्रियों को चक्कर आने और लड़खड़ाने की समस्या होती है।
3. कमजोर हृदय (Heart Weakness)
अंतरिक्ष में दिल को खून पंप करने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती क्योंकि गुरुत्वाकर्षण वहां नहीं होता। लेकिन जब अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी पर लौटते हैं, तो उनके हृदय को अचानक अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इससे ब्लड प्रेशर असंतुलित हो सकता है और कमजोरी महसूस हो सकती है।
4. आंखों की समस्या और सिरदर्द
अंतरिक्ष में शरीर के तरल पदार्थ (Fluids) ऊपर की ओर बहने लगते हैं, जिससे आंखों पर दबाव बढ़ जाता है। इससे दृष्टि धुंधली (Blurred Vision) हो सकती है और आंखों की पुतली का आकार बदल सकता है। कई अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर लौटने के बाद नए चश्मे की जरूरत पड़ती है।
5. फ्लू जैसे लक्षण और प्रतिरोधक क्षमता में कमी
अंतरिक्ष से लौटने के बाद शरीर को पृथ्वी के वातावरण और बैक्टीरिया के संपर्क में आने की आदत डालनी पड़ती है। इससे थकान, जी मिचलाना और हल्का बुखार जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
रिकवरी प्रक्रिया कैसी होगी?
अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर लौटने के बाद विशेष पुनर्वास कार्यक्रम (Rehabilitation Program) से गुजरना पड़ता है। इसमें शामिल हैं:
✅ फिजियोथेरेपी और व्यायाम: मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत करने के लिए।
✅ मेडिकल निगरानी: हृदय, रक्तचाप और इम्यून सिस्टम की निगरानी के लिए।
✅ संतुलन प्रशिक्षण: चलने और बैलेंस बनाए रखने के लिए।
✅ डाइट और न्यूट्रिशन सपोर्ट: शरीर की ऊर्जा और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए।
वैज्ञानिकों का कहना है कि अंतरिक्ष यात्रियों को पूर्ण रूप से रिकवर होने में 2-3 महीने लग सकते हैं।
निष्कर्ष
सुनीता विलियम्स और बैरी विलमोर की अंतरिक्ष यात्रा चुनौतियों से भरी रही, लेकिन अब वे जल्द ही पृथ्वी पर लौट रहे हैं। हालांकि, पृथ्वी पर वापसी के बाद उनका शरीर नई परिस्थितियों में ढलने के लिए संघर्ष करेगा। यह मिशन NASA के लिए एक महत्वपूर्ण अनुभव होगा, जिससे भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों को और सुरक्षित बनाया जा सकेगा। 🚀✨
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