रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा। रविवार को रूस ने यूक्रेन के सूमी शहर पर बैलिस्टिक मिसाइल से भीषण हमला किया, जिसमें 21 लोगों की जान चली गई। हमले के बाद सड़कों पर शव बिखरे दिखे, और इलाके में दहशत का माहौल है। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने इस हमले की निंदा की और दुनिया का ध्यान इस त्रासदी की ओर खींचा। रूस का सूमी पर बैलिस्टिक मिसाइल हमला न केवल सूमी, बल्कि पूरे यूक्रेन में बढ़ते तनाव का प्रतीक बन गया है। आइए, इस घटना को विस्तार से समझते हैं।
सूमी में हमले का भयावह मंजर
13 अप्रैल 2025 को सूमी शहर में रूस ने बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया। यह हमला तब हुआ, जब लोग पाम संडे मनाने के लिए इकट्ठा हुए थे। हमले में न सिर्फ आम नागरिकों की जान गई, बल्कि कई इमारतें और वाहन भी तबाह हो गए। यूक्रेनी अधिकारियों के मुताबिक, राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं, लेकिन घायलों की संख्या अभी स्पष्ट नहीं है।

जेलेंस्की ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें सड़कों पर बिखरे शव और लोग एक-दूसरे की मदद करते दिख रहे हैं। यह दृश्य युद्ध की क्रूरता को दर्शाता है। सूमी, जो रूस की सीमा से सिर्फ 23 किलोमीटर दूर है, पहले भी कई बार निशाना बन चुका है।
भारतीय दवा गोदाम पर हमला
शनिवार को रूस ने कीव में एक और हमला किया, जिसमें भारतीय फार्मास्यूटिकल कंपनी कुसुम के गोदाम को निशाना बनाया गया। यूक्रेनी दूतावास ने दावा किया कि यह हमला जानबूझकर किया गया। गोदाम में बच्चों और बुजुर्गों के लिए जरूरी दवाएं रखी थीं, जो आग में जलकर खाक हो गईं।
ब्रिटेन में यूक्रेन के राजदूत मार्टिन हैरिस ने कहा कि यह हमला ड्रोन्स के जरिए किया गया, न कि मिसाइल से। उन्होंने इसे यूक्रेनी नागरिकों के खिलाफ रूस का आतंकी कृत्य करार दिया। हालांकि, भारत और रूस की सरकारों ने इस मामले पर अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
सीजफायर की उम्मीदों पर सवाल
रूस का सूमी पर बैलिस्टिक मिसाइल हमला तब हुआ, जब दो दिन पहले ही अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ ने रूस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से सीजफायर पर बातचीत की थी। हाल के महीनों में दोनों देशों ने सैनिकों की अदला-बदली और ऊर्जा ढांचे पर हमले रोकने जैसे समझौते किए थे। पिछले महीने सऊदी अरब के रियाद में 12 घंटे से ज्यादा चली बैठक में भी शांति की संभावनाएं तलाशी गई थीं।
लेकिन सूमी और कीव पर ताजा हमले इन कोशिशों पर सवाल उठाते हैं। रूस का दावा है कि यूक्रेन ने उसके ऊर्जा ढांचे पर हमले किए, जिसके जवाब में उसने यह कार्रवाई की। दूसरी ओर, यूक्रेन का कहना है कि रूस शांति नहीं चाहता और नागरिकों को निशाना बना रहा है।
युद्ध का व्यापक असर
पिछले तीन सालों में रूस ने यूक्रेन के 20% हिस्से पर कब्जा कर लिया है, जिसमें डोनेट्स्क, लुहांस्क, जापोरिज्जिया, और खेरसॉन जैसे इलाके शामिल हैं। सूमी जैसे सीमावर्ती शहर बार-बार रूस के निशाने पर रहे हैं। इस युद्ध में हजारों लोग मारे जा चुके हैं, और लाखों विस्थापित हुए हैं।
हाल ही में रूस के कुर्स्क इलाके में भी दोनों सेनाओं के बीच झड़पें तेज हुई हैं। जेलेंस्की ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हवाई रक्षा प्रणाली मजबूत करने और रूस पर दबाव बढ़ाने की मांग की है।
क्या है आगे की राह?
रूस का सूमी पर बैलिस्टिक मिसाइल हमला और कीव में भारतीय गोदाम पर हमला युद्ध की भयावहता को दर्शाता है। अमेरिका और यूरोपीय देश शांति के लिए कोशिश कर रहे हैं, लेकिन रूस और यूक्रेन के बीच अविश्वास गहरा है। ट्रम्प प्रशासन के तहत दोनों देशों में सैनिकों की अदला-बदली और छोटे समझौतों ने उम्मीद जगाई थी, लेकिन ताजा हमले इन प्रयासों को कमजोर कर रहे हैं।
निष्कर्ष
रूस और यूक्रेन का युद्ध न सिर्फ इन दोनों देशों, बल्कि पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है। रूस का सूमी पर बैलिस्टिक मिसाइल हमला मानवता के खिलाफ एक और क्रूर कदम है। सूमी की सड़कों पर बिखरे शव और जलता भारतीय गोदाम इस युद्ध के दर्दनाक चेहरे को दिखाते हैं। शांति की उम्मीद अभी बाकी है, लेकिन इसके लिए दोनों पक्षों को बातचीत की मेज पर लौटना होगा।
नोट: यह लेख केवल जानकारी के लिए है। युद्ध से जुड़ी खबरें संवेदनशील हो सकती हैं, इसलिए इन्हें सावधानी से पढ़ें।
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