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रामजीलाल सुमन का पुलिस पर आक्रोश: कासगंज यात्रा रोके जाने पर फेंका नोटिस | New PaperDoll

रामजीलाल सुमन का पुलिस पर आक्रोश: कासगंज यात्रा रोके जाने पर फेंका नोटिस

रामजीलाल सुमन ने पुलिस नोटिस को किया खारिज

आगरा में समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन ने मंगलवार को पुलिस द्वारा दिए गए नोटिस को फेंक दिया। गुस्से में उन्होंने कहा, “पुलिस ने यह शॉर्टकट निकाल लिया है। हर बार मुझे ही क्यों रोकते हैं? अपराधियों को 2 घंटे में छोड़ देती है। अब यह नहीं चलेगा। बहुत हो गया। मैं कासगंज जाऊंगा और हर हाल में जाऊंगा। राजनीति ऐसे नहीं होती।” दरअसल, रामजीलाल सुमन कासगंज जाने की तैयारी में थे जब पुलिस ने उन्हें हाउस अरेस्ट कर दिया और नोटिस देकर शहर से बाहर न जाने का आदेश दिया।

पुलिस के साथ हुई तीखी बहस

जब पुलिस अधिकारियों ने सुमन को रोकने की कोशिश की और कहा, “सर प्लीज रुक जाइए,” तब सुमन ने जवाब दिया, “बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, फिरोजाबाद नहीं जाने दिया। अब कासगंज नहीं जाने दे रहे। मैं अपने घर से जाने के लिए निकला था।” उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कहा, “आप हमें कनविंस करो।

यहीं कुर्सी लगवाओ और हमें समझाओ।” आईपीएस अधिकारी और इंस्पेक्टर को संबोधित करते हुए सुमन ने कहा, “आप IPS अफसर हैं, आप कप्तान बनेंगे, DIG बनेंगे। आप इंस्पेक्टर हैं, CO तो बन ही जाएंगे। आपका कर्तव्य मैं समझता हूं। आपका फर्ज था कि रामजीलाल सुमन को कासगंज जाने से रोक दूं।”

“यह सब उनके इशारे पर हो रहा है”

रामजीलाल सुमन ने आरोप लगाया, “यह सब उनके इशारे पर हो रहा है। 12 मार्च को करणी सेना के कार्यक्रम की अनुमति दी, जिसमें सारे नियम टूटे। तलवारें लहराई गईं। हथियार दिखाए गए। इसके बाद भी कुछ नहीं किया गया। 151 में बंद करते हो और 2 घंटे में छोड़ देते हो। वो लोग जश्न मनाते हैं। मुझे घेर कर बैठ जाते हो। अपराधियों को क्यों नहीं पकड़ते?”

रामजीलाल सुमन पर पहले हुए हमले का मामला

गौरतलब है कि 27 अप्रैल को सपा सांसद रामजीलाल सुमन 20 गाड़ियों के काफिले के साथ आगरा से बुलंदशहर जा रहे थे। अलीगढ़ के खेरेश्वर चौराहे पर कुछ युवाओं ने उनके खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी थी। इसके बाद गभाना में हाईवे से पहले अचानक रामजीलाल सुमन के काफिले पर युवकों ने टायर फेंकने शुरू कर दिए थे। हमले के बाद सपा सांसद हाईकोर्ट पहुंचे थे। उनके एडवोकेट इमरान उल्लाह ने कोर्ट में तर्क दिया कि सांसद पर हमले हो रहे हैं और उनकी हत्या भी हो सकती है। कोर्ट ने सुनवाई के बाद यूपी और केंद्र सरकार से जवाब मांगा है, और मामले की अगली सुनवाई 28 मई को होगी।

रामजीलाल सुमन के एडवोकेट ने कोर्ट में रखे ये पांच तर्क

  1. संगठनों को राज्य सरकार का संरक्षण – सुनवाई के दौरान रामजीलाल सुमन के एडवोकेट ने तर्क दिया कि खुलेआम विभिन्न संगठनों की ओर से सुमन को धमकियां दी जा रही हैं, लेकिन कार्रवाई न होना यह साबित करता है कि इन संगठनों को राज्य सरकार का संरक्षण प्राप्त है।
  2. सांसद की हो सकती है हत्या – उन्होंने दलील दी कि रामजीलाल सुमन पर लगातार हमले हो रहे हैं और उनकी जान को खतरा है। सोशल मीडिया पर यह भी वायरल है कि उनकी जुबान काटने के लिए एक करोड़ रुपए की सुपारी दी गई है।
  3. यूपी सरकार में कानून और व्यवस्था ध्वस्त – सांसद के घर पर 100 से अधिक लोगों ने हमला किया और बुलडोजर लेकर पहुंचे थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे पता चलता है कि यूपी में कानून और व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है।
  4. रामजी लाल सुमन की सुरक्षा सुनिश्चित हो – उन्होंने कहा कि वे राज्य सरकार के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन रामजीलाल की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।

रामजीलाल सुमन का विवादित बयान

गौरतलब है कि सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने 21 मार्च को राज्यसभा में एक विवादित बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था, “भाजपा वालों का तकिया कलाम हो गया कि मुसलमानों में बाबर का DNA है। फिर हिंदुओं में किसका DNA है? बाबर को कौन लाया? बाबर को भारत में इब्राहीम लोदी को हराने के लिए राणा सांगा लाया था।” उन्होंने आगे कहा, “मुसलमान बाबर की औलाद हैं तो तुम (हिंदू) गद्दार राणा सांगा की औलाद हो। यह हिंदुस्तान में तय हो जाना चाहिए।”

रामजीलाल सुमन का राजनीतिक सफर

  • रामजी लाल सुमन समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हैं।
  • 25 जुलाई 1950 को हाथरस जिले के सादाबाद क्षेत्र के बहरदोई गांव में जन्मे सुमन वर्तमान में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं।
  • मात्र 26 साल की उम्र में वे जनता पार्टी के टिकट पर फिरोजाबाद लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे।
  • 1989 में उन्होंने जनता दल से फिरोजाबाद सीट जीती थी।
  • 1991 में चंद्रशेखर सरकार में वे श्रम, कल्याण, महिला कल्याण और बाल विकास जैसे मंत्रालयों के केंद्रीय राज्य मंत्री रहे थे।
  • 1992 में समाजवादी पार्टी के गठन के बाद वे मुलायम सिंह यादव के करीबी सहयोगी बने और 1996 से लगातार सपा के राष्ट्रीय महासचिव पद पर हैं।
  • 1999 और 2004 में सपा के टिकट पर फिरोजाबाद से लोकसभा चुनाव जीते थे।
  • 2014 में वे हाथरस सीट से चुनाव लड़े, लेकिन हार गए थे।
  • 2024 में सपा ने उन्हें राज्यसभा के लिए प्रत्याशी बनाया और वर्तमान में वे राज्यसभा सांसद हैं।

रामजी लाल सुमन और दिवंगत मुलायम सिंह यादव के बीच गहरी राजनीतिक और व्यक्तिगत मित्रता रही है। सुमन को मुलायम का विश्वासपात्र माना जाता रहा है।

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