पहलगाम हमले के बाद LoC पर तनाव: पाकिस्तान की गोलीबारी, बंकरों में छिपे लोग
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। इस हमले के बाद लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) पर तनाव बढ़ गया है। पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के 15 सेक्टरों में लगातार 6 रातों से गोलीबारी और रॉकेट हमले किए हैं। LoC से सटे गांवों के लोग बंकरों में छिपकर अपनी जान बचा रहे हैं। लोग कहते हैं, “हम सरकार के साथ हैं।” आइए, जानते हैं LoC पर तनाव और लोगों की स्थिति के बारे में।
LoC पर तनाव: पाकिस्तान की आक्रामकता
पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान ने बारामूला के उरी, नौगाम, रामपुर, कुपवाड़ा के केरन, तंगधार, तुतमारी गली, जम्मू के पुंछ और अखनूर जैसे 15 सेक्टरों में गोलीबारी और रॉकेट दागे हैं। पिछले 4 दिनों में ये हमले और तेज हो गए हैं। भारतीय सेना भी इसका मुंहतोड़ जवाब दे रही है, लेकिन गांववाले डर के साए में जी रहे हैं।
बंकरों में शरण ले रहे लोग
LoC से सटे जम्मू के पुंछ जिले की कृष्णा घाटी में रहने वाले लोग बंकरों में छिपे हैं। ये बंकर सरकार ने 4-5 साल पहले पाकिस्तानी गोलीबारी से बचाव के लिए बनवाए थे। सीजफायर के दौरान इनका इस्तेमाल बंद हो गया था, लेकिन अब लोग इन्हें साफ करके फिर से तैयार कर रहे हैं।
मोहम्मद असद, जो कृष्णा घाटी के एक गांव में रहते हैं, बताते हैं:
हमारे बंकर की छत और दीवारें एक फीट मोटी हैं। बम गिरने पर भी ये हमें बचा सकते हैं। हमने एक महीने का राशन जमा कर लिया है। कई गांवों में कम्युनिटी बंकर हैं, जहां पूरा मोहल्ला शरण ले सकता है। जिनके घर इन बंकरों से दूर हैं, उन्होंने अपने घरों को ही बंकर की तरह बनाया है। इनमें किचन, बेड, फ्रिज, वॉशरूम जैसी सुविधाएं हैं।
कृष्णा घाटी: LoC का संवेदनशील इलाका
कृष्णा घाटी, पुंछ जिले का एक संवेदनशील इलाका है, जो LoC से महज आधा किलोमीटर दूर है। यहां के गांव दो हिस्सों में बंटे हैं- एक हिस्सा पहाड़ी के नीचे LoC से सटा है, दूसरा पहाड़ी के ऊपर। सुरक्षा कारणों से नीचे वाले हिस्से में जाना मुश्किल है यहां के लोग भगवान कृष्ण के भक्त हैं, इसलिए इस घाटी का नाम कृष्णा घाटी पड़ा। रास्ते में एक कृष्ण मंदिर भी बन रहा है, जिसे सेना की सुरक्षा में तैयार किया जा रहा है। गांव में भारतीय सेना 24 घंटे तैनात रहती है और हर घर का रिकॉर्ड रखती है। मोहम्मद गज्जाफी, एक युवा जो सेना में भर्ती की तैयारी कर रहा है, कहते हैं हमारे गांव में 200 घर और 1,000 से ज्यादा लोग हैं। सेना के पास हर व्यक्ति की जानकारी है। उनकी वजह से हम सुरक्षित महसूस करते हैं।
गांववाले अलर्ट, राशन की तैयारी
पाकिस्तान की गोलीबारी के कारण गांववाले पूरी तरह अलर्ट हैं। मोहम्मद असद बताते हैं हम एक महीने का राशन पहले ही जमा कर लेते हैं। रास्ते कच्चे हैं, इसलिए सामान कंधे पर लाते हैं। पानी भी दूर से लाना पड़ता है। गांव से बालाकोट (पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर) की पहाड़ियां दिखती हैं, जहां से अक्सर गोलीबारी होती है। लोग 2019 की बालाकोट एयरस्ट्राइक को याद करते हैं, जब भारतीय वायुसेना ने आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था।
चकन-दा-बाग: बंद पड़ा व्यापारिक रास्ता
पुंछ से 10 किलोमीटर दूर चकन-दा-बाग में LoC ट्रेडिंग सेंटर है। यहां एक बोर्ड लगा है, जिस पर लिखा है, “मित्र देश भारत आपका स्वागत करता है।” यह बोर्ड पाकिस्तान के लिए है, लेकिन 2019 में अवैध हथियार, नकली नोट और ड्रग्स की तस्करी के कारण यह व्यापारिक रास्ता बंद कर दिया गया। चकन-दा-बाग से 27 किलोमीटर दूर रावलकोट है, जहां पहलगाम हमले की साजिश रची गई थी। स्थानीय निवासी मोहम्मद हफीज कहते हैं LoC से सटे गांवों में लोग घरों में बंकर बनाकर रह रहे हैं। फायरिंग आम बात है, लेकिन हम तैयार हैं।
सिख समुदाय की एकजुटता
चकन-दा-बाग के पास सिख आबादी वाले गांव में परविंदर सिंह कहते हैं हमारे गांव में सरकारी बंकर नहीं हैं, इसलिए हमने घरों को शेल्टर की तरह बनाया है। सरकार जो फैसला ले, हम उसके साथ हैं।
सरकार और सेना की कार्रवाई
- आतंकियों के घर ढहाए: पहलगाम हमले के बाद सेना ने 14 लोकल आतंकियों की लिस्ट जारी की। 2 दिन में 8 आतंकियों के घर धमाकों से ढहा दिए गए।
- भारतीयों की वापसी: पिछले 6 दिनों में 1,000 भारतीय वाघा बॉर्डर से पाकिस्तान से लौटे। 800 पाकिस्तानी भारत से वापस गए।
- मेडिकल अलर्ट: LoC पर सभी मेडिकल स्टाफ को 24 घंटे अलर्ट रहने को कहा गया है।
उमर अब्दुल्ला का भावुक बयान
28 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर विधानसभा में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पहलगाम हमले में मारे गए 26 पर्यटकों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा मेजबान के नाते पर्यटकों की सुरक्षा मेरी जिम्मेदारी थी। उन बच्चों से क्या कहूं, जिन्होंने अपने पिता को खून में लथपथ देखा। मेरे पास माफी के शब्द नहीं हैं।
निष्कर्ष
पहलगाम हमले के बाद LoC पर तनाव चरम पर है। पाकिस्तान की गोलीबारी ने गांववालों को बंकरों में शरण लेने को मजबूर किया है, लेकिन उनका हौसला बुलंद है। भारतीय सेना और सरकार की सख्त कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ मजबूत संदेश दे रही है। लोग एकजुट होकर कह रहे हैं, “हम भारत सरकार के साथ हैं।”

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