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तहव्वुर राणा से NIA की 10 घंटे पूछताछ: केवल कुरान, पेन, नोटपैड मांगा, कोई खास खाने की डिमांड नहीं | New PaperDoll

तहव्वुर राणा से NIA की 10 घंटे पूछताछ: केवल कुरान, पेन, नोटपैड मांगा

तहव्वुर राणा से NIA की कड़ी पूछताछ: 2008 मुंबई हमले का सच सामने लाने की कोशिश

2008 के मुंबई आतंकी हमले के प्रमुख आरोपी तहव्वुर राणा से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) लगातार पूछताछ कर रही है। सोमवार को चौथे दिन भी NIA ने राणा से करीब 10 घंटे सवाल-जवाब किए। जांच अधिकारी जया रॉय की अगुवाई में ये पूछताछ दिल्ली के CGO कॉम्प्लेक्स में हो रही है। सूत्रों के मुताबिक, राणा सहयोग कर रहा है। आइए जानते हैं, इस मामले में अब तक क्या हुआ और आगे क्या हो सकता है।

राणा की मांगें: सिर्फ तीन चीजें

पिछले चार दिनों में राणा ने NIA से केवल तीन चीजें मांगी हैं—एक सॉफ्ट-टिप पेन, नोटपैड और कुरान। ये सभी उसे दे दिए गए हैं। हैरानी की बात ये है कि उसने खाने को लेकर कोई खास डिमांड नहीं की। उसे वही स्टैंडर्ड खाना दिया जा रहा है, जो बाकी आरोपियों को मिलता है। राणा को हाई-सिक्योरिटी सेल में रखा गया है, जहां 24 घंटे गार्ड्स और CCTV उसकी निगरानी कर रहे हैं।

हाई-सिक्योरिटी सेल में राणा

राणा को NIA मुख्यालय में 14×14 फीट की एक खास सेल में रखा गया है। यह सेल लोधी रोड पर ग्राउंड फ्लोर पर है। उसे सुसाइड वॉच पर रखा गया है, यानी हर पल उस पर नजर रखी जा रही है। सुरक्षा के लिए सॉफ्ट-टिप पेन दी गई है, ताकि वह खुद को नुकसान न पहुंचा सके। हर 24 घंटे में उसका मेडिकल चेकअप भी हो रहा है।

पूछताछ में क्या सामने आया?

कर्मचारी बी का जिक्र

शनिवार को पूछताछ में एक ‘कर्मचारी बी’ का नाम सामने आया। इस शख्स ने राणा के कहने पर डेविड हेडली के लिए मुंबई में लॉजिस्टिक और ऑपरेशनल सपोर्ट दिया था। NIA के मुताबिक, कर्मचारी बी को आतंकी साजिश की जानकारी नहीं थी। वह सिर्फ राणा के निर्देश पर हेडली के लिए ट्रांसपोर्ट, ठहरने की जगह और ऑफिस की व्यवस्था करता था। अब NIA राणा और कर्मचारी बी को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ करने की योजना बना रही है।

दुबई मैन का रहस्य

राणा ने एक ‘दुबई मैन’ का जिक्र किया है, जिसे 2008 हमले की पूरी प्लानिंग की जानकारी थी। NIA को शक है कि यह शख्स पाकिस्तान और दुबई के बीच आतंकी नेटवर्क का हिस्सा था। वह हमलों की फाइनेंसिंग और लॉजिस्टिक्स में अहम रोल निभा रहा था। इसकी तह तक जाने के लिए NIA राणा से और डिटेल्स निकालने की कोशिश कर रही है।

ISI से कनेक्शन

पूछताछ में यह भी सामने आया कि राणा का पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से गहरा कनेक्शन था। उसे पाकिस्तानी सेना की वर्दी से खास लगाव था। NIA अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि राणा के ISI के साथ कितने गहरे ताल्लुक थे और क्या वह हमलों में सीधे निर्देश दे रहा था।

वॉयस सैंपल की जरूरत

NIA राणा के वॉयस सैंपल लेना चाहती है, ताकि यह पक्का हो सके कि क्या वह नवंबर 2008 में हेडली को फोन पर निर्देश दे रहा था। इसके लिए राणा की सहमति चाहिए। अगर वह मना करता है, तो NIA कोर्ट का रुख कर सकती है। यह सैंपल जांच में बड़ा सबूत बन सकता है।

