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खालिस्तानी आतंकी सिद्धू की तलाश में NIA: पीलीभीत में पोस्टर, 10 लाख का इनाम | New PaperDoll

खालिस्तानी आतंकी सिद्धू की तलाश में NIA: पीलीभीत में पोस्टर,

सिद्धू का आतंकी नेटवर्क: पीलीभीत से पाकिस्तान तक

खालिस्तानी आतंकी सिद्धू ने 2020-21 में पीलीभीत के गजरौला जप्ती गांव में किराए पर कमरा लेकर 10 महीने बिताए। इस दौरान उसने स्थानीय युवाओं को वीजा और विदेश भेजने का लालच देकर अपने जाल में फंसाया। NIA के मुताबिक, सिद्धू ने फर्जी पासपोर्ट बनवाकर कई लड़कों को ISI एजेंट्स की मदद से पाकिस्तान भेजा, जहां उन्हें आतंकी ट्रेनिंग दी गई।

सिद्धू का नेटवर्क भारत से ग्रीस, कनाडा और पाकिस्तान तक फैला है। वह बब्बर खालसा के चीफ वधवा सिंह और खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के रंजीत सिंह नीटा के साथ मिलकर काम करता है। नीटा पर भारत में बम ब्लास्ट और हथियार तस्करी के आरोप हैं।

VHP नेता की हत्या और पंजाब में ग्रेनेड हमले

अप्रैल 2023 में पंजाब के रूपनगर में विश्व हिंदू परिषद (VHP) नेता विकास बग्गा की हत्या में खालिस्तानी आतंकी सिद्धू का नाम सामने आया। NIA ने खुलासा किया कि सिद्धू ने इस हत्या की साजिश रची थी। इसके अलावा, नवंबर-दिसंबर 2024 में पंजाब के 8 पुलिस थानों और चौकियों पर ग्रेनेड हमलों में भी उसकी भूमिका पाई गई।

23 दिसंबर 2024 को पीलीभीत में 3 खालिस्तानी आतंकियों का एनकाउंटर हुआ। ये आतंकी सिद्धू के इशारे पर काम कर रहे थे। जांच में पता चला कि सिद्धू ने इन आतंकियों को पीलीभीत के पूरनपुर में छिपने में मदद की थी।

पीलीभीत में सिद्धू के मददगार: NIA की जांच

NIA को शक है कि गजरौला जप्ती गांव में सिद्धू के कुछ मददगार अब भी मौजूद हैं। कोविड के दौरान सिद्धू इस गांव में छिपा था। स्थानीय निवासी जसवीर सिंह ने बताया, “सिद्धू 10 महीने तक गांव में रहा। वह बड़े किसानों के साथ उठता-बैठता था और लड़कों के साथ क्रिकेट खेलता था। पुलिस की तलाश शुरू हुई तो वह रातोंरात गायब हो गया।”

NIA ने गांव के प्रधान अमनदीप और सिद्धू के करीबियों से पूछताछ शुरू की है। सिद्धू के ठिकानों पर छापेमारी और पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है।

खालिस्तानी मॉड्यूल का इतिहास और नया चेहरा

सीनियर जर्नलिस्ट केशव अग्रवाल बताते हैं, “1984 में ऑपरेशन ब्लूस्टार और सिख विरोधी दंगों के बाद पीलीभीत में खालिस्तानी नेटवर्क मजबूत हुआ। खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के कमांडर सतनाम सिंह चीना ने यहां आतंकी गतिविधियां शुरू कीं।”

“अब खालिस्तानी मॉड्यूल नए तरीकों से काम कर रहा है। सोशल मीडिया और इंटरनेट के जरिए युवाओं को भड़काया जा रहा है। खालिस्तानी आतंकी सिद्धू ने गरीब और महत्वाकांक्षी युवाओं को पैसों का लालच देकर अपने जाल में फंसाया।”

NIA क्यों नहीं पकड़ पा रही सिद्धू?

केशव अग्रवाल के मुताबिक, “सिद्धू जैसे आतंकियों का बेस कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान में है। वे बार-बार लोकेशन बदलते रहते हैं। पाकिस्तान में ISI उन्हें हथियार, पैसे और टेक्नोलॉजी मुहैया कराती है।” NIA के अनुसार, सिद्धू ISI की मदद से युवाओं को पाकिस्तान में ट्रेनिंग देता है, जहां उन्हें राइफल, स्नाइपर गन और ग्रेनेड चलाना सिखाया जाता है।

ड्रग्स और आतंक का नेक्सस

रिटायर्ड DGP बृजलाल कहते हैं, “पंजाब, दिल्ली और UP में खालिस्तानी आतंकियों का ड्रग तस्करी से गहरा कनेक्शन है। गोल्डन क्रिसेंट (पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ईरान) से ड्रग्स पंजाब के रास्ते UP तक पहुंचाए जाते हैं। खालिस्तानी आतंकी सिद्धू इस ड्रग नेटवर्क का हिस्सा है।”

जुलाई 2023 में NIA ने बब्बर खालसा के आतंकियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी, जिसमें सिद्धू का ड्रग तस्करी में शामिल होने का जिक्र था।

पीलीभीत पुलिस की कार्रवाई

पीलीभीत SP अविनाश पांडे ने बताया, “23 दिसंबर के एनकाउंटर में मारे गए 3 आतंकियों को सिद्धू ने पीलीभीत में ठहराया था। हमने उसके लोकल नेटवर्क को तोड़ने के लिए 200 लोगों पर कार्रवाई की। सिद्धू की मदद से डंकी रूट के जरिए लोगों को विदेश भेजने वाले सेंटर भी बंद किए गए।”

NIA ने सिद्धू की तलाश में शहर में चेकिंग बढ़ा दी है। टाइगर रिजर्व से सटे गांवों में पेट्रोलिंग चल रही है।

समरी: खालिस्तानी आतंकी सिद्धू की मुख्य बातें

  • कौन है सिद्धू?: बब्बर खालसा से जुड़ा आतंकी, यमुनानगर, हरियाणा का रहने वाला।
  • पीलीभीत कनेक्शन: 2020-21 में 10 महीने गजरौला जप्ती गांव में रहा, आतंकी नेटवर्क बनाया।
  • अपराध: VHP नेता की हत्या, पंजाब में ग्रेनेड हमले, UP के युवाओं को पाकिस्तान भेजा।
  • NIA की कार्रवाई: 10 लाख के इनाम के पोस्टर, लोकल नेटवर्क पर शिकंजा।
  • खतरा: ISI और ड्रग तस्करी से जुड़ा, कनाडा-पाकिस्तान में बेस।

क्यों है यह मामला गंभीर?

खालिस्तानी आतंकी सिद्धू की गतिविधियां राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हैं। उसने पीलीभीत जैसे छोटे शहर में आतंकी नेटवर्क खड़ा किया और युवाओं को गलत रास्ते पर धकेला। NIA और पुलिस की सख्ती से उसका नेटवर्क कमजोर हुआ है, लेकिन वह अब भी फरार है। क्या आप इस मामले पर अपनी राय रखना चाहेंगे? कमेंट में शेयर करें।

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