बेंगलुरु, 22 मार्च 2025: कर्नाटक विधानसभा में शुक्रवार को उस समय हंगामा मच गया जब सरकारी ठेकों में मुसलमानों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण देने वाले विधेयक को लेकर विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायकों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान विधानसभा में अभूतपूर्व नजारा देखने को मिला जब बीजेपी और जनता दल (सेक्युलर) के सदस्य विधानसभा के वेल में उतर आए, नारेबाजी की और विधेयक की प्रतियां फाड़कर स्पीकर यूटी खादर की ओर फेंक दीं। विरोध के बीच स्पीकर ने 18 बीजेपी विधायकों को 6 महीने के लिए निलंबित कर दिया। इसके साथ ही, विधानसभा ने मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों की सैलरी को दोगुना करने वाला विधेयक भी पारित कर दिया।

हनी ट्रैप और मुस्लिम आरक्षण पर विवाद
यह हंगामा तब शुरू हुआ जब बीजेपी और जेडी(एस) ने विधानसभा में कथित “हनी ट्रैप” मामले की न्यायिक जांच की मांग की। बीजेपी का आरोप था कि कांग्रेस सरकार इस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। गुरुवार को सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना ने दावा किया था कि उनके साथ-साथ 48 अन्य विधायकों और नेताओं को “हनी ट्रैप” में फंसाने की कोशिश की गई थी। इस मुद्दे पर बीजेपी विधायकों ने सीडी लहराते हुए इसे सबूत के तौर पर पेश किया और जांच की मांग की। हालांकि, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच का आश्वासन पहले ही दिया जा चुका है।
इसी बीच, कांग्रेस सरकार ने “कर्नाटक ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक प्रोक्योरमेंट्स (संशोधन) विधेयक, 2025” पेश किया, जिसमें सरकारी ठेकों में मुसलमानों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। बीजेपी ने इसे “असंवैधानिक” और “अल्पसंख्यक तुष्टिकरण” करार देते हुए इसका कड़ा विरोध किया। विरोध के दौरान विधायकों ने स्पीकर के आसन के पास पहुंचकर कागजात फाड़े और नारेबाजी की, जिसके बाद मार्शलों को बुलाकर उन्हें बाहर निकाला गया।
निलंबित विधायकों की सूची
निलंबित किए गए 18 बीजेपी विधायकों में बीजेपी चीफ व्हिप डोड्डन्ना गौड़ा पाटिल, सीएन अश्वथ नारायण, एसआर विश्वनाथ, बीए बसवराज, एमआर पाटिल, चन्नबसप्पा, बी सुरेश गौड़ा, उमानाथ कोट्यान, शरणु सलागर, डॉ. शैलेंद्र बेलदाले, सीके राममूर्ति, यशपाल सुवर्णा, बीपी हरीश, भरत शेट्टी, धीरज मुनीराजु, चंद्रू लमानी, मुनिरत्ना और बसवराज मत्तिमूद शामिल हैं। इन विधायकों को अगले छह महीनों तक विधानसभा और इसकी समितियों में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
सैलरी में 100% बढ़ोतरी
हंगामे के बीच विधानसभा ने एक और महत्वपूर्ण विधेयक पारित किया, जिसमें मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों की सैलरी, पेंशन और भत्तों में 100 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई। इस फैसले की विपक्ष ने आलोचना की और इसे जनता के साथ “धोखा” करार दिया। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कहा, “कांग्रेस सरकार ने अपना असली चेहरा दिखा दिया है। एक तरफ वे तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं, दूसरी तरफ अपनी सैलरी दोगुनी कर जनता का पैसा लूट रहे हैं।”
कांग्रेस का जवाब
कानून मंत्री एचके पाटिल, जिन्होंने आरक्षण विधेयक पेश किया, ने इसे सामाजिक न्याय की दिशा में एक कदम बताया। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि उनकी सरकार समावेशी विकास और सकारात्मक कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बीजेपी पर राजनीतिक लाभ के लिए मुद्दों को तूल देने का आरोप लगाया।
बीजेपी का अगला कदम
बीजेपी ने इस विधेयक के खिलाफ कोर्ट जाने और राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करने की घोषणा की है। नेता प्रतिपक्ष आर अशोक ने कहा, “यह विधेयक संविधान के खिलाफ है। हम इसे हर स्तर पर चुनौती देंगे।” पार्टी ने अगले सप्ताह से राज्य भर में विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है।
कर्नाटक विधानसभा का यह घटनाक्रम राज्य की राजनीति में एक नया तनाव पैदा कर सकता है, क्योंकि बीजेपी और कांग्रेस के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। इस बीच, जनता इस बात पर नजर रखेगी कि यह विवाद आगे कैसे आकार लेता है।
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