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पाकिस्तानी हिंदू बोले- जेल में डाल दो, पाकिस्तान नहीं जाएंगे | New PaperDoll

पाकिस्तानी हिंदू बोले- जेल में डाल दो, पाकिस्तान नहीं जाएंगे

प्रकाशित: 4 मई 2025 | अपडेट: 10:00 PM

पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी दिल्ली के कैंपों में डरे हुए हैं। पहलगाम हमले के बाद वीजा रद्द होने और वापस भेजे जाने की आशंका से वे परेशान हैं। कहते हैं, पाकिस्तान लौटे तो उनकी जान को खतरा है।

शरणार्थी कैंपों में डर का माहौल

दिल्ली के सिग्नेचर ब्रिज और मजनू का टीला में बने शरणार्थी कैंपों में करीब 1500 पाकिस्तानी हिंदू रह रहे हैं। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए और 48 घंटे में वापस जाने को कहा। इस फैसले से इन कैंपों में रहने वाले लोग डरे हुए हैं। कई लोगों ने लॉन्ग टर्म वीजा के लिए आवेदन किया है, लेकिन जांच और वापसी की आशंका ने उन्हें परेशान कर रखा है।

सीताराम की कहानी

49 साल के सीताराम (बदला हुआ नाम) सिग्नेचर ब्रिज के नीचे बने कैंप में रहते हैं। वे 14 अप्रैल को पाकिस्तान के सिंध प्रांत से भारत आए थे। उनका 45 दिन का वीजा रद्द हो चुका है। सीताराम कहते हैं, “पाकिस्तान वापस गए तो हमें मार दिया जाएगा। मोदी जी जेल में डाल दें, तब भी चलेगा, लेकिन पाकिस्तान नहीं जाएंगे।” उनका परिवार पहले ही भारत आ चुका है, लेकिन कुछ सदस्य अभी भी पाकिस्तान में हैं, जिनकी सुरक्षा को लेकर वे चिंतित हैं।

पाकिस्तान में हिंदुओं की स्थिति

शरणार्थी बताते हैं कि पाकिस्तान में हिंदुओं की हालत बेहद खराब है। सोनादास, जो मजनू का टीला कैंप में रहते हैं, कहते हैं, “पाकिस्तान में हिंदू कसाई के सामने बकरे जैसे हैं। वहां 12-14 साल की लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन होता है।” वे 2011 में भारत आए थे और अब उनके पास नागरिकता है। वे कहते हैं कि भारत सरकार को हिंदुओं की रक्षा करनी चाहिए।

पुलिस की जांच और शरणार्थियों की चिंता

इंटेलिजेंस ब्यूरो की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में करीब 5000 पाकिस्तानी हैं। इसके आधार पर दिल्ली पुलिस शरणार्थी कैंपों में कागजातों की जांच कर रही है। शांतिलाल (बदला हुआ नाम) कहते हैं, “पुलिस रोज डॉक्यूमेंट मांग रही है। हमारा वीजा खत्म हो गया, लेकिन हमने लॉन्ग टर्म वीजा के लिए आवेदन किया है।” जांच में यह देखा जा रहा है कि कोई अवैध रूप से तो नहीं रह रहा।

नानकी बागड़ी का अनुभव

मजनू का टीला कैंप में रहने वाली नानकी बागड़ी 2013 में पाकिस्तान से आई थीं। उन्हें भारत की नागरिकता मिल चुकी है और वे वोट भी डाल चुकी हैं। वे कहती हैं, “पाकिस्तान में हिंदुओं पर बहुत जुल्म होता है। वहां हमारी कोई सुनवाई नहीं थी। भारत में हमें सुरक्षित महसूस होता है। सरकार को जांच करनी चाहिए, लेकिन वीजा बंद नहीं करना चाहिए।

पुलिस का रुख

दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि वे इंटेलिजेंस ब्यूरो के निर्देश पर कागजातों की जांच कर रहे हैं। अगले एक-दो हफ्तों में जांच पूरी हो जाएगी। यह फैसला सरकार और इंटेलिजेंस ब्यूरो करेंगे कि किसे वापस भेजना है। एक सूत्र ने बताया कि हाल में आए लोगों को वापसी का खतरा हो सकता है, लेकिन लॉन्ग टर्म वीजा वालों को छूट मिल सकती है।

पहलगाम हमले का प्रभाव

पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 पर्यटकों की जान गई, ने भारत-पाक तनाव को बढ़ा दिया। इस हमले के बाद सरकार ने कड़े कदम उठाए, जिनमें वीजा रद्द करना शामिल है। शरणार्थी चाहते हैं कि आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई हो, लेकिन उनकी स्थिति पर भी ध्यान दिया जाए। लखनऊ सुपर जायंट्स को लगातार तीसरी हार का सामना करना पड़ा, जिससे वे सातवें स्थान पर खिसक गए।

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