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परिंडे लगाओ परिंदे बचाओ 2025: जयपुर के भांकरोटा में पक्षियों के लिए जल अभियान | New PaperDoll

परिंडे लगाओ परिंदे बचाओ 2025: जयपुर के भांकरोटा में पक्षियों के लिए जल अभियान

परिंडे लगाओ परिंदे बचाओ 2025: जयपुर के भांकरोटा में पक्षियों के लिए जल अभियान

जयपुर, 30 अप्रैल 2025: गर्मी की तपती दोपहरी में जब पक्षी पानी की एक बूंद के लिए तरसते हैं, तब परिंडे लगाओ परिंदे बचाओ 2025 अभियान एक नई उम्मीद बनकर उभरा है। भारत दर्शन यात्रा और नव निर्माण एवं पर्यावरण केंद्र ने मिलकर जयपुर के भांकरोटा क्षेत्र, मुहाना मंडी रोड, नारायण-वाई-ब्लॉक, जयसिंहपुरा, राजस्थान 302029 में पक्षियों के लिए मिट्टी के परिंडे लगाने का एक प्रेरणादायक आयोजन शुरू किया है। यह पहल न केवल बेजुबान पक्षियों की प्यास बुझा रही है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक जागरूकता का एक शक्तिशाली संदेश भी दे रही है।

क्यों शुरू हुआ यह अभियान?

गर्मी के मौसम में जल स्रोत सूख जाते हैं, और शहरीकरण के कारण पक्षियों को स्वच्छ पानी मिलना मुश्किल हो गया है। हर साल हजारों पक्षी पानी की कमी से मर जाते हैं। परिंडे लगाओ परिंदे बचाओ 2025 अभियान, जिसे भारत दर्शन यात्रा और नव निर्माण एवं पर्यावरण केंद्र ने शुरू किया, निम्नलिखित लक्ष्यों के साथ आगे बढ़ रहा है:

  • पक्षियों के लिए स्वच्छ जल की व्यवस्था करना।
  • पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना।
  • भारतीय संस्कृति के “वसुधैव कुटुंबकम” और “सर्वं विश्वेन संनादति” जैसे सिद्धांतों को जीवंत करना।

आयोजन की मुख्य विशेषताएं

परिंडे लगाओ परिंदे बचाओ 2025 अभियान को जयपुर के भांकरोटा, मुहाना मंडी रोड पर बड़े उत्साह के साथ शुरू किया गया। इसकी प्रमुख विशेषताएं हैं:

  • मिट्टी के परिंडे: नव निर्माण एवं पर्यावरण केंद्र की पर्यावरणीय सोच को ध्यान में रखते हुए, प्लास्टिक की जगह मिट्टी के परिंदों का उपयोग किया गया। ये परिंडे पर्यावरण के अनुकूल हैं और पक्षियों को शुद्ध पानी प्रदान करते हैं।
  • स्थानीय भागीदारी: मुहाना मंडी रोड, नारायण-वाई-ब्लॉक के निवासियों, बच्चों, युवाओं, और बुजुर्गों ने इस अभियान में उत्साहपूर्वक हिस हिस्सा लिया। लोगों ने अपने घरों की छतों, बालकनियों, और पेड़ों पर परिंडे लगाए, जिससे यह अभियान एक जनांदोलन बन गया।
  • जल संरक्षण पर जागरूकता: भारत दर्शन यात्रा द्वारा आयोजित सत्रों में विशेषज्ञों ने जल संरक्षण, जैव विविधता, और पक्षियों की उपयोगिता पर चर्चा की। बच्चों के लिए खेल और गतिविधियों के जरिए पानी की कीमत समझाई गई।
  • डिजिटल प्रचार: भारत दर्शन यात्रा और नव निर्माण एवं पर्यावरण केंद्र ने अपनी वेबसाइट्स (bharatdarshanyatra.in और navparyavaran.com) और सोशल मीडिया के जरिए इस अभियान को देशभर में फैलाया।

कहां हो रहा है आयोजन?

