जयपुर, 05 अप्रैल 2025, सुबह 10:38 बजे PDT
राजस्थान मेडिकल सर्विस कॉरपोरेशन लिमिटेड (RMSCL) में एक बड़ा मामला सामने आया है। 50 दिन की मेडिकल छुट्टी से लौटे OSD विभु कौशिक (RAS) को MD नेहा गिरी (IAS) ने RAS को चार्जशीट थमा दी है। MD ने 6 बिंदुओं का आरोप पत्र जारी करते हुए 15 दिन में जवाब देने को कहा है। आरोपों में दवाइयों की खरीद में देरी जैसे गंभीर इल्जाम शामिल हैं।
नेहा गिरी ने साफ चेतावनी दी है कि अगर 15 दिन में जवाब नहीं आया, तो विभाग एकतरफा कार्रवाई करेगा। साथ ही, OSD से उनकी बीमारी और ठीक होने का मेडिकल सर्टिफिकेट भी मांगा गया है। ऐसा न करने पर सारी छुट्टियां रद्द करने की बात कही गई है।
चार्जशीट के पीछे क्या है मामला?
विभु कौशिक 50 दिन की मेडिकल छुट्टी पर थे। लौटते ही MD ने उन पर सवाल उठाए। आरोप है कि उनकी गैरमौजूदगी में दवाइयों की खरीद प्रक्रिया में देरी हुई, जिससे काम प्रभावित हुआ। MD ने इसे गंभीर लापरवाही माना और RAS को चार्जशीट जारी कर दी। लेकिन इस कदम ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

चार्जशीट पर क्यों उठ रहे सवाल?
राजस्थान सिविल सेवा नियम-1958 के जानकारों का कहना है कि RAS को चार्जशीट देना इतना आसान नहीं। सुपर टाइम स्केल के RAS अधिकारी को चार्जशीट या निलंबन का अधिकार सिर्फ डीओपी (कार्मिक विभाग) के पास है। किसी विभाग का HOD (यहां MD) सीधे चार्जशीट नहीं दे सकता। इसके लिए उसे पहले विभागीय मंत्री से मंजूरी लेनी होती है, फिर DOP को सिफारिश भेजनी पड़ती है। ऐसे में MD नेहा गिरी का ये कदम नियमों के खिलाफ बताया जा रहा है।
MD का पहले भी रहा विवाद
नेहा गिरी इससे पहले भी सुर्खियों में रही हैं। हेल्थ डिपार्टमेंट की प्रमुख शासन सचिव गायत्री ए. राठौड़ से उनकी तनातनी किसी से छिपी नहीं। मौसमी बीमारियों की समीक्षा बैठक में दोनों के बीच तीखी बहस हुई थी। इसके बाद MD ने प्रिंसिपल सेक्रेटरी की बैठकों से दूरी बना ली थी। अब RAS को चार्जशीट का मामला उनके फैसलों पर नए सवाल उठा रहा है।
आगे क्या होगा?
अगर विभु कौशिक 15 दिन में जवाब नहीं देते, तो विभागीय कार्रवाई तय मानी जा रही है। दूसरी ओर, नियमों के उल्लंघन का हवाला देकर इस चार्जशीट को चुनौती भी दी जा सकती है। ये मामला अब चर्चा का विषय बन गया है कि क्या MD का ये कदम कानूनी रूप से सही है या सिर्फ अधिकारों का दुरुपयोग?
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