नई दिल्ली: लोकसभा में इमिग्रेशन और विदेशियों से संबंधित विधेयक 2025 पारित हो गया है। गृह मंत्री अमित शाह ने इस पर बोलते हुए कहा कि “भारत धर्मशाला नहीं है” और अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों से सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सीमा पर फेंसिंग के लिए आवश्यक जमीन उपलब्ध नहीं करा रही हैं।
बिल के मुख्य बिंदु:
- अवैध प्रवासियों की पहचान और निर्वासन: बिल का मुख्य उद्देश्य देश में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों की पहचान करना और उन्हें निर्वासित करना है।
- सीमा सुरक्षा को मजबूत करना: बिल में सीमा पर सुरक्षा उपायों को बढ़ाने की बात कही गई है, जिससे अवैध प्रवेश रोका जा सके।
- कानूनी प्रक्रियाओं का सरलीकरण: अवैध प्रवासियों से निपटने के लिए कानूनी प्रक्रियाओं को तेज और प्रभावी बनाया जाएगा।
अमित शाह का बयान:
गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में कहा:
“भारत धर्मशाला नहीं है। अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों से सख्ती से निपटा जाएगा।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सीमा पर फेंसिंग के लिए आवश्यक जमीन उपलब्ध नहीं करा रही हैं, जिससे सुरक्षा उपायों में बाधा आ रही है।
ममता बनर्जी की प्रतिक्रिया:
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अमित शाह के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है और केंद्र सरकार के साथ सहयोग करने के लिए तैयार है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं:
- विपक्षी दलों ने बिल को लेकर चिंता जताई है और कहा है कि यह मानवाधिकारों का उल्लंघन कर सकता है।
- सत्तारूढ़ दल का कहना है कि यह बिल देश की सुरक्षा के लिए आवश्यक है और इससे अवैध प्रवासियों की समस्या का समाधान होगा।
निष्कर्ष:
इमिग्रेशन बिल 2025 के पारित होने के साथ ही भारत में अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का मार्ग प्रशस्त हो गया है। गृह मंत्री अमित शाह का सख्त संदेश और ममता बनर्जी पर लगाए गए आरोपों ने इस मुद्दे को और गरमा दिया है। आने वाले दिनों में इस पर और बहस होने की संभावना है।
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