यह अभियान जयपुर के भांकरोटा क्षेत्र में, मुहाना मंडी रोड, नारायण-वाई-ब्लॉक, जयसिंहपुरा, राजस्थान 302029 पर चल रहा है। यह क्षेत्र सामुदायिक एकता और पर्यावरण के प्रति जागरूकता के लिए जाना जाता है। भारत दर्शन यात्रा और नव निर्माण एवं पर्यावरण केंद्र के नेतृत्व में स्थानीय लोग इस पहल को एक उत्सव की तरह मना रहे हैं।

भारत दर्शन यात्रा: संस्कृति और करुणा का प्रतीक

भारत दर्शन यात्रा भारत की सांस्कृतिक, धार्मिक, और प्राकृतिक विरासत को बढ़ावा देने वाली एक अग्रणी संस्था है। यह संगठन किफायती और सुव्यवस्थित तीर्थयात्रा पैकेज के जरिए लोगों को भारत के ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों से जोड़ता है। परिंडे लगाओ परिंदे बचाओ 2025 जैसे अभियान इसकी मानवतावादी और पर्यावरणीय प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं।

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नव निर्माण एवं पर्यावरण केंद्र: प्रकृति का संरक्षक

नव निर्माण एवं पर्यावरण केंद्र पर्यावरण संरक्षण, वृक्षारोपण, और जैव विविधता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित एक संगठन है। यह सामाजिक जागरूकता और सांस्कृतिक पुनर्जागरण में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। परिंडे लगाओ परिंदे बचाओ 2025 इसकी पर्यावरणीय सोच और सामाजिक जिम्मेदारी का एक जीवंत उदाहरण है।

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पक्षियों के लिए परिंदे क्यों जरूरी?

  • जल की कमी: शहरीकरण और प्राकृतिक जल स्रोतों के सूखने से पक्षियों को पानी नहीं मिलता।
  • जीवन रक्षा: गर्मी में पानी की अनुपलब्धता से पक्षियों की मृत्यु हो जाती है। परिंडे उनकी जान बचा सकते हैं।
  • पर्यावरण संतुलन: पक्षी कीट नियंत्रण और बीज प्रसार में मदद करते हैं, जो जैव विविधता के लिए जरूरी है।

आप कैसे योगदान दे सकते हैं?

परिंडे लगाओ परिंदे बचाओ 2025 में आप भी शामिल हो सकते हैं:

  • परिंडे लगाएं: अपने घर, छत, या पार्क में मिट्टी के परिंदे लगाएं और नियमित रूप से पानी भरें।
  • जागरूकता फैलाएं: सोशल मीडिया पर #परिंडेलगाओपरिंदेबचाओ हैशटैग के साथ इस अभियान को शेयर करें।
  • संस्थाओं से जुड़ें: भारत दर्शन यात्रा और नव निर्माण एवं पर्यावरण केंद्र के साथ मिलकर इस नेक काम में हिस्सा लें।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

मनीष गुप्ता (भांकरोटा निवासी): “भारत दर्शन यात्रा और नव निर्माण एवं पर्यावरण केंद्र की इस सराहनीय पहल ने हमें प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारियों का बोध कराया। इस प्रेरणा से मैंने अपने घर पर तीन परिंडे लगाए हैं, ताकि गर्मी में पक्षियों को पानी मिल सके।”

अंकित सक्सेना (भांकरोटा निवासी): “पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था करना एक छोटी सी पहल जरूर है, लेकिन इसका असर बहुत बड़ा होता है। अब मैं अपनी सोसाइटी में लोगों को भी इसके लिए जागरूक करने की कोशिश करूंगा।”

काव्या (विद्यालय छात्रा): “पक्षियों के लिए पानी रखना सिर्फ एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हमारी मानवता का प्रतीक है। मैं अपने सभी दोस्तों को भी इस कार्य के लिए प्रेरित करूंगी।”

क्या बनाता है इस अभियान को खास?

परिंडे लगाओ परिंदे बचाओ 2025 सिर्फ पक्षियों के लिए जल की व्यवस्था नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक और सांस्कृतिक आंदोलन है। भारत दर्शन यात्रा और नव निर्माण एवं पर्यावरण केंद्र की यह पहल भारतीय परंपरा की करुणा और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी को दर्शाती है। मिट्टी के परिंदे पर्यावरण को स्वच्छ रखने में भी मदद करते हैं। यह अभियान मुहाना मंडी रोड, नारायण-वाई-ब्लॉक, जयसिंहपुरा, भांकरोटा में एक मिसाल बन रहा है।

आगे की योजना

भारत दर्शन यात्रा और नव निर्माण एवं पर्यावरण केंद्र इस अभियान को जयपुर के अन्य क्षेत्रों और देश के विभिन्न हिस्सों में ले जाने की योजना बना रहे हैं। परिंडे लगाओ परिंदे बचाओ 2025 को राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा आंदोलन बनाने के लिए और लोगों की भागीदारी जरूरी है। यह छोटा-सा कदम पक्षियों का जीवन बचाने के साथ-साथ समाज में करुणा और पर्यावरण जागरूकता को बढ़ाएगा।

One comment
Rakesh goyal

Bahut hi accha initiative hai! Aaj ke time mein birds ke liye sochna aur unke liye kuch karna waqai zaroori hai. Aap log bahut accha kaam kar rahe ho, dil se shukriya!

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