UPI सर्विस क्रैश: 15 दिन में तीसरी बार यूजर्स परेशान
भारत का UPI सिस्टम दुनिया में अपनी तेजी और आसानी के लिए मशहूर है। हर घंटे ढाई करोड़ से ज्यादा ट्रांजैक्शन इसके जरिए होते हैं। लेकिन बीते 15 दिनों में UPI सर्विस क्रैश की घटनाएं बढ़ी हैं। 12 अप्रैल को जब Paytm, GPay और PhonePe जैसे ऐप्स फेल हुए, तो लोग परेशान हो गए। कोई समोसे का बिल नहीं चुका सका, तो कोई सलून में घंटों इंतजार करता रहा। आखिर बार-बार UPI सर्विस क्रैश क्यों हो रही है? क्या हमारा डिजिटल पेमेंट सिस्टम खतरे में है? आइए, इसकी तह तक जाते हैं।
सर्विस क्रैश की घटनाएं: कब-कब हुई रुकावट?
UPI ने 2016 में शुरू होकर डिजिटल पेमेंट को आसान बना दिया। रोज 60 करोड़ ट्रांजैक्शन के जरिए 80 हजार करोड़ रुपये का लेन-देन होता है। लेकिन हाल ही में तीन बार UPI सर्विस क्रैश ने यूजर्स को परेशान किया।
- 26 मार्च 2025: करीब 3 घंटे तक UPI डाउन रहा। GPay, PhonePe और Paytm में पेमेंट फेल हुए। 10 से ज्यादा बैंकों की नेट बैंकिंग भी प्रभावित हुई। DownDetector ने 3000 से ज्यादा शिकायतें दर्ज कीं।
- 2 अप्रैल 2025: वित्त वर्ष की क्लोजिंग के चलते कई बैंकों की UPI सर्विस में दिक्कत आई। SBI यूजर्स ने 5000 शिकायतें कीं। NPCI ने इसे बैंकों की सक्सेस रेट में उतार-चढ़ाव की वजह बताया।
- 12 अप्रैल 2025: सुबह 11:30 से 3-4 घंटे तक UPI सर्विस क्रैश रही। 81% यूजर्स को पेमेंट, 17% को फंड ट्रांसफर और 2% को खरीदारी में परेशानी हुई। 1168 से ज्यादा शिकायतें दर्ज हुईं।
सर्विस क्रैश की वजह: क्या है असल कारण?
नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) चलाता है, जिसे RBI और इंडियन बैंक्स एसोसिएशन ने बनाया है। लेकिन बार-बार UPI सर्विस क्रैश होने की कई वजहें सामने आई हैं।
- तकनीकी खराबी: 12 अप्रैल को NPCI ने इसे तकनीकी समस्या बताया, लेकिन विस्तार से कुछ नहीं कहा।
- सर्वर पर लोड: इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, IPL की वजह से गेमिंग ऐप्स में UPI ट्रांजैक्शन बढ़े हैं, जिससे सर्वर पर दबाव पड़ा।
- ट्रांजैक्शन में उछाल: NPCI के आंकड़ों के अनुसार, फरवरी 2025 में 52 करोड़ रोजाना ट्रांजैक्शन थे, जो मार्च में बढ़कर 60 करोड़ हो गए।
- बैकएंड अपडेट: NPCI ने हाल ही में इंटरनेशनल UPI के लिए QR कोड को सीमित किया। इसके लिए बैकएंड में काम चल रहा हो सकता है।
- बैंकों की समस्या: कई बार NPCI का सिस्टम ठीक होता है, लेकिन बैंकों (जैसे SBI, HDFC) के सर्वर में रखरखाव या खराबी की वजह से UPI प्रभावित होता है।
क्या भविष्य में भी UPI सर्विस क्रैश होगी?
बैंक ट्रांसफर को आसान और मुफ्त बनाया। लेकिन इसका एक नुकसान है—सभी बैंक और ऐप्स NPCI के नेटवर्क पर निर्भर हैं। अगर इस नेटवर्क में कोई रुकावट आती है, तो पूरा सिस्टम प्रभावित होता है। NPCI और RBI UPI लाइट और इंटरनेशनल पेमेंट जैसे नए फीचर्स पर काम कर रहे हैं। लेकिन जब तक ये सुधार पूरे नहीं होते, UPI सर्विस क्रैश की आशंका बनी रहेगी। फिर भी, NPCI इसे और मजबूत करने की कोशिश में जुटा है।
अगर UPI पेमेंट अटक जाए, तो क्या करें?
सर्विस क्रैश होने पर कई बार पेमेंट पेंडिंग दिखता है। ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं। आपका पैसा या तो रिसीवर के अकाउंट में जाएगा, या 72 घंटों में आपके अकाउंट में वापस आएगा। कुछ टिप्स:
- डबल पेमेंट से बचें: अगर ट्रांजैक्शन पेंडिंग है, तो कैश देने से पहले इंतजार करें।
- रिसीवर का कॉन्टैक्ट रखें: दोहरे पेमेंट की स्थिति में रिफंड के लिए डिटेल्स काम आएंगी।
- बैंक से संपर्क करें: अगर 72 घंटे बाद भी पैसा न आए, तो बैंक की हेल्पलाइन पर कॉल करें।
क्या आपका पैसा सुरक्षित है?
सर्विस क्रैश होने से बैंक में रखा पैसा पूरी तरह सुरक्षित रहता है। UPI ऐप्स में लॉक, फिंगरप्रिंट और पिन की सिक्योरिटी होती है। बिना पिन के कोई ट्रांजैक्शन नहीं होता। अगर पेमेंट फेल होने पर पैसा डेबिट हो जाता है, तो वह वापस आपके अकाउंट में आ जाता है। NPCI और बैंकों के सर्वर सिक्योर हैं, इसलिए चिंता की कोई बात नहीं।
UPI कैसे काम करता है?
UPI ने पहले के मुश्किल बैंक ट्रांसफर को आसान बना दिया। अब अकाउंट नंबर या IFSC कोड की जरूरत नहीं। सिर्फ UPI ID या QR कोड से पेमेंट हो जाता है। उदाहरण के तौर पर:
- मान लीजिए, रीना (SBI अकाउंट, PhonePe यूजर) अपने दोस्त अजय (HDFC अकाउंट, GPay यूजर) को 500 रुपये भेजना चाहती है।
- रीना PhonePe में अजय की UPI ID डालकर 500 रुपये और पिन डालती है।
- NPCI रीना का अकाउंट चेक करता है, फिर SBI से 500 रुपये डेबिट और HDFC में क्रेडिट करने को कहता है।
- 2-3 सेकेंड में ट्रांजैक्शन पूरा हो जाता है।
दुनिया में UPI की धाक: क्यों है खास?
रफ्तार और सिक्योरिटी ने इसे दुनियाभर में मशहूर किया। 2025 में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युल मैक्रों ने जयपुर में PM मोदी के साथ UPI से चाय का पेमेंट किया और इसकी तारीफ की। भूटान, UAE, कतर और फ्रांस ने UPI को अपनाया। जापान और ब्रिटेन भी इसे लॉन्च करने की सोच रहे हैं। कैश या कार्ड की जरूरत खत्म कर UPI ने डिजिटल पेमेंट को नया आयाम दिया।
UPI का भविष्य: मजबूत, लेकिन सतर्कता जरूरी
UPI सर्विस क्रैश की घटनाएं चिंता बढ़ाती हैं, लेकिन यह सिस्टम अब भी दुनिया का सबसे भरोसेमंद डिजिटल पेमेंट नेटवर्क है। NPCI और RBI इसे और बेहतर करने में जुटे हैं। यूजर्स को भी सावधानी बरतनी चाहिए, ताकि पेमेंट अटकने पर नुकसान न हो।
6. Summary (Point-wise)
- मामला: UPI सर्विस क्रैश 15 दिन में तीसरी बार (26 मार्च, 2 और 12 अप्रैल 2025)।
- प्रभाव: Paytm, GPay, PhonePe जैसे ऐप्स फेल, 80 हजार करोड़ के रोजाना ट्रांजैक्शन प्रभावित।
- वजह: तकनीकी खराबी, सर्वर लोड, IPL गेमिंग और बैंक सर्वर की समस्याएं।
- समाधान: पेंडिंग पेमेंट का इंतजार करें, डबल पेमेंट से बचें, 72 घंटे बाद बैंक से संपर्क करें।
- सुरक्षा: UPI और बैंक अकाउंट पूरी तरह सिक्योर, पैसा वापस आता है।
- दुनियाभर में धाक: भूटान, UAE, फ्रांस ने अपनाया, जापान-ब्रिटेन भी इच्छुक।
Leave a Reply