नोएडा में एक ऐसी सनसनीखेज कहानी सामने आई है, जिसने सबको हैरान कर दिया। दिल्ली से सटे इस शहर की चमचमाती कोठी में एडल्ट कंटेंट की शूटिंग, फिर साइप्रस की कंपनी के साथ मिलकर दो पोर्न वेबसाइट्स पर लाइव स्ट्रीमिंग। कमाई? हर घंटे 50 हजार से लेकर 5 लाख तक! महीने में करोड़ों का खेल, लेकिन बाहर से दिखाया जाता था कि ये पैसा सोशल मीडिया ऐड और मार्केट रिसर्च से आ रहा है।
इस काले धंधे पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की पैनी नजर पड़ी। 28 मार्च को नोएडा के सेक्टर-105 की एक शानदार कोठी पर ED ने छापा मारा। रेड में खुलासा हुआ कि ये आलीशान घर, जो दिल्ली के एक डॉक्टर का है, एक कपल ने किराए पर लिया था। ये पति-पत्नी इसे पोर्न स्टूडियो की तरह चला रहे थे। रात के अंधेरे में ब्लैक फिल्म वाली गाड़ियों से मॉडल्स आतीं, और कोठी के पहले माले पर हाई-टेक स्टूडियो में अश्लील कंटेंट तैयार होता था। इस गंदे खेल का आइडिया उन्हें रूस के एडल्ट कंटेंट मार्केट से मिला था।
हमने कोठी के आसपास के लोगों और ED के सूत्रों से बात की। आइए, आपको बताते हैं कि नोएडा में ये गैरकानूनी नेटवर्क कैसे फल-फूल रहा था।
साइप्रस और नीदरलैंड के खातों में 23 करोड़ का खेल
ED की छापेमारी में कोठी नंबर C-234, सेक्टर-105 से चौंकाने वाले सबूत मिले। यहां सबडिजी वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर कपल और 3 मॉडल्स पकड़े गए। इस 3 मंजिला कोठी में स्टूडियो सेटअप था—हाई-क्वालिटी कैमरे, स्पेशल लाइटिंग, खास चेयर और बेड। मॉडल्स को इन पर बिठाकर मल्टी-कैम से शूटिंग होती थी।
ED ने FEMA और इनकम टैक्स के सेक्शन-132 के तहत कार्रवाई की। जांच में पता चला कि साइप्रस की कंपनी टेक्नियस लिमिटेड से इनके खातों में फंड आता था। कागजों में इसे सोशल मीडिया विज्ञापन और मार्केट रिसर्च का पैसा दिखाया जाता था, लेकिन असल में ये पोर्न वेबसाइट्स Xhmster और Stripchat से कमाई का हिस्सा था। कुल 15.6 करोड़ का ऑनलाइन ट्रांजैक्शन और नीदरलैंड के एक बैंक खाते में 7 करोड़ मिले। कपल ने इंटरनेशनल डेबिट कार्ड से भारत में कैश भी निकाला।
कमाई का 75% हिस्सा ये कपल अपने पास रखता था, बाकी मॉडल्स, किराया और एडिटिंग पर खर्च होता था। ED को 8 लाख कैश भी मिला। अभी पूछताछ जारी है। कंपनी के डायरेक्टर उज्जवल किशोर और नीलू श्रीवास्तव हैं, जिनका IT बिजनेस रूस के अनुभव से प्रेरित था।
मॉडल्स को ऑनलाइन लालच, रात में गुपचुप शूटिंग
कोठी के बाहर ताला लगा है, लेकिन आसपास के लोग अब सच जान चुके हैं। स्थानीय निवासी सुमित भाटी ने बताया, “रात में ही हलचल होती थी। ब्लैक फिल्म वाली गाड़ियां आती थीं, लेकिन कोई उनसे बात नहीं करता था।” RWA अध्यक्ष दीपक शर्मा के मुताबिक, कोठी डॉ. आलोक अग्रवाल की है, जो दिल्ली में रहते हैं। पिछले 5 साल से यहां रहने वालों का कोई रिकॉर्ड नहीं।
ED सूत्रों ने खुलासा किया कि कपल फेसबुक और Echato.com के जरिए मॉडल्स को हायर करता था। उन्हें 1-3 लाख महीने की कमाई का लालच दिया जाता। शूटिंग से पहले स्टूडियो दिखाया जाता और कहा जाता कि कंटेंट सिर्फ विदेश में दिखेगा।
टोकन सिस्टम से कमाई: जितनी न्यूडिटी, उतने पैसे
मॉडल्स को जनरल, प्राइवेट और एक्सक्लूसिव प्राइवेट कैटेगरी में शूट करना पड़ता था। 1 टोकन की कीमत 12 रुपये से शुरू। जनरल चैट 8 टोकन/मिनट, प्राइवेट 20 टोकन, और एक्सक्लूसिव 40 टोकन तक। एक घंटे में 5,760 रुपये तक का खर्च। यूजर्स क्रेडिट कार्ड, UPI या बिटकॉइन से पेमेंट करते। रात में 100 से ज्यादा लोग लाइव देखते, जिससे कमाई 50 हजार से 5 लाख तक पहुंचती।
वेबसाइट मॉडल्स को 60-70% हिस्सा देती, बाकी साइप्रस की कंपनी लेती। फिर ये पैसा IT सर्विस के नाम पर कपल के खाते में आता।
नोएडा का काला सच सामने
ये कोठी अब बंद है, लेकिन इसके सामने खड़ी कार सबडिजी वेंचर्स के नाम पर रजिस्टर्ड है। कंपनी का ऑफिस द्वारका में है, पर काम नोएडा से चलता था। इस सनसनीखेज खुलासे ने नोएडा की चमक के पीछे छिपे काले धंधे को उजागर कर दिया।
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