Advertisement

MP बोर्ड में अब 2 बार परीक्षा का मौका | CBSE की तरह फेल और कम नंबर वाले स्टूडेंट्स सुधार सकेंगे रिजल्ट | New PaperDoll

MP बोर्ड

MP बोर्ड में छात्रों को एक मुख्य परीक्षा सत्र मिलता है, जो आमतौर पर मार्च में आयोजित होता है। जो छात्र किसी विषय में असफल हो जाते हैं, वे जून में आयोजित होने वाली पूरक परीक्षाओं में भाग ले सकते हैं। हाल की नीति के तहत, असफल छात्र चार महीने बाद परीक्षा फिर से दे सकते हैं, और जो पास हो गए हैं लेकिन अंक सुधारना चाहते हैं, वे सभी विषयों की परीक्षा फिर से दे सकते हैं। यह छात्रों को अपने प्रदर्शन में सुधार करने का मौका देता है, लेकिन यह CBSE की तरह दो पूर्ण परीक्षा सत्रों की व्यवस्था नहीं है।

CBSE के साथ तुलना

CBSE ने 2026 से दो परीक्षा सत्रों की योजना बनाई है, जहां छात्र फरवरी और मई में परीक्षा दे सकते हैं, और वे दोनों में से किसी एक या दोनों में भाग ले सकते हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर अंतिम परिणाम के लिए माना जाएगा। इसके अलावा, वे दूसरे सत्र में कुछ विषयों को छोड़ सकते हैं यदि वे पहले सत्र में संतुष्ट हैं। यह MP बोर्ड की पूरक परीक्षा प्रणाली से अधिक लचीला है।

अप्रत्याशित जानकारी

हालांकि MP बोर्ड ने दो सत्रों की व्यवस्था नहीं की है, लेकिन उनकी नई नीति छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और शैक्षिक प्रगति को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है, जो यह दर्शाता है कि वे छात्रों को अधिक अवसर देने की दिशा में काम कर रहे हैं।



विस्तृत रिपोर्ट: MP बोर्ड की नई परीक्षा नीति और CBSE के साथ तुलना

यह रिपोर्ट MP बोर्ड की हाल की परीक्षा नीति और CBSE की दो सत्रों वाली व्यवस्था के संदर्भ में विस्तृत जानकारी प्रदान करती है, जो उपयोगकर्ता के प्रश्न पर आधारित है। यह जानकारी 27 मार्च 2025 तक की है और सरल, समझने योग्य भाषा में प्रस्तुत की गई है।

परिचय और संदर्भ

MP बोर्ड, जिसे आधिकारिक रूप से मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MPBSE) के रूप में जाना जाता है, मध्य प्रदेश में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा के लिए जिम्मेदार है। हाल के वर्षों में, बोर्ड ने छात्रों की शैक्षिक प्रगति और मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कई नीतिगत बदलाव किए हैं। उपयोगकर्ता के प्रश्न से यह प्रतीत होता है कि MP बोर्ड ने CBSE की तरह दो परीक्षा सत्रों की व्यवस्था की है, जहां असफल और कम अंक वाले छात्र अपने परिणाम सुधार सकते हैं। हालांकि, विस्तृत विश्लेषण से पता चलता है कि यह पूरी तरह सही नहीं है।

MP बोर्ड की वर्तमान और नई परीक्षा नीति

MP बोर्ड की वर्तमान व्यवस्था में, छात्रों को एक मुख्य परीक्षा सत्र मिलता है, जो आमतौर पर मार्च में आयोजित होता है। जो छात्र किसी विषय में असफल हो जाते हैं, वे जून में आयोजित होने वाली पूरक परीक्षाओं में भाग ले सकते हैं। हाल ही में, MP बोर्ड ने एक नई नीति की घोषणा की है, जो छात्रों को और अधिक अवसर प्रदान करती है।

  • असफल छात्रों के लिए: जो छात्र किसी विषय में असफल हो जाते हैं, वे चार महीने बाद परीक्षा फिर से दे सकते हैं। यह नीति यह सुनिश्चित करती है कि छात्रों को एक शैक्षिक वर्ष खोने की संभावना कम हो।
  • अंक सुधार के लिए: जो छात्र पास हो गए हैं लेकिन अपने अंक सुधारना चाहते हैं, वे सभी विषयों की परीक्षा फिर से दे सकते हैं। हालांकि, इस प्रावधान के तहत, उन्हें सभी विषयों की परीक्षा देनी होगी, न कि केवल कुछ चुने हुए विषयों की।

यह नीति छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और शैक्षिक प्रगति को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है, जैसा कि MP board exams: New policy offers relief to students with multiple opportunities to pass and improve scores में उल्लेख किया गया है।

CBSE की दो सत्रों वाली व्यवस्था

दूसरी ओर, CBSE ने 2026 से एक नई नीति लागू करने की योजना बनाई है, जहां छात्रों को दो परीक्षा सत्रों में भाग लेने का विकल्प मिलेगा: एक फरवरी 2026 में और दूसरा मई 2026 में। इस नीति के मुख्य बिंदु हैं:

  • छात्र एक या दोनों सत्रों में परीक्षा दे सकते हैं।
  • उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर अंतिम परिणाम के लिए माना जाएगा।
  • वे दूसरे सत्र में कुछ विषयों को छोड़ सकते हैं यदि वे पहले सत्र में संतुष्ट हैं।
  • यह नीति राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और मंत्रालय के नए पाठ्यक्रम ढांचे के अनुरूप है, जैसा कि CBSE double-boards plan all about 2nd chances, choices में वर्णित है।

तुलनात्मक विश्लेषण

MP बोर्ड और CBSE की नीतियों में मुख्य अंतर यह है कि MP बोर्ड की व्यवस्था मुख्य रूप से असफल छात्रों और अंक सुधार के लिए पूरक परीक्षाओं पर आधारित है, जबकि CBSE दो पूर्ण परीक्षा सत्रों की पेशकश कर रहा है, जो छात्रों को अधिक लचीलापन देता है। नीचे दी गई तालिका इसकी तुलना को स्पष्ट करती है:

विशेषताMP बोर्डCBSE (2026 से)
परीक्षा सत्रों की संख्याएक मुख्य सत्र, पूरक परीक्षा के रूप में दूसरा मौकादो पूर्ण सत्र (फरवरी और मई)
असफल छात्रों के लिएचार महीने बाद परीक्षा फिर से दे सकते हैंदोनों सत्रों में भाग ले सकते हैं, सर्वश्रेष्ठ स्कोर
अंक सुधार के लिएसभी विषयों की परीक्षा फिर से देनी होगीकुछ विषयों को छोड़ सकते हैं, सर्वश्रेष्ठ स्कोर
लचीलापनसीमित, केवल असफल या सुधार के लिएअधिक, दोनों सत्रों में भाग लेने का विकल्प

अप्रत्याशित जानकारी

हालांकि MP बोर्ड ने दो सत्रों की व्यवस्था नहीं की है, लेकिन उनकी नई नीति यह दर्शाती है कि वे छात्रों को अधिक अवसर देने की दिशा में काम कर रहे हैं, विशेष रूप से मानसिक स्वास्थ्य और शैक्षिक प्रगति को ध्यान में रखते हुए। यह अप्रत्याशित है कि MP बोर्ड की नीति CBSE की तुलना में अधिक पारंपरिक है, लेकिन फिर भी छात्रों को राहत प्रदान करती है।

निष्कर्ष

खबरें और भी हैं…

SRH vs RR Live Score, IPL 2025: ट्रेविस हेड की धमाकेदार बैटिंग, हैदराबाद ने पावरप्ले में बनाए 94 रन | SRH vs RR Match Updates
PM Kisan Yojana Scam: पीएम किसान सम्मान निधि में राजस्थान में बड़ा फर्जीवाड़ा, 29 हजार फर्जी खातों में ₹7 करोड़ ट्रांसफर
Supreme Court: जज के बंगले से कैश मिलने का मामला जस्टिस वर्मा का नाम 2018 के 97.85 करोड़ के घोटाले में भी, सुप्रीम कोर्ट ने शुरू की जांच
Government Jobs: DFCCIL में 642 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन की लास्ट डेट आज, 10वीं पास से लेकर इंजीनियर करें अप्लाई
Important News For UPI Transaction– UPI में जल्द आएगा बड़ा बदलाव: ऑटो-डेबिट से जुड़ा UPI पुल ट्रांजैक्शन हो सकता है खत्म, जानें आपके लिए क्या होगा असर
IPL 2025 Starts Today: बारिश बन सकती है चुनौती, कोलकाता के रहाणे और बेंगलुरु के कोहली आमने-सामने
IPL 2025: 10 टीमें, 13 मैदान और होमग्राउंड की कहानी – चेन्नई का दबदबा, पंजाब का कमजोर प्रदर्शन
IPL 2025 Starts Today: बारिश बन सकती है चुनौती, कोलकाता के रहाणे और बेंगलुरु के कोहली आमने-सामने
IPL से गायब 5 टीमें: IPL से बाहर हुई 5 टीमें 2009 की विजेता का अंत सचिन की सेंचुरी वाली टीम और रनर-अप का सफर खत्म
यूपी: प्रदेश में एक अप्रैल से राज्य कर्मचारियों के लिए मानव संपदा पोर्टल हुआ अनिवार्य, जारी हुआ आदेश

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *