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PM मोदी का संदेश: न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग नहीं सहेगा भारत | New PaperDoll

PM मोदी का संदेश: न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग नहीं सहेगा भारत

नई दिल्ली, 12 मई 2025: पाकिस्तान के साथ सीजफायर के 51 घंटे बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार रात 8 बजे देश को संबोधित किया। अपने 22 मिनट के भाषण में PM ने पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर, आतंकवाद, न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग, सिंधु जल समझौते, और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) पर खुलकर बात की। उन्होंने साफ शब्दों में कहा, “खून और पानी एक साथ नहीं बहेगा” और “न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग नहीं सहेगा भारत”, जिससे भारत का आतंकवाद और पाकिस्तान के प्रति कड़ा रुख साफ हो गया।

पहलगाम हमला: आतंक की बर्बरता

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने निर्दोष लोगों पर हमला किया। छुट्टियाँ मना रहे परिवारों को उनके बच्चों और परिजनों के सामने बेरहमी से मारा गया। PM मोदी ने कहा, “इस हमले ने देश और दुनिया को झकझोर दिया। यह आतंक का वीभत्स चेहरा था, जिसका मकसद देश की एकता और सद्भाव को तोड़ना था। मेरे लिए यह व्यक्तिगत पीड़ा थी।”

हमले के बाद पूरा देश एकजुट हो गया। हर वर्ग और राजनीतिक दल ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। इस घटना ने भारत को आतंकवाद और न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग के खिलाफ नया रुख अपनाने के लिए मजबूर किया।

ऑपरेशन सिंदूर: आतंकियों का सफाया और न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग को जवाब

पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। 6 मई की रात और 7 मई की सुबह भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। PM मोदी ने कहा, “हमने 100 से ज्यादा खूंखार आतंकियों को ढेर किया, जिनमें यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक रऊफ जैसे बड़े आतंकी शामिल थे। आतंकियों ने सोचा भी नहीं था कि भारत इतना बड़ा कदम उठाएगा।”

ऑपरेशन की खासियतें

  • सटीक हमले: भारतीय ड्रोन और मिसाइलों ने बहावलपुर और मुरीदके जैसे आतंकी ठिकानों को तबाह किया।
  • मेड-इन-इंडिया हथियार: स्वदेशी हथियारों ने 21वीं सदी के युद्ध में भारत की ताकत दिखाई।
  • मनोबल तोड़ा: आतंकी संगठनों की इमारतों के साथ उनका हौसला भी चकनाचूर हुआ।

PM ने कहा, “पाकिस्तान की न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग की धमकियों को भारत अब बर्दाश्त नहीं करेगा। ऑपरेशन सिंदूर ने साबित किया कि भारत आतंकी ठिकानों पर सटीक और निर्णायक प्रहार कर सकता है, चाहे कोई कितनी भी धमकी दे। खून और पानी एक साथ नहीं बहेगा।”

ऑपरेशन सिंदूर की तीन नई नीतियाँ

  1. मुंहतोड़ जवाब: आतंकी हमले का जवाब भारत अपनी शर्तों पर देगा, चाहे वह कहीं भी हो।
  2. न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग पर रोक: कोई भी न्यूक्लियर धमकी भारत को नहीं डरा सकती। आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई जारी रहेगी।
  3. आतंक के सरपरस्तों पर निशाना: आतंकियों और उनकी मदद करने वाली सरकारों को एक ही नजर से देखा जाएगा। PM ने कहा, “पाकिस्तानी सेना के बड़े अधिकारी मारे गए आतंकियों को विदाई देने पहुँचे। यह स्टेट-स्पॉन्सर्ड आतंकवाद का सबूत है।”

न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग: पाकिस्तान की रणनीति और भारत का जवाब

पाकिस्तान लंबे समय से अपनी न्यूक्लियर ताकत का हवाला देकर भारत को डराने की कोशिश करता रहा है। PM मोदी ने इसे न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग करार देते हुए कहा, “पाकिस्तान अपनी न्यूक्लियर ताकत की आड़ में आतंकवाद को बढ़ावा देता है। लेकिन भारत अब इस ब्लैकमेलिंग को बर्दाश्त नहीं करेगा। ऑपरेशन सिंदूर इसका जीता-जागता सबूत है।”

भारत की रणनीति

  • सटीक प्रहार: भारत ने न्यूक्लियर धमकियों को नजरअंदाज कर आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।
  • वैश्विक समर्थन: PM ने विश्व समुदाय से कहा कि आतंकवाद और न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत है।
  • आत्मनिर्भर रक्षा: भारत के स्वदेशी हथियारों ने दिखाया कि हम किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं।

PM ने कहा, “दुनिया ने देखा कि न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग की आड़ में छिपे आतंकी ठिकाने अब सुरक्षित नहीं हैं। भारत हर खतरे से अपने नागरिकों को बचाएगा।”

