फोनपे IPO: प्राइवेट से पब्लिक कंपनी बनी, नाम बदला, 15 बिलियन डॉलर की वैल्यूएशन पर नजर
वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली डिजिटल पेमेंट कंपनी फोनपे ने फोनपे IPO की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। कंपनी ने खुद को प्राइवेट से पब्लिक कंपनी में बदल लिया और अपना नाम फोनपे प्राइवेट लिमिटेड से फोनपे लिमिटेड कर लिया। यह बदलाव 16 अप्रैल 2025 को प्रमोटर्स की जनरल मीटिंग में हुआ। UPI मार्केट में 47.72% हिस्सेदारी के साथ फोनपे अब भारतीय शेयर बाजार में लिस्टिंग की तैयारी में है। आइए, इस खबर को विस्तार से समझते हैं।
फोनपे IPO की राह: प्राइवेट से पब्लिक कंपनी
फोनपे IPO की तैयारियों के तहत कंपनी ने प्राइवेट लिमिटेड से पब्लिक लिमिटेड कंपनी में बदलाव किया। इसकी जानकारी फोनपे ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (RoC) को भेजे दस्तावेजों में दी। यह प्रक्रिया भारतीय शेयर बाजार में लिस्टिंग के लिए जरूरी कानूनी कदमों का हिस्सा है।
कंपनी ने फरवरी 2025 में फोनपे IPO की प्लानिंग शुरू की थी। अब नाम बदलने के बाद कॉर्पोरेट अफेयर्स मंत्रालय के सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर से मंजूरी का इंतजार है। मंजूरी मिलने और नया सर्टिफिकेट ऑफ इनकॉर्पोरेशन जारी होने के बाद IPO प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ेगी।
15 बिलियन डॉलर की वैल्यूएशन का लक्ष्य
फोनपे IPO के लिए कंपनी करीब 15 बिलियन डॉलर (लगभग 1.28 लाख करोड़ रुपए) की वैल्यूएशन पर विचार कर रही है। इसके लिए फोनपे ने कोटक महिंद्रा कैपिटल, जेपी मॉर्गन, और मॉर्गन स्टेनली जैसे बड़े नामों को सलाहकार नियुक्त किया है। यह IPO भारतीय फिनटेक सेक्टर में अब तक का सबसे बड़ा IPO हो सकता है।
UPI मार्केट में फोनपे की 47.72% हिस्सेदारी इसे गूगल पे और पेटीएम जैसे प्रतिस्पर्धियों से आगे रखती है। इस मजबूत स्थिति के चलते निवेशकों में फोनपे IPO को लेकर जबरदस्त उत्साह है।
सिंगापुर से भारत शिफ्ट हुआ मुख्यालय
फोनपे IPO की राह को आसान बनाने के लिए कंपनी ने दिसंबर 2022 में अपना मुख्यालय सिंगापुर से भारत शिफ्ट किया था। इसके साथ ही फोनपे ने अपने नॉन-पेमेंट बिजनेस को अलग-अलग सब्सिडियरी कंपनियों में बांट दिया। यह कदम कंपनी को भारतीय नियमों के अनुरूप ढालने और IPO के लिए मजबूत आधार तैयार करने के लिए उठाया गया।
भारत में मुख्यालय शिफ्ट होने से फोनपे को स्थानीय नियमों का पालन करना आसान हो गया है, जिससे फोनपे IPO की प्रक्रिया में तेजी आई है।
फोनपे की वित्तीय स्थिति: मुनाफे की राह पर
फोनपे IPO की तैयारी के बीच कंपनी की वित्तीय स्थिति भी मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2023-24 में फोनपे का राजस्व 73% बढ़कर 5,064 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। पिछले साल 738 करोड़ रुपए के घाटे के मुकाबले 2024 में कंपनी ने 197 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया।
यह वित्तीय सुधार फोनपे IPO के लिए निवेशकों का भरोसा बढ़ाने वाला है। कंपनी की बढ़ती आय और मुनाफा UPI मार्केट में इसकी मजबूत पकड़ को दर्शाता है।
UPI मार्केट में फोनपे का दबदबा
IPO की चर्चा के बीच कंपनी की UPI मार्केट में बादशाहत ध्यान खींचती है। फोनपे की 47.72% हिस्सेदारी इसे भारत का सबसे बड़ा UPI प्लेटफॉर्म बनाती है। गूगल पे और पेटीएम जैसे प्रतिद्वंद्वी इसके आसपास भी नहीं हैं।
फोनपे ने आसान इंटरफेस, तेज ट्रांजैक्शन, और व्यापक मर्चेंट नेटवर्क के दम पर यूजर्स का भरोसा जीता है। यही वजह है कि फोनपे IPO को लेकर मार्केट में इतनी हलचल है।
फोनपे IPO की खास बातें
- नाम में बदलाव: फोनपे प्राइवेट लिमिटेड से फोनपे लिमिटेड बनी।
- वैल्यूएशन: 15 बिलियन डॉलर (1.28 लाख करोड़ रुपए) की उम्मीद।
- मुनाफा: FY24 में 197 करोड़ रुपए का प्रॉफिट, राजस्व 5,064 करोड़।
- UPI मार्केट: 47.72% हिस्सेदारी के साथ नंबर-1 पोजीशन।
- मुख्यालय: दिसंबर 2022 में सिंगापुर से भारत शिफ्ट।
भविष्य की योजनाएं
फोनपे IPO कंपनी के लिए एक नया अध्याय शुरू करने वाला है। यह न सिर्फ फोनपे को पूंजी जुटाने में मदद करेगा, बल्कि भारतीय फिनटेक सेक्टर को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। फोनपे की योजना UPI के साथ-साथ इंश्योरेंस, लेंडिंग, और वेल्थ मैनेजमेंट जैसे नए सेगमेंट में विस्तार करने की है।
कंपनी की मजबूत वित्तीय स्थिति और मार्केट लीडरशिप इसे निवेशकों के लिए आकर्षक बनाती है। फोनपे IPO भारतीय शेयर बाजार में बड़ा धमाल मचा सकता है।
समरी: फोनपे IPO की 5 बड़ी बातें
- पब्लिक कंपनी: फोनपे ने प्राइवेट से पब्लिक कंपनी में बदलाव किया, नाम अब फोनपे लिमिटेड।
- IPO की तैयारी: 15 बिलियन डॉलर वैल्यूएशन के साथ IPO लाने की योजना।
- वित्तीय मजबूती: FY24 में 5,064 करोड़ राजस्व और 197 करोड़ मुनाफा।
- UPI में लीडर: 47.72% मार्केट शेयर के साथ फोनपे नंबर-1।
- मुख्यालय शिफ्ट: सिंगापुर से भारत आए, IPO के लिए बढ़ाया कदम।
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