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राजौरी त्रासदी: 37 दिनों में 17 रहस्यमयी मौतें, साजिश या हादसा? | New paperDoll

राजौरी त्रासदी: 37 दिनों में 17 रहस्यमयी मौतें, साजिश या हादसा?

गांव में 3 परिवारों के 17 सदस्यों की मौत, जांच में खुला कीटनाशक का राज़

जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के बधाल गांव में 37 दिनों के भीतर तीन परिवारों के 17 लोगों की रहस्यमयी मौतों ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। यह मौतें 7 दिसंबर 2024 से 12 जनवरी 2025 के बीच हुईं। प्रारंभिक जांच में फूड पॉइजनिंग का संदेह था, लेकिन फोरेंसिक जांच में पता चला कि मौत का कारण ‘क्लोरफेनपायर’ नामक कीटनाशक है।

“यह बीमारी नहीं, साजिश है” – पीड़ित परिवार का दावा

पीड़ित परिवारों में से एक के सदस्य असलम का कहना है, “यह बीमारी नहीं बल्कि एक सोची-समझी साजिश है। अगर बीमारी होती तो गांव के अन्य लोगों को भी होती। जब परिवार में एक साथ इतनी मौतें हुईं, तब समझ आया कि यह कत्ल है। मैं हत्या का मुकदमा दर्ज कराऊंगा।”

पहले परिवार की त्रासदी: फजल हुसैन का परिवार

राजौरी से लगभग 60 किलोमीटर दूर स्थित बधाल गांव में पहली त्रासदी फजल हुसैन के परिवार में हुई। 2 दिसंबर 2024 को फजल की बड़ी बेटी सुल्ताना की शादी थी, जिसमें 200 से अधिक लोग शामिल हुए। शादी के बाद 6 दिसंबर को फजल और उनके 4 बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी। उल्टी, पेट दर्द, सुस्ती और बेहोशी के लक्षण दिखे। अगले दिन उन्हें राजौरी के सरकारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां फजल की मौत हो गई। उनके तीन बच्चों को जम्मू के चाइल्ड अस्पताल भेजा गया, लेकिन वहां भी उनकी मौत हो गई।

दूसरे परिवार का दर्द: रफीक की कहानी

12 दिसंबर को शादी में आए मोहम्मद रफीक के परिवार में भी लोगों की तबीयत बिगड़ी। उनके परिवार के पांच सदस्यों की मौत हुई, जिनमें चार बच्चे और रफीक की गर्भवती पत्नी शामिल थीं।

रफीक बताते हैं, “10 तारीख को मेरी 6 साल की बेटी नादिया स्कूल नहीं गई। उसे बुखार था। डॉक्टर से दवा लेने के बाद उसे उल्टी हुई। अगले दिन सुबह साढ़े 7 बजे उसने मेरी गोद में ही दम तोड़ दिया। फिर मेरे अन्य बच्चे भी बीमार पड़ गए। उन्हें पीजीआई चंडीगढ़ भेजा गया, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। घर लौटने पर मेरी पत्नी की भी तबीयत बिगड़ गई और उनकी भी मौत हो गई।”

तीसरा परिवार: असलम के परिवार के 8 सदस्यों की मौत

पहले दो परिवारों में हुई मौतों के लगभग एक महीने बाद, 10 जनवरी को असलम के परिवार के 8 लोग एक साथ बीमार हुए। असलम बताते हैं, “मेरे मामा-मामी ने मुझे गोद लिया था। हम फजल की मौत पर उनके खत्म-ए-शरीफ प्रोग्राम में गए थे। अगले ही दिन पहले तीन बच्चे बीमार हुए, फिर मामा-मामी और बाद में बाकी तीन बच्चे। कुल मिलाकर मेरे परिवार के 8 लोगों की मौत हो गई।”

सभी मामलों में एक जैसे लक्षण और पैटर्न

जांच में पता चला कि बीमार हुए सभी लोगों में एक जैसे लक्षण थे – पेट दर्द, उल्टी, कमजोरी, सिरदर्द और बेचैनी। अधिकांश मामलों में बीमार होने के 24 घंटे के भीतर मौत हो गई। मेडिकल टीम ने गांव में कैंप लगाकर लोगों की स्क्रीनिंग की। पानी, खाना, अनाज सहित सभी प्रकार के नमूने लिए गए, लेकिन प्रारंभिक जांच में कुछ नहीं मिला।

क्लोरफेनपायर: मौतों का रहस्यमय कारण

विस्तृत फोरेंसिक जांच में पता चला कि मृतकों में से 95% से अधिक के शरीर में क्लोरफेनपायर नामक कीटनाशक पाया गया। डॉ. शुजा कादरी, जो इस मामले की जांच करने वाली मेडिकल टीम के प्रमुख हैं, के अनुसार, “फोरेंसिक लैब में जांच से पता चला कि यह न्यूरो टॉक्सिन का प्रभाव है, जिसका नाम क्लोरफेनपायर है।”

रहस्य गहराता है: जम्मू-कश्मीर में बैन है क्लोरफेनपायर

जांच में यह भी पता चला कि क्लोरफेनपायर जम्मू-कश्मीर में पूरी तरह से प्रतिबंधित है। डॉ. कादरी बताते हैं, “पिछले डेढ़ से दो साल में पूरे जम्मू-कश्मीर में इस कीटनाशक की बिक्री ही नहीं हुई है। अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि इस कीटनाशक को किसने खरीदा और कहां से खरीदा।”

क्या यह एक बड़ी साजिश का हिस्सा है?

जांच से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में भी इसी तरह के रहस्यमयी मौतों के मामले सामने आए हैं। “बधाल गांव में हुई मौतों से कुछ महीने पहले PoK में भी ऐसी रहस्यमयी मौतों की खबर आई थी, जहां मृतकों में इसी तरह के लक्षण देखे गए थे। इसलिए यह भी जांच का विषय है कि क्या यह देश के खिलाफ कोई बड़ी साजिश है।”

गांव में दहशत का माहौल

इन मौतों के बाद बधाल गांव के लोगों में डर का माहौल है। गांव के एक निवासी गफूर अहमद बताते हैं, “इन मौतों के बाद हम सब 22 दिन तक क्वारंटाइन में रहे थे। पूरा गांव डरा हुआ है। अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल में खाना खाने से भी मना कर दिया है।”

जांच जारी, परिवार मांग रहे न्याय

पीड़ित परिवार अभी भी शोक में हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं। रफीक कहते हैं, “हमें नहीं पता कि यह जहर कहां से आया, किसने खिलाया। हमें बस इंसाफ चाहिए।” असलम का मानना है कि यह जमीन विवाद से जुड़ा मामला हो सकता है, “मुझे लगता है कि जमीन को लेकर भी मामला हो सकता है, क्योंकि मेरे मामा-मामी ने मुझे गोद लिया था। मेरे पास 50 से 60 कैनाल जमीन है।”

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