जेडी वेंस की जिंदगी: गरीबी, संघर्ष और हिंदू पत्नी से प्यार की कहानी
अमेरिका के 50वें उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की जिंदगी एक ऐसी कहानी है जो संघर्ष, मेहनत और प्रेम से भरी है। 6 साल की उम्र में पिता ने अडॉप्शन के लिए छोड़ दिया, मां ड्रग्स की लत में डूबी रहीं, फिर भी नाना-नानी के प्यार और अपनी जिद ने उन्हें दुनिया के सबसे ताकतवर देश का उपराष्ट्रपति बनाया। आज वे अपनी हिंदू पत्नी उषा और बच्चों के साथ भारत दौरे पर हैं। आइए, जानते हैं जेडी वेंस की जिंदगी के अनसुने किस्से।
गरीबी और टूटे परिवार में बीता बचपन
2 अगस्त 1984 को ओहियो में जेडी का जन्म एक स्कॉट-आयरिश परिवार में हुआ। उनके माता-पिता, बेवर्ली एकिंस और डोनाल्ड बोमन, गरीबी से जूझ रहे थे। जेडी के जन्म के कुछ ही महीनों बाद उनके पेरेंट्स का तलाक हो गया। इसके बाद बेवर्ली ने बॉब हैमेल से शादी की, लेकिन उनकी ड्रग्स और शराब की लत ने जेडी की जिंदगी को और मुश्किल बना दिया।
जेडी ने अपनी किताब ‘हिलबिली एलेजी’ में लिखा, “मुझे मां का बार-बार घर बदलना पसंद नहीं था। नाना-नानी के घर में ही सुकून मिलता था।” उनकी नानी बोनी और नाना जेम्स ने उन्हें पाला और जिंदगी की राह दिखाई।
पिता ने छोड़ा, मां ने 5 शादियां कीं
जब जेडी 6 साल के थे, उनके बायोलॉजिकल पिता डोनाल्ड बोमन ने उन्हें अडॉप्ट करने से इनकार कर दिया। बेवर्ली के तीसरे पति बॉब हैमेल ने जेडी को गोद लिया और उनका नाम जेम्स डोनाल्ड बोमन से जेम्स डेविड हैमेल हो गया। जेडी वेंस की जिंदगी में यह एक बड़ा बदलाव था।
बेवर्ली ने कुल 5 शादियां कीं और कई रिलेशनशिप में रहीं। जेडी ने अपनी किताब में लिखा, “पिता ने कहा कि उन्होंने मुझे कोर्ट की लंबी लड़ाई से बचाने के लिए छोड़ दिया।” लेकिन यह फैसला जेडी के लिए आसान नहीं था।
मां की मार, जेल और कोर्ट का किस्सा
12 साल की उम्र में जेडी ने अपनी मां का गुस्सा झेला। एक बार बेवर्ली ने उन्हें इतना मारा कि वे नंगे पांव नानी के घर भाग गए। बाद में मां ने शॉपिंग का लालच देकर उन्हें मनाया। लेकिन कार में एक छोटी सी बात पर बेवर्ली ने गुस्से में गाड़ी तेज की और कहा, “मैं हमें मार दूंगी।”
जेडी ने जैसे-तैसे कार से भागकर अपनी जान बचाई। गुस्से में बेवर्ली ने उनका पीछा किया और मारना शुरू किया। वहां मौजूद लोगों ने पुलिस बुलाई, और बेवर्ली को जेल हो गई। लेकिन जेडी ने कोर्ट में मां के खिलाफ कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उनकी यह निष्ठा जेडी वेंस की जिंदगी की सबसे मार्मिक कहानियों में से एक है।
नाना-नानी ने दिखाई राह, रिपब्लिकन बने
जेडी के नाना-नानी डेमोक्रेटिक पार्टी के समर्थक थे। उनकी नानी को बिल क्लिंटन बहुत पसंद थे। लेकिन जेडी ने रिपब्लिकन पार्टी चुनी। उनकी मेहनत ने उन्हें येल लॉ स्कूल तक पहुंचाया, जहां उनकी जिंदगानी का सबसे खूबसूरत मोड़ आया।
हिंदू लड़की उषा से पहली नजर का प्यार
