रामदेव का शरबत जिहाद बयान: मथुरा में सफाई, रूह अफजा पर सवाल
प्रकाशित: 18 अप्रैल 2025 | स्थान: मथुरा, उत्तर प्रदेश
योग गुरु बाबा रामदेव का शरबत जिहाद बयान एक बार फिर सुर्खियों में है। मथुरा में एक कार्यक्रम के दौरान रामदेव ने अपने पुराने बयान का बचाव किया और कहा कि उन्होंने किसी कंपनी का नाम नहीं लिया था। लेकिन, रूह अफजा बनाने वाली कंपनी हमदर्द ने इसे अपने ऊपर ले लिया। इस बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। आइए, शरबत जिहाद विवाद के पूरे मामले को समझते हैं।
शरबत जिहाद विवाद की शुरुआत कैसे हुई?
सबसे पहले, यह विवाद 3 अप्रैल को शुरू हुआ। रामदेव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक 10 मिनट का वीडियो शेयर किया। इसमें वे पतंजलि शरबत का प्रचार कर रहे थे। वीडियो में उन्होंने कहा, “कुछ कंपनियां शरबत बेचकर मस्जिद और मदरसे बनवाती हैं। वहीं, पतंजलि का शरबत गुरुकुल और भारतीय शिक्षा को बढ़ावा देता है।”
रामदेव ने इसे शरबत जिहाद का नाम दिया। हालाँकि, उन्होंने किसी कंपनी का नाम नहीं लिया, लेकिन लोग इसे रूह अफजा से जोड़ने लगे। इसके बाद से ही यह मामला तूल पकड़ता गया।

रामदेव का बयान: “लव जिहाद, वोट जिहाद की तरह ही शरबत जिहाद भी चल रहा है। पतंजलि का शरबत चुनें, जो सनातन संस्कृति को बढ़ाए।”
मथुरा में रामदेव ने क्या कहा?
शुक्रवार को मथुरा में एक कार्यक्रम के दौरान रामदेव ने अपने बयान पर सफाई दी। उन्होंने कहा, “मैंने किसी का नाम नहीं लिया था। रूह अफजा वालों ने इसे अपने ऊपर लिया, तो इसका मतलब वे जिहाद कर रहे होंगे।”
रामदेव ने आगे कहा कि सनातनियों को यह समझना चाहिए कि कौन सनातन धर्म का गौरव बढ़ा रहा है और कौन इस्लाम का प्रचार कर रहा है। उन्होंने हमदर्द कंपनी पर निशाना साधते हुए कहा, “अगर उन्हें लगता है कि वे इस्लाम को समर्पित हैं, तो उन्हें खुश होना चाहिए। लेकिन अगर किसी को दिक्कत है, तो यह शरबत जिहाद ही है।”
विपक्ष और धार्मिक नेताओं का गुस्सा
रामदेव के इस बयान पर कई लोगों ने कड़ी आपत्ति जताई। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा, “रामदेव अपने शरबत का प्रचार करें, लेकिन रूह अफजा को जिहाद से न जोड़ें। अगर वे जिहाद शब्द से इतना प्यार करते हैं, तो क्या योग जिहाद या पतंजलि जिहाद कहना ठीक होगा?”
वहीं, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने रामदेव पर नफरत फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “रामदेव अपने प्रोडक्ट की बिक्री बढ़ाने के लिए धर्म और नफरत का सहारा ले रहे हैं। यह सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश है।” दिग्विजय ने इस मामले में पुलिस में शिकायत भी दर्ज की है।
रूह अफजा का इतिहास
रूह अफजा एक मशहूर शरबत ब्रांड है, जिसकी शुरुआत यूनानी हकीम हफीज अब्दुल मजीद ने दिल्ली में की थी। हमदर्द दवाखाना से शुरू हुआ यह ब्रांड आज हर साल 300 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई करता है। गर्मियों में रूह अफजा भारत में सबसे पसंदीदा शरबतों में से एक है।
रामदेव के बयान ने इस ब्रांड को विवादों में ला दिया। लोग अब रूह अफजा और पतंजलि शरबत की तुलना कर रहे हैं।
क्यों है यह विवाद इतना बड़ा?
शरबत जिहाद बयान इसलिए विवादास्पद बन गया क्योंकि इसे धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाला माना जा रहा है। रामदेव के बयान ने न केवल रूह अफजा और पतंजलि के बीच तुलना को जन्म दिया, बल्कि सांप्रदायिक तनाव को भी बढ़ाने का आरोप लगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के बयान सामाजिक सद्भाव को नुकसान पहुंचा सकते हैं। साथ ही, यह मामला अब कानूनी दायरे में भी पहुंच गया है।
आगे क्या होगा?
रामदेव के इस बयान ने राजनीतिक और सामाजिक गलियारों में हलचल मचा दी है। कुछ लोग उनके बयान का समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ इसे नफरत फैलाने वाला बता रहे हैं। इस बीच, कानूनी कार्रवाई की मांग भी तेज हो रही है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि शरबत जिहाद विवाद आगे किस दिशा में जाता है। क्या यह मामला कोर्ट तक पहुंचेगा, या फिर शांत हो जाएगा?
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