SP-Congress alliance: यूपी में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और सपा की राहें अलग-अलग हो सकती हैं। सीटों की वजह से यह पेंच फंस सकता है।
कांग्रेस और सपा ने प्रदेश में लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ा था और इसके बेहतर परिणाम भी हासिल किए थे। लेकिन, कांग्रेस एक के बाद एक राज्य चुनाव हारती जा रही है। सपा नेताओं का मानना है कि यूपी में भी कांग्रेस का कोई जनाधार नहीं है। इसलिए सिर्फ लड़ने के लिए उसे सीटें नहीं दी जा सकतीं।

यूपी के आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और सपा की राह अलग-अलग हो सकती है। सीटों को लेकर उनके बीच पेंच फंस सकता है। इसकी आशंका दोनों ही दलों के नेता जता रहे हैं। हालांकि, वे सार्वजनिक रूप से इस बारे में कुछ भी कहने के लिए तैयार नहीं हैं।

सपा सूत्रों का कहना है कि आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सपा ज्यादातर सीटों पर अभी से तैयारी कर रही है। अगर कांग्रेस 25-35 सीटों पर मानती है तो ठीक, वरना जिस तरह से दिल्ली और हरियाणा में इंडिया गठबंधन के घटक दल कांग्रेस और आप अलग-अलग लड़े थे, उसी तरह से यहां भी सपा और कांग्रेस के रास्ते अलग-अलग हो सकते हैं। यहां बता दें कि यूपी में कुल 403 विधानसभा सीटें हैं। इंडिया गठबंधन के सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस शायद ही 100 सीटों से कम पर कोई समझौता करने के लिए तैयार हो।
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