कोटा, राजस्थान में कोचिंग संस्थानों के शहर के रूप में मशहूर है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में यहां छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ी हैं। इस साल की आठवीं घटना के रूप में एक और कोचिंग छात्र ने होस्टल में आत्महत्या की।
इस घटना ने शहर में चिंता का माहौल पैदा कर दिया है और यह सवाल खड़ा किया है कि क्या छात्रों पर बढ़ते शैक्षिक दबाव और मानसिक तनाव का असर इतना गहरा हो सकता है कि वे आत्महत्या जैसे कृत्य तक पहुंच जाएं।
कोटा में छात्रों के आत्महत्या के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या कोचिंग संस्थानों और होस्टल में छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य की सही तरीके से देखभाल हो रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि छात्रों में दबाव और तनाव को कम करने के लिए संस्थानों को और अधिक संवेदनशीलता के साथ कार्य करना होगा।
यह घटना समाज को यह सोचने के लिए मजबूर करती है कि बच्चों और युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य को गंभीरता से लिया जाए और उनके मानसिक भलाइ के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
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