सहारा ग्रुप पर ED की सख्त कार्रवाई: क्या है मामला?
सहारा ग्रुप पर ED कार्रवाई ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरी हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 15 अप्रैल 2025 को महाराष्ट्र के लोनावाला में एंबी वैली सिटी की 707 एकड़ जमीन जब्त की। इस संपत्ति की कीमत ₹1460 करोड़ आंकी गई है। ED का कहना है कि यह जमीन सहारा ग्रुप की कंपनियों से डायवर्ट किए गए फंड्स से बेनामी नामों पर खरीदी गई थी।
यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) 2002 के तहत की गई है। आइए, इस मामले को विस्तार से समझते हैं।
जमीन जब्ती: बेनामी सौदों का खुलासा
ED की जांच में सामने आया कि सहारा ग्रुप ने अपनी कंपनियों से निकाले गए पैसों का इस्तेमाल बेनामी नामों पर जमीन खरीदने में किया। सहारा ग्रुप पर ED कार्रवाई का यह हिस्सा एंबी वैली सिटी जैसे हाई-प्रोफाइल प्रोजेक्ट से जुड़ा है।
- जमीन का क्षेत्र: 707 एकड़
- कीमत: ₹1460 करोड़
- स्थान: लोनावाला, महाराष्ट्र
ED का दावा है कि इन सौदों का मकसद असली मालिकाना हक को छिपाना था। इसके साथ ही, जांच में ₹2.98 करोड़ की नकदी भी जब्त की गई, जिसका कोई हिसाब नहीं मिला।
पोंजी स्कीम का खेल: निवेशकों को कैसे ठगा?
सहारा ग्रुप पर ED कार्रवाई का आधार ओडिशा, बिहार और राजस्थान में दर्ज तीन FIR हैं। ये FIR हुमारा इंडिया क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (HICCSL) के खिलाफ धोखाधड़ी और साजिश के लिए दर्ज की गई थीं। इसके अलावा, देशभर में सहारा से जुड़े 500 से ज्यादा मामले दर्ज हैं, जिनमें 300 से अधिक PMLA के तहत गंभीर अपराध हैं।
ED की जांच में पता चला कि सहारा ग्रुप ने:
- हाई रिटर्न का लालच: निवेशकों को ऊंचे मुनाफे का वादा करके फंसाया।
- जबरन री-इन्वेस्टमेंट: बिना सहमति के लोगों को दोबारा निवेश करने के लिए मजबूर किया।
- पेमेंट में देरी: मैच्योरिटी पर पैसे देने से इनकार किया।
यह सब एक पोंजी-स्टाइल स्कीम का हिस्सा था, जिसमें नए निवेशकों के पैसे से पुराने को भुगतान का भ्रम बनाया गया।
फाइनेंशियल हेराफेरी: रिकॉर्ड्स में गड़बड़ी
सहारा ग्रुप पर ED कार्रवाई ने यह भी उजागर किया कि ग्रुप ने अपने फाइनेंशियल रिकॉर्ड्स में हेराफेरी की। ED के मुताबिक:
- सहारा ने ऐसा दिखाया कि निवेशकों को उनका पैसा वापस कर दिया गया, जबकि हकीकत में ऐसा नहीं था।
- फंड्स का इस्तेमाल बेनामी संपत्तियां खरीदने और लग्जरी लाइफस्टाइल के लिए किया गया।
- नए डिपॉजिट्स लेते रहे, ताकि पुराने बकाये का भुगतान दिखाया जा सके।
इससे निवेशकों का पैसा फंसता गया, और सहारा की देनदारियां बढ़ती रहीं।
जांच का दायरा: बयान और सबूत
ED ने इस मामले में गहन जांच की है। सहारा ग्रुप पर ED कार्रवाई के तहत:
