जयपुर, 23 मार्च 2025: राजस्थान में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Yojana) में एक बड़ा घोटाला सामने आया है। पाली जिले में जांच के दौरान 29 हजार से अधिक फर्जी बैंक खातों का पता चला है, जिनमें करीब 7 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर की गई। यह राशि केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों के लिए भेजी गई थी, लेकिन यह पश्चिम बंगाल और बिहार के खातों में पहुंच गई। इस खुलासे से प्रशासन में हड़कंप मच गया है और जांच तेज कर दी गई है।
घोटाले का खुलासा
पाली जिले की रानी, मारवाड़ जंक्शन और देसूरी तहसीलों में यह फर्जीवाड़ा सबसे ज्यादा सामने आया है। अधिकारियों के अनुसार, फर्जी खातों का इस्तेमाल कर इस योजना के तहत दी जाने वाली 6,000 रुपये सालाना की राशि को गलत हाथों में डायवर्ट किया गया। शुरुआती जांच में पता चला कि इन खातों को बनाने के लिए जाली दस्तावेजों का सहारा लिया गया और फिर यह पैसा अन्य राज्यों में ट्रांसफर कर दिया गया।

कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?
PM किसान योजना के तहत पात्र किसानों को तीन किस्तों में सालाना 6,000 रुपये दिए जाते हैं, जो सीधे उनके बैंक खातों में जमा होते हैं। लेकिन इस मामले में साइबर अपराधियों ने फर्जी आधार कार्ड और बैंक खातों के जरिए सिस्टम को धोखा दिया। पाली जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया, “यह एक सुनियोजित साजिश थी। फर्जी खातों को असली लाभार्थियों की तरह रजिस्टर किया गया और फिर राशि को तुरंत बाहर ट्रांसफर कर दिया गया।”
प्रशासन का एक्शन
जिला कलेक्टर ने इस घोटाले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस और साइबर क्राइम सेल की टीमें इस मामले में शामिल लोगों की तलाश में जुट गई हैं। अब तक कुछ संदिग्धों से पूछताछ शुरू की गई है, और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इस घोटाले का मास्टरमाइंड कौन है। साथ ही, फर्जी खातों से जुड़े बैंक विवरणों को ब्लॉक करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
किसानों में नाराजगी
इस घोटाले से पाली जिले के असली किसानों में गुस्सा देखा जा रहा है। एक स्थानीय किसान रामलाल ने कहा, “हम मेहनत करते हैं और इस योजना का इंतजार करते हैं, लेकिन हमारा पैसा चोरों के पास चला गया। सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।” कई किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि दोषियों को जल्द पकड़ा जाए और उनकी राशि वापस दिलाई जाए।

केंद्र और राज्य सरकार की प्रतिक्रिया
केंद्र सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए राजस्थान सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। सूत्रों के मुताबिक, PM किसान पोर्टल पर सत्यापन प्रक्रिया को और सख्त करने की योजना बनाई जा रही है ताकि भविष्य में ऐसे फर्जीवाड़े को रोका जा सके। राजस्थान के कृषि मंत्री ने कहा, “हम इस घोटाले की जड़ तक जाएंगे और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”
आगे की चुनौती
यह पहली बार नहीं है जब PM किसान योजना में फर्जीवाड़े की खबरें सामने आई हैं। इससे पहले तमिलनाडु, असम और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भी ऐसे मामले उजागर हो चुके हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि योजना के डिजिटल सिस्टम में खामियों और स्थानीय स्तर पर सत्यापन की ढिलाई के कारण ये घटनाएं हो रही हैं।
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