सीजफायर: सिर्फ स्थगित, खत्म नहीं

10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर हुआ, लेकिन पाकिस्तान ने इसे 3 घंटे में ही तोड़ दिया। जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, और पंजाब में 15 जगहों पर ड्रोन हमले किए गए, जो भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने नाकाम कर दिए। PM मोदी ने कहा, “पाकिस्तान ने दुनिया भर में सीजफायर की गुहार लगाई। हमने कार्रवाई को सिर्फ स्थगित किया है। उनके अगले कदम पर नजर रखेंगे। खून और पानी एक साथ नहीं बहेगा।”

भारत की सेनाएँ – आर्मी, एयरफोर्स, नेवी, BSF, और अर्धसैनिक बल – पूरी तरह अलर्ट पर हैं। PM ने कहा, “सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक, और अब ऑपरेशन सिंदूर हमारी आतंकवाद विरोधी नीति का हिस्सा हैं।”

सिंधु जल समझौता: पानी पर सख्ती

पहलगाम हमले के बाद भारत ने 65 साल पुराने सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया। PM मोदी ने कहा, “पानी और खून एक साथ नहीं बह सकता।” इस फैसले से पाकिस्तान में जल संकट गहराएगा, क्योंकि उसकी 80% खेती सिंधु, झेलम, और चिनाब नदियों पर निर्भर है।

पाकिस्तान पर असर

  • कृषि संकट: पानी की कमी से फसल उत्पादन प्रभावित होगा।
  • बिजली उत्पादन: डैम और हाइड्रो प्रोजेक्ट्स पर असर पड़ेगा।
  • आर्थिक नुकसान: उद्योग और व्यापार पर गहरा प्रभाव।

भारत ने जम्मू-कश्मीर में बगलिहार और सलाल बांधों से चिनाब नदी का पानी रोक दिया, जिससे पाकिस्तान में पानी का स्तर 85% तक गिर गया। PM ने कहा, “हमारा पानी अब भारत के हक में बहेगा।”

आतंकवाद और PoK: बातचीत का एकमात्र एजेंडा

PM मोदी ने साफ किया कि पाकिस्तान से बातचीत केवल दो मुद्दों पर होगी:

  1. आतंकवाद: पाकिस्तान को अपने आतंकी ढांचे को खत्म करना होगा।
  2. PoK: भारत PoK को अपना हिस्सा मानता है और इस पर चर्चा करेगा।

उन्होंने कहा, “आतंक और बातचीत, आतंक और व्यापार, ये एक साथ नहीं चल सकते। खून और पानी एक साथ नहीं बहेगा, और न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग भी हमें नहीं डरा सकती।” PM ने दुनिया को भी संदेश दिया कि आतंकवाद और न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति जरूरी है।

बुद्ध पूर्णिमा: शांति के लिए शक्ति

12 मई को बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर PM ने कहा, “भगवान बुद्ध ने हमें शांति का रास्ता दिखाया। लेकिन शांति के लिए शक्ति जरूरी है। पिछले कुछ दिनों में भारत ने अपनी शक्ति का परिचय दिया।” उन्होंने भारतीय सेनाओं, खुफिया एजेंसियों, और वैज्ञानिकों को सलाम किया।

PM ने देशवासियों की एकता और हौसले की तारीफ की। उन्होंने कहा, “आतंकवाद और न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग के खिलाफ हमारी एकजुटता हमारी सबसे बड़ी ताकत है। भारत माता की जय!”

ऑपरेशन सिंदूर का नुकसान

ऑपरेशन के दौरान भारत को भी नुकसान हुआ। 7 मई से अब तक पाकिस्तानी गोलाबारी में 5 आर्मी और 2 BSF जवान शहीद हुए, जबकि 60 घायल हैं। 27 नागरिकों की भी जान गई। PM ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी और घायलों के जल्द ठीक होने की कामना की।

वैश्विक प्रतिक्रिया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दावा किया कि उनकी मध्यस्थता के बाद सीजफायर हुआ। वहीं, पाकिस्तान के PM शहबाज शरीफ ने अपने ऑपरेशन ‘बनयान-उन-मरसूस’ को सफल बताया, जिसे भारत ने खारिज किया। PM मोदी ने कहा, “दुनिया ने पाकिस्तान का असली चेहरा देखा। न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग और आतंकवाद का गठजोड़ अब बेनकाब हो चुका है।”

निष्कर्ष

PM मोदी का यह संबोधन भारत के आतंकवाद और न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग के खिलाफ कड़े रुख को दर्शाता है। खून और पानी एक साथ नहीं बहेगा और न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग नहीं सहेगा भारत अब भारत की नीति और संकल्प के प्रतीक बन गए हैं। देशवासियों ने PM की इस नीति का स्वागत किया है, और सेनाओं के पराक्रम को सलाम किया है।

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