- बयान दर्ज: PMLA की धारा 50 के तहत निवेशकों, एजेंट्स और सहारा कर्मचारियों के बयान लिए गए।
- तलाशी: धारा 17 के तहत सर्च ऑपरेशन में ₹2.98 करोड़ की नकदी और कई दस्तावेज जब्त किए गए।
- FIR का आधार: ओडिशा, बिहार और राजस्थान की पुलिस ने धोखाधड़ी और साजिश के लिए केस दर्ज किए।
ED का कहना है कि जांच अभी जारी है, और और भी संपत्तियों का खुलासा हो सकता है।
निवेशकों का दर्द: हजारों की शिकायतें
सहारा ग्रुप पर ED कार्रवाई का सबसे बड़ा कारण निवेशकों की शिकायतें हैं। देशभर से हजारों लोगों ने कहा कि:
- उनके जीवनभर की कमाई सहारा की स्कीम्स में फंस गई।
- हाई रिटर्न के झांसे में उन्हें ठगा गया।
- पैसे निकालने की कोशिशों के बावजूद कोई जवाब नहीं मिला।
ED का मानना है कि सहारा ने इन निवेशकों के भरोसे का गलत फायदा उठाया और एक अनरेगुलेटेड सिस्टम के जरिए फंड्स का दुरुपयोग किया।
एंबी वैली: सहारा का शानदार प्रोजेक्ट
एंबी वैली सिटी कभी सहारा ग्रुप की शान हुआ करती थी। यह प्रोजेक्ट:
- स्थान: लोनावाला, पुणे जिला
- खासियत: गोल्फ कोर्स, लग्जरी विला, झीलें और कॉटेज
- उद्देश्य: अमीरों के लिए प्रीमियम लाइफस्टाइल
लेकिन अब यही प्रोजेक्ट सहारा ग्रुप पर ED कार्रवाई का केंद्र बन गया है। जब्त की गई 707 एकड़ जमीन इसी प्रोजेक्ट का हिस्सा है।
पहले भी विवादों में रहा सहारा
सहारा ग्रुप पर ED कार्रवाई कोई नई बात नहीं है। पहले भी ग्रुप कई बार कानूनी पचड़ों में फंस चुका है:
- 2012: सेबी ने सहारा की दो कंपनियों को ₹24,000 करोड़ निवेशकों को लौटाने का आदेश दिया।
- 2014: सहारा चीफ सुभ्रत रॉय को गिरफ्तार किया गया।
- 2015: सेबी ने सहारा के म्यूचुअल फंड लाइसेंस रद्द किए।
इन मामलों ने सहारा की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए, और अब ED की ताजा कार्रवाई ने ग्रुप की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
निष्कर्ष: आगे क्या होगा?
सहारा ग्रुप पर ED कार्रवाई ने निवेशकों के बीच उम्मीद जगाई है कि शायद उन्हें उनका पैसा वापस मिले। ED का कहना है कि वह और भी बेनामी संपत्तियों की तलाश कर रही है। लेकिन सवाल यह है कि क्या लाखों निवेशकों को उनका हक मिल पाएगा?
यह मामला अभी कोर्ट में जाएगा, जहां सहारा के दावों और ED के सबूतों की जांच होगी। तब तक, यह कार्रवाई सहारा के लिए एक बड़ा झटका है।
सारांश (Summary)
- कार्रवाई: ED ने लोनावाला में ₹1460 करोड़ की 707 एकड़ जमीन जब्त की।
- आरोप: बेनामी सौदे और पोंजी स्कीम के जरिए निवेशकों को ठगा।
- जांच: ₹2.98 करोड़ नकदी जब्त, कई बयान दर्ज।
- FIR: ओडिशा, बिहार, राजस्थान में 500+ मामले, 300+ PMLA के तहत।
- निवेशक: हाई रिटर्न के लालच में हजारों की कमाई फंसी।
- स्थान: एंबी वैली सिटी, सहारा का प्रीमियम प्रोजेक्ट।
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