देशभर में आज सुबह से UPI सर्विस डाउन होने की वजह से लाखों लोग परेशान हैं। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के जरिए पेमेंट करने में यूजर्स को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। सुबह करीब 11:30 बजे से शुरू हुई यह समस्या दोपहर 1:00 बजे तक अपने चरम पर थी। पिछले 20 दिन में यह तीसरा मौका है जब UPI सर्विस डाउन होने से लोगों के रोजमर्रा के लेन-देन प्रभावित हुए हैं।
क्या है समस्या?
ऑनलाइन सर्विसेज की स्थिति बताने वाले प्लेटफॉर्म डाउनडिटेक्टर के मुताबिक, UPI सर्विस डाउन होने की वजह से 81% यूजर्स को पेमेंट करने में मुश्किल हो रही है। इसके अलावा, 17% लोग फंड ट्रांसफर नहीं कर पा रहे हैं, और 2% को ऑनलाइन खरीदारी में रुकावट का सामना करना पड़ रहा है। दोपहर 2:30 बजे तक स्थिति में कुछ सुधार देखा गया, लेकिन अभी भी कई यूजर्स शिकायत कर रहे हैं।
सुबह 11:30 बजे से शुरू हुई इस समस्या की सबसे ज्यादा शिकायतें दोपहर 1:00 बजे दर्ज की गईं। उस समय करीब 2400 लोगों ने UPI सर्विस डाउन होने की रिपोर्ट की। अब तक शिकायतों की संख्या घटकर 300 के आसपास रह गई है, लेकिन पूरी तरह से सर्विस बहाल नहीं हुई है।
NPCI का जवाब
नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI), जो UPI सिस्टम को संचालित करता है, ने इस समस्या को स्वीकार किया है। NPCI ने कहा, “हमें रुक-रुककर तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिसकी वजह से UPI सर्विस डाउन हुई है। हम इसे जल्द से जल्द ठीक करने के लिए काम कर रहे हैं और यूजर्स को अपडेट देते रहेंगे। इस असुविधा के लिए हमें खेद है।”
पहले भी हुईं समस्याएं
यह पहली बार नहीं है जब UPI यूजर्स को परेशानी हुई हो। पिछले 20 दिन में UPI सर्विस डाउन होने की यह तीसरी घटना है।
- 26 फरवरी: UPI सर्विस करीब ढाई घंटे तक ठप रही थी। गूगल पे, फोनपे और पेटीएम जैसे ऐप्स के जरिए पेमेंट करने में दिक्कत हुई थी। कई बैंकों की नेट बैंकिंग और UPI सर्विसेज भी प्रभावित हुई थीं।
- 2 अप्रैल: वित्तीय वर्ष 2025 की समाप्ति के दौरान कई बैंकों की UPI और मोबाइल बैंकिंग सर्विसेज में रुकावट आई। उस समय अकेले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के 5000 से ज्यादा यूजर्स ने शिकायत दर्ज की थी।
UPI कैसे काम करता है?
UPI यानी यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस एक ऐसा सिस्टम है, जो आपको अपने बैंक अकाउंट से सीधे पेमेंट करने की सुविधा देता है। इसके लिए आपको एक वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (VPA) बनाना होता है, जिसे बैंक अकाउंट से जोड़ा जाता है। इसके बाद आपको बैंक अकाउंट नंबर, IFSC कोड या बैंक का नाम याद रखने की जरूरत नहीं पड़ती।
आप किसी के मोबाइल नंबर, UPI आईडी, या आधार नंबर के जरिए आसानी से पैसे भेज सकते हैं। इतना ही नहीं, UPI सर्विस के जरिए आप बिजली बिल, ऑनलाइन शॉपिंग, या दुकानों पर खरीदारी का भुगतान भी कर सकते हैं। भारत सरकार ने 1 जनवरी 2020 से UPI ट्रांजैक्शन को मुफ्त कर दिया था, जिससे इसकी लोकप्रियता और बढ़ गई।
यूजर्स की परेशानी
UPI सर्विस डाउन होने की वजह से लोग सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। कई यूजर्स ने शिकायत की कि वे जरूरी पेमेंट नहीं कर पा रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “UPI बार-बार डाउन हो रहा है। अब तो नकद लेकर चलना पड़ेगा।” एक अन्य यूजर ने कहा, “यह तीसरी बार है जब हमें परेशानी हो रही है। इसे जल्दी ठीक करना चाहिए।”
NPCI और बैंकों की जिम्मेदारी
UPI को NPCI संचालित करता है, जबकि RTGS और NEFT जैसे सिस्टम रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के पास हैं। IMPS और RuPay जैसे सिस्टम भी NPCI के ही जिम्मे हैं। बार-बार UPI सर्विस डाउन होने की घटनाएं सवाल उठा रही हैं कि क्या डिजिटल पेमेंट सिस्टम की मजबूती पर और काम करने की जरूरत है। खासकर तब, जब भारत तेजी से कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है।
अगर आपका पेमेंट अटक जाए तो क्या करें?
- ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक करें: अपने UPI ऐप में ‘ट्रांजैक्शन हिस्ट्री’ देखें। वहां आपको पेमेंट की स्थिति (सक्सेसफुल, फेल्ड, या पेंडिंग) दिखेगी।
- 48 घंटे इंतजार करें: अगर पेमेंट पेंडिंग है, तो 48 घंटे तक इंतजार करें। ज्यादातर मामलों में स्थिति अपने आप अपडेट हो जाती है।
- बैंक से संपर्क करें: अगर 5-7 दिन बाद भी रिफंड नहीं मिलता, तो अपने बैंक की कस्टमर केयर से संपर्क करें। ट्रांजैक्शन डिटेल्स साथ रखें।
- NPCI हेल्पलाइन: अगर बैंक से मदद न मिले, तो NPCI की हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करें।
क्या है आगे की राह?
UPI सर्विस डाउन होने की बार-बार की घटनाएं डिजिटल इंडिया के लिए चुनौती बन रही हैं। शहरों से लेकर गांवों तक, UPI ने लोगों की जिंदगी आसान बनाई है, लेकिन ऐसी रुकावटें यूजर्स का भरोसा डगमगा सकती हैं। NPCI और बैंकों को मिलकर ऐसी तकनीकी समस्याओं का स्थायी समाधान ढूंढना होगा, ताकि देश का डिजिटल पेमेंट सिस्टम और मजबूत हो सके।
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