रामनवमी पर अनोखा नजारा
6 अप्रैल 2025 को रामनवमी थी। पीएम नरेंद्र मोदी श्रीलंका से लौट रहे थे। तभी विमान से उन्हें रामसेतु का नजारा 2025 दिखा। उन्होंने इसका वीडियो शेयर किया। साथ ही, इसे “दिव्य एहसास” कहा।
मोदी का दिल छूने वाला पोस्ट
उन्होंने लिखा कि यह दर्शन तब हुआ, जब अयोध्या में रामलला का सूर्य तिलक चल रहा था। इसके अलावा, उन्होंने कहा, “श्रीराम हम सबको जोड़ते हैं। उनकी कृपा बनी रहे।” यह संदेश बड़ा खास था।
रामेश्वरम में स्वागत
मोदी रामेश्वरम पहुँचे। लेकिन, तमिलनाडु के सीएम स्टालिन नहीं आए। वैसे तो स्टालिन उस वक्त उदगमंडलम में थे। वहाँ वे एक मेडिकल कॉलेज खोल रहे थे। फिर भी, उनकी गैरमौजूदगी चर्चा में रही।
पिछला दौरा याद आया
पिछले साल भी मोदी यहाँ आए थे। 2024 में उन्होंने अग्नि तीर्थम में डुबकी लगाई थी। फिर, रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा की। इसके अलावा, भजन संध्या में शामिल हुए। यह सब राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले था।
मंदिर की महिमा
रामनाथस्वामी मंदिर चार धाम में से एक है। यह 12 ज्योतिर्लिंगों में भी शामिल है। मान्यता है कि राम ने यहाँ रावण के प्रायश्चित के लिए यज्ञ किया। इसीलिए इसे रामेश्वरम कहते हैं।
दो शिवलिंग का राज
मंदिर में दो शिवलिंग हैं। एक सीता ने रेत से बनाया। दूसरा हनुमान कैलाश से लाए। दरअसल, हनुमान देर हो जाने से उदास थे। लेकिन, राम ने दोनों को जगह दी। आज भी पहले हनुमान का लिंग पूजा जाता है।
अग्नि तीर्थम की बात
यहाँ स्नान जरूरी है। कहा जाता है कि राम ने भी यहाँ डुबकी लगाई थी। इसके बाद 22 कुंडों का जल पवित्र माना जाता है। खासकर “कोडि तीर्थम” को, जो राम के तीर से बना।
क्या बनाया इसे खास?
- सही वक्त: रामसेतु का नजारा 2025 सूर्य तिलक के साथ हुआ।
- आस्था: मंदिर और रामसेतु का जुड़ाव।
- मोदी का बयान: एकजुटता का संदेश।
अब आगे क्या?
रामसेतु का नजारा 2025 ने सबको जोश दिया। यह आस्था का बड़ा पल था। अब लोग सोच रहे हैं कि यह अनुभव और क्या रंग लाएगा।
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