जेल में बंद साहिल नशे की कमी से बेचैन नजर आ रहा है, जबकि मुस्कान उदास और गुमसुम बैठी है। सूत्रों के मुताबिक, साहिल को पिछले चार दिनों से किसी भी तरह का नशा नहीं मिला है, जिससे उसकी हालत बिगड़ रही है। जेल प्रशासन उसकी गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है और जल्द ही उसकी मेडिकल जांच कराई जाएगी। वहीं, मुस्कान भी किसी से ज्यादा बातचीत नहीं कर रही, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि वह मानसिक रूप से तनाव में है। अधिकारियों का कहना है कि दोनों की स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है और जरूरी कदम उठाए जाएंगे।

जेल में साहिल की हालत बिगड़ी, मुस्कान गुमसुम
जेल में बंद साहिल पिछले चार दिनों से नशे से दूर रहने के कारण बेचैनी महसूस कर रहा है। बताया जा रहा है कि उसे नशे की जबरदस्त लत थी और अब अचानक नशा न मिलने से उसकी हालत बिगड़ती जा रही है। जेल प्रशासन उसकी गतिविधियों पर लगातार नजर बनाए हुए है। वहीं, मुस्कान भी गहरी उदासी में है और किसी से ज्यादा बातचीत नहीं कर रही।
नशे की लत से परेशान साहिल
सूत्रों के अनुसार, साहिल पहले भी ड्रग्स का आदी रहा है, लेकिन जेल में नशा न मिलने के कारण उसका शरीर कमजोर हो रहा है। नशे के आदी लोगों में अचानक नशा बंद होने से कई मानसिक और शारीरिक परेशानियां हो सकती हैं, जिन्हें ‘विदड्रॉल सिम्पटम्स’ कहा जाता है।

मेडिकल जांच होगी, जेल प्रशासन सतर्क
जेल प्रशासन ने साहिल की इस हालत को गंभीरता से लेते हुए उसकी मेडिकल जांच कराने का फैसला किया है। डॉक्टरों की टीम यह जांच करेगी कि उसकी हालत कितनी गंभीर है और उसे क्या इलाज दिया जाना चाहिए।
मुस्कान पर भी असर, तनाव में दिखी
मुस्कान भी जेल में चुपचाप बैठी रहती है और उसकी मानसिक स्थिति भी ठीक नहीं लग रही। अधिकारियों का कहना है कि दोनों कैदियों की स्थिति पर नजर रखी जा रही है और जरूरत पड़ने पर काउंसलिंग या अन्य चिकित्सा सहायता दी जाएगी।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि लंबे समय तक नशे का सेवन करने वाले लोग जब अचानक इससे दूर होते हैं तो वे बेचैनी, घबराहट, डिप्रेशन और कई बार आक्रामक व्यवहार भी दिखा सकते हैं। ऐसे मामलों में उचित इलाज और काउंसलिंग बेहद जरूरी होती है।
नशे की गिरफ्त में युवा: बढ़ती समस्या
भारत में युवाओं में नशे की बढ़ती लत एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। कई रिपोर्ट्स के अनुसार, कॉलेज और स्कूल जाने वाले कई युवा नशे की चपेट में आ रहे हैं, जिससे न केवल उनका करियर बल्कि उनका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य भी प्रभावित हो रहा है। सरकार और सामाजिक संगठनों द्वारा नशा मुक्ति अभियान चलाए जा रहे हैं, लेकिन यह समस्या अब भी चिंताजनक बनी हुई है।
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