येल लॉ स्कूल में जेडी की मुलाकात उषा चिलकुरी से हुई। जेडी वेंस की जिंदगी में उषा एक नया रंग लेकर आईं। जेडी ने अपनी किताब में लिखा, “पहली नजर में ही मुझे उषा से प्यार हो गया। पहली डेट के बाद मैंने अपने दिल की बात कह दी।”
2010 में दोनों दोस्त बने और 2014 में हिंदू रीति-रिवाजों से शादी की। उषा भारतीय मूल की हिंदू हैं, जिनके पिता IIT ग्रेजुएट और मां बायोलॉजिस्ट हैं। उषा शाकाहारी हैं, और जेडी ने उनके लिए वेजिटेरियन लाइफस्टाइल अपनाया। उषा ने जेडी के भाषणों और पॉलिटिक्स में भी अहम रोल निभाया। उनके तीन बच्चे हैं: इवान (7), विवेक (4), और मिराबेल (3)।
ट्रम्प से हिटलर तक कहा, फिर बने वफादार
2016 में जेडी ने डोनाल्ड ट्रम्प को ‘इडियट’ और ‘हिटलर’ तक कहा था। उन्होंने ट्रम्प को सपोर्ट करने से इनकार किया। लेकिन 2020 में ट्रम्प के काम से प्रभावित होकर जेडी ने उन्हें वोट दिया। 2021 में कैपिटल हिल हमले के बाद भी जेडी ने ट्रम्प का साथ दिया।
2022 में सीनेट चुनाव के दौरान जेडी ने अपनी पुरानी बातों के लिए माफी मांगी। 15 जुलाई 2024 को ट्रम्प ने उन्हें वाइस प्रेसिडेंट कैंडिडेट चुना। 5 नवंबर 2024 को ट्रम्प के जीतने के बाद जेडी अमेरिका के उपराष्ट्रपति बने। जेडी वेंस की जिंदगी का यह सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट था।
भारत दौरा 2025: परिवार के साथ अक्षरधाम दर्शन
21 अप्रैल 2025 को जेडी वेंस अपनी पत्नी उषा और बच्चों के साथ भारत आए। उन्होंने दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर में दर्शन किए और पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। उनके बच्चे भारतीय परिधानों में नजर आए, जो सोशल मीडिया पर वायरल हुए। जयपुर के आमेर किले और आगरा के ताजमहल का दौरा भी उनके शेड्यूल में है। जेडी वेंस की जिंदगी में यह दौरा एक खास अध्याय है।
समरी: जेडी वेंस की जिंदगी की मुख्य बातें
- जन्म और बचपन: 2 अगस्त 1984, ओहियो में जन्म, गरीबी और टूटे परिवार में बीता बचपन।
- मां-पिता: मां बेवर्ली ड्रग एडिक्ट, 5 शादियां; पिता ने 6 साल की उम्र में छोड़ा।
- नाना-नानी: बोनी और जेम्स वेंस ने पाला, डेमोक्रेटिक पार्टी के समर्थक।
- पत्नी उषा: भारतीय मूल की हिंदू, 2014 में शादी, 3 बच्चे।
- ट्रम्प और पॉलिटिक्स: 2016 में ट्रम्प के खिलाफ, 2024 में वाइस प्रेसिडेंट बने।
- भारत दौरा: 21-24 अप्रैल 2025, अक्षरधाम, जयपुर, और आगरा की यात्रा।
क्यों है जेडी वेंस की कहानी प्रेरणादायक?
जेडी वेंस की जिंदगी बताती है कि कितनी भी मुश्किलें हों, मेहनत और सही साथ से सब कुछ मुमकिन है। गरीबी, टूटा परिवार, और मां की लत को पीछे छोड़कर उन्होंने न सिर्फ येल लॉ स्कूल में पढ़ाई की, बल्कि अमेरिका का उपराष्ट्रपति बनने का सपना भी पूरा किया। उनकी और उषा की प्रेम कहानी भी हर किसी को प्रेरित करती है। क्या आप भी जेडी की कहानी से मोटिवेट हुए? अपनी राय कमेंट में शेयर करें!
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