राणा का प्रत्यर्पण: एक लंबी लड़ाई

तहव्वुर राणा को 10 अप्रैल 2025 को अमेरिका से भारत लाया गया। इसके लिए भारत ने सालों तक कानूनी लड़ाई लड़ी। राणा ने प्रत्यर्पण रोकने के लिए 33 बीमारियों का हवाला दिया था, जिसमें पार्किंसन्स, दिल की बीमारी और कैंसर शामिल थे। उसने यह भी दावा किया था कि भारत में उसे मुस्लिम और पाकिस्तानी मूल की वजह से प्रताड़ना झेलनी पड़ सकती है। लेकिन अमेरिकी विदेश विभाग ने इन दावों को खारिज कर दिया और प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी।

ऑपरेशन राणा: टॉप-सीक्रेट मिशन

राणा को भारत लाने का मिशन ‘ऑपरेशन राणा’ पूरी तरह गोपनीय था। उसे अमेरिका से गल्फस्ट्रीम G550 विमान में लाया गया। फ्लाइट के दौरान NIA का एक अधिकारी राणा का हाथ पकड़कर बैठा रहा, ताकि वह कोई गलत कदम न उठाए। दिल्ली के पालम टेक्निकल एयरपोर्ट पर लैंडिंग के बाद उसका मेडिकल चेकअप हुआ और फिर उसे NIA मुख्यालय ले जाया गया।

राणा का बैकग्राउंड

64 साल का तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। वह पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर था। 1997 में कनाडा चला गया और वहां इमिग्रेशन सर्विसेज का बिजनेस शुरू किया। बाद में वह अमेरिका पहुंचा और शिकागो में फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज नाम की फर्म खोली। वह 7 भाषाएं बोल सकता है और कई देशों की यात्रा कर चुका है।

आगे क्या?

NIA की 18 दिन की कस्टडी के बाद राणा को दिल्ली की तिहाड़ जेल में हाई-सिक्योरिटी वार्ड में शिफ्ट किया जाएगा। NIA को उम्मीद है कि पूछताछ से 2008 मुंबई हमले की पूरी साजिश का खुलासा होगा। खासकर ISI और दुबई मैन के रोल पर नई जानकारी मिल सकती है।

2008 मुंबई हमला: एक दर्दनाक इतिहास

26 नवंबर 2008 को 10 पाकिस्तानी आतंकियों ने मुंबई पर हमला किया था। रेलवे स्टेशन, दो लग्जरी होटल और एक यहूदी सेंटर को निशाना बनाया गया। इस हमले में 166 लोग मारे गए और 238 से ज्यादा घायल हुए। राणा और हेडली ने इस हमले की साजिश रची थी।

सवाल जो बाकी हैं

क्या राणा सचमुच पूरी साजिश उगल देगा? दुबई मैन की पहचान कब तक हो पाएगी? और क्या NIA इस केस में ISI के खिलाफ ठोस सबूत जुटा पाएगी? इन सवालों के जवाब आने वाले दिनों में मिल सकते हैं।

6. Summary (Point-wise)

  • मामला: 2008 मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा से NIA की पूछताछ।
  • पूछताछ: रोज 8-10 घंटे, जया रॉय की अगुवाई में, राणा सहयोग कर रहा है।
  • मांगें: राणा ने सिर्फ कुरान, सॉफ्ट-टिप पेन और नोटपैड मांगा।
  • कर्मचारी बी: राणा के कहने पर हेडली को लॉजिस्टिक सपोर्ट दिया, उसे साजिश की जानकारी नहीं थी।
  • दुबई मैन: हमले की प्लानिंग जानता था, NIA उसकी तलाश में।
  • ISI कनेक्शन: राणा का पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से गहरा रिश्ता।
  • वॉयस सैंपल: NIA हेडली से कॉल की पुष्टि के लिए सैंपल लेना चाहती है।
  • प्रत्यर्पण: 10 अप्रैल को अमेरिका से भारत लाया गया, टॉप-सीक्रेट मिशन।
  • आगे की योजना: कस्टडी के बाद तिहाड़ जेल में हाई-सिक्योरिटी वार्